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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, September 16, 2013

सोनी सोरी तुम मुजफ्फरनगर नहीं हो न तुम बाबरी मस्जिद थी तुम आदिवासी हो तुम्हारे आदि धर्म में दंगा नहीं है न इज्जत के लिए न ईश्वर के घर के लिए




14 hours ago 

सोनी सोरी 
तुम मुजफ्फरनगर नहीं हो
न तुम बाबरी मस्जिद थी
तुम आदिवासी हो
तुम्हारे आदि धर्म में
दंगा नहीं है
न इज्जत के लिए
न ईश्वर के घर के लिए

सोनी सोरी
तुम पर यह देश
न दंगा कर सकता है
और न ही गर्व
क्योंकि आदिवासी औरतें
न हिंदू होती हैं
और न ही मुसलमान
यहां तक कि वे
स्त्री ही नहीं होतीं
इसीलिए कोई खास-आम पार्टी
तुम्हारे लिए मोमबत्ती भी नहीं जलाती

अच्छा है सोनी सोरी
सिर्फ तुमने ही सहे
अपनी योनि में शीशे पत्थर
देश की योनि बची रही

Artist Against All Odd (AAAO) की वाल से साभार
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