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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Saturday, April 28, 2012

रुश्दी की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर छात्रों ने चिंता जताई

रुश्दी की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर छात्रों ने चिंता जताई

Saturday, 28 April 2012 17:59

इस्लामाबाद, 28 अप्रैल (एजेंसी) भारत में जन्मे बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रुश्दी की दो प्रसिद्ध पुस्तकों 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' और 'शेम' को एमफिल और पीएचडी के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने के एक पाकिस्तानी विश्वविद्यालय के कदम से छात्रों और शिक्षकों की त्योरी चढ़ गई है। इंग्लिश एंड एप्लाइड लिंग्विस्टिक्स विभाग द्वारा रुश्दी की इन किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद पेशावर विश्वविद्यालय परिसर और पेशावर में अन्य जगहों पर प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है। पेशावर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी है।
विभाग के संकाय बोर्ड ने इन किताबों को एमफिल और पीएचडी के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में मंजूर किया है ।
द न्यूज ने आज खबर दी कि यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद की मंजूरी के लिए कला एवं मानविकी संकाय के डीन को एक प्रस्ताव सौंपा गया था।

खबर के मुताबिक अकादमिक परिषद ने प्रस्ताव को ''चर्चा किए बिना ही'' मंजूरी दे दी ।
खबर के अनुसार छात्रों ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है क्योंकि वे रूश्दी को ईशनिंदक मानते हैं।
अकादमिक परिषद के एक सदस्य ने इस मामले के बारे में अनभिज्ञता प्रकट की। उसने कहा कि तीन साल बाद अकादमिक परिषद की बैठक हुई थी और उसे बहुत कुछ करना था।
एक अधिकारी ने नाम जाहिर किये बिना इस अखबार से कहा, ''हम हर बात को मंजूरी देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। यह भी बिना चर्चा के मंजूर हुआ होगा।''
क्रिक्रेटर से नेता बने इमरान खान ने इसी साल यह जानने के बाद भारत में एक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था कि उसमें रूश्दी भी मौजूद होंगे।

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