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Memories of Another day

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Saturday, April 28, 2012

बंगारू लक्ष्मण को चार साल की जेल

बंगारू लक्ष्मण को चार साल की जेल

Saturday, 28 April 2012 13:37

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (एजेंसी) कल्पित सैन्य सौदे में एक लाख रूपये रिश्वत लेने के मामले में दोषी करार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने आज खराब स्वास्थ्य के आधार पर राहत की मांग की।

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को आज दिल्ली की एक अदालत ने 11 साल पहले के एक कल्पित हथियार सौदा मामले में एक लाख रूपये रिश्वत लेने के मामले में चार साल जेल की सजा सुनाई ।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कंवलजीत अरोड़ा ने 72 साल के पूर्व केंद्रीय मंत्री बंगारू लक्ष्मण को सेना को आपूर्ति की जाने वाली तापीय दूरबीन का ठेका दिलाने के लिए एक नकली हथियार विक्रेता की रक्षा मंत्रालय में अनुशंसा करने के एवज में रिश्वत लेने का दोषी पाया ।
अदालत ने उनकी राहत देने की अपील को खारिज करते हुए जेल की सजा सुनाई और कहा कि सजा पूरी करने के लिए उन्हें हिरासत में लिया जाए ।
अदालत ने बंगारू पर एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया । उन्हें एक स्टिंग आॅपरेशन में पार्टी मुख्यालय स्थित अपने कक्ष में धन लेते कैमरे पर पकड़ा गया था जिसके फौरन बाद उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा ।

न्यायाधीश ने फैसले में कहा, '' मेरा यह मानना है कि अगर दोषी को भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 9 के तहत चार साल के सश्रम कारावास और एक लाख रूपये जुर्माना की सजा दी जाती है तो इससे न्याय का हित पूरा होगा ।''

उन्होंने कहा, ''ऐसा अक्सर कहा जाता है कि हमारी अपनी उदासीनता ही भ्रष्टाचार के लिए दोषी है। 'सब चलता है' की मानसिकता के कारण आज यह स्थिति पहुंची है जहां बिना अवैध लेन देने के कुछ भी आगे नहीं बढता ।''
न्यायाधीश ने कहा, ''सही समय पर सही चीजों को करवाने के लिए भी लोगों को धन देने के लिए मजबूर किया जाता हैं ।''
उन्होंने 14 पन्नों के अपने आदेश में कहा, '' यह वक्त है कि 'सब चलता है' मानसिकता को खत्म करें और अदालत को भ्रष्टाचार के दोषी व्यक्तियों के साथ कड़ाई से पेश आना चाहिए ।''
अदालत ने कहा कि इस मसनसिकता को खत्म करने का यह सही वक्त है । जब संसद ने भ्रष्टाचार की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सजा बढाने और ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कड़ाई से पेश आने के लिए पहला कदम उठाया है तो ऐसे में बारी अब अदालत की है कि वह इसका अनुसरण करे जिससे भ्रष्टाचार के प्रति विधायिका के रूख और संकल्प को पूरा किया जा सके ।
न्यायाधीश ने कहा, यह विवेकपूर्ण सोच कि 'अपराध कभी लाभकर नहीं होता' आज की तथ्यात्मक वास्तविकताओं से मिथ्या साबित हो रहा है । हमारे देश में अपराध परिदृश्य परेशान करने वाला है ।''
उन्होंने कहा, '' इसने मूल्य आधारित समाज बनाने के सर्वसाधारण और बौद्धिक समाज की उम्मीदों को बिखेर कर रख दिया है ।''
अदालत ने कल बंगारू को एक लाख रूपये रिश्वत लेने का दोषी पाया था ।

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