Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, June 27, 2013

एक मित्र ने इस तबाही के लिए चारधाम यात्रा को जिम्मेदार माना है. मेरे विचार से इस तबाही के लिए चारधाम यात्रा कत्तई जिम्मेदार नहीं है. जिम्मेदार हैं तो पिछली सरकारों और उनके लगुए भगुए नेता. कच्ची उमर के पहाड़ की छाती को विस्फोटों छलनी करने वाले, यूपी हो या उल्टाखंड किसी ने भी हिमालय की पीड़ा पर ध्यान नहीं दिया.

एक मित्र ने इस तबाही के लिए चारधाम यात्रा को जिम्मेदार माना है. मेरे विचार से इस तबाही के लिए चारधाम यात्रा कत्तई जिम्मेदार नहीं है. जिम्मेदार हैं तो पिछली सरकारों और उनके लगुए भगुए नेता. कच्ची उमर के पहाड़ की छाती को विस्फोटों छलनी करने वाले, यूपी हो या उल्टाखंड किसी ने भी हिमालय की पीड़ा पर ध्यान नहीं दिया. नारायण हों, या भगोना, सब ने निश्शंक हो कर उसे लूटा है. उसकी गोद में पले हम सब लोगों ने अपने पितरों की वनों और पर्वतों को भी जीवन्त मान कर उनसे अपनी जरूरत भर की सामग्री लेना छोड़ कर उसे बेतहासा लूटना आरंभ कर दिया. जहाँ लंगूर और बन्दर भी सावधानी से उछलते कूदते थे, वहाँ हमारे बड़े बडे ट्रकों और अर्थ मूवरों ने धिरकना आरम्भ कर दिया. माटी को सहारा देने वाली झाड़ियाँ कब की समूल सरे राह बाजार में लुटा दी गयीं. जो मरे, जो पीड़ित हुए, जो आगे चल कर पीढ़ी दर पीढी पीड़ित होंगे. पहाड़ की नहीं समूची गंगा यमुना के दोआबे को आज ही नहीं कल भी हिमालय की बद दुआ को झेलना होगा.

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...