[LARGE][LINK=/index.php/yeduniya/1397-2012-05-16-07-06-16]क्या गडकरी के पास जवाब है बच्ची की मौत का? [/LINK] [/LARGE]
Written by आरबी सिंह Category: [LINK=/index.php/yeduniya]सियासत-ताकत-राजकाज-देश-प्रदेश-दुनिया-समाज-सरोकार[/LINK] Published on 16 May 2012 [LINK=/index.php/component/mailto/?tmpl=component&template=youmagazine&link=75516865d9b84b1fb976b8e803bbd8f061efdc26][IMG]/templates/youmagazine/images/system/emailButton.png[/IMG][/LINK] [LINK=/index.php/yeduniya/1397-2012-05-16-07-06-16?tmpl=component&print=1&layout=default&page=][IMG]/templates/youmagazine/images/system/printButton.png[/IMG][/LINK]
दो बच्चों की लाश अहमदाबाद में आसाराम बापू के आश्रम में मिली तो बीजेपी सरकार ने आश्रम तहस नहस करा दिया.. बापू की तो मानो रीढ़ तोड़ दी... एक लाश गडकरी के घर में मिली तो उसे बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया.. वाह रे बीजेपी वालों... अच्छा चलना पेश किया.. 2014 में जनता जवाब मांगेगी... क्या अब भी समझ में नहीं आ रहा कि क्षेत्रीय पार्टियां क्यों मज़बूत हो रही हैं... बीजेपी कांग्रेस का विकल्प क्यों नहीं बन पा रही है।
गडकरी से संबंधित आर्टिकिल में लिखी हर बात सही, प्रामाणिक और पत्रकारिता के पेशेवर मानदंडों पर खरी है। दम हो तो गडकरी खुद जवाब दें.. प्यादों से कमेंट न लिखाएं... योगिता की मां ने मुंहजुबानी नहीं... लिखित में हाईकोर्ट के सामने जो कहा है... और जो मेडिकल रिपोर्ट है... उसे जस का तस यहां लिख रहा हूं... योगिता की मां का पता आर्टिकिल में लिखा है... बेसिरपैर की बात लिखने वाले अगर बात करनी हो तो तथ्यों के आईने में करें... नहीं तो बीजेपी नेताओं को जाकर आईना दिखाएं... गडकरी दोबारा अध्यक्ष बनें तो 2014 में इस पार्टी का बे़डा़ खुद ही पार लग जाएगा..... ( भविष्य के लिए याद रखिए...आरबी सिंह कभी गलत नहीं लिखता...बगैर पड़ताल के एक शब्द नहीं लिखा गया है).
CRIMINAL WRIT PETITION NO. 304/2009 IN THE HIGH COURT OF JUDICATURE AT BOMBAY, NAGPUR BENCH, NAGPUR..PETITIONERS 1 SMT VIMAL W/O ASHOK THAKRE, AGED ABOUT 35 YEARS...OCCUPATION MAID SERVANT..2-ASHOK THAKRE, AGED 38 YEARS...BOTH RESIDENTS OF TEKARWADI, DUSRA ROAD, MAHAL, NAGPUR...
VERSUS
STATE OF MAHARASHTRA THROUGH ITS SECRETARY..
THE PETITIONERS BEG TO SUBMIT AS UNDER...
2- THE PRESENT PETITIONERS ARE MOTHER AND FATHER RESPECTIVELY OF YOGITA THAKRE, A 7 YEARS OLD GIRL, WHOSE BODY WAS DISCOVERED IN THE CAR BELONGING TO BJP PRESIDENT, SHRI NITIN GADKARI ON 19-05-2009 BETWEEN 6 AND 7 PM....PETITIONERS FOUND THAT THERE WAS POOL OF BLOOD ON THE BODY OF YOGITA ....IT IS SHOCKING AND SURPRISING THAT THE CAR IN WHICH THE BODY WAS FOUND, WAS TAKEN AWAY TO THE AIRPORT IMMEDIATELY AFTER THE BODY WAS TAKEN OUT FROM THE CAR.............
.....THE POST MORTEM REPORT ALSO SOWS THAT THERE WER BLOOD STAINS FOUND ON THE UNDERWEAR OF YOGITA..DRIED BLOOD FOUND OVER THE SKIN OVER THE RIGHT THIGH..THERE WAS ABRASION OVER ANTERIOR SURFACE OF RIGHT LABIA MINORA 1/2 CM X 1/2 CM SMAAL BLOOD ADHERENT TO ABRADED AREA.....AND VARIOUS ABRASION SUCH AS OVER LEFT SIDE OF FACE, OVER PHILTHRUM OF LEFT UPPER LIP, OVER RIGHT FORE ARM.OVER FRONT OF RIGHT KNEE AND OTHER CONTUSIONS WERE FOUND ON THE BODY..THE INJURIES WERE FRESH...
THE PETITIONERS FIND THAT NO PROPER INVESTIGATION HAS TAKEN TILL DATE AND IT IS ESSENTIAL THAT THE CBI SHOULD BE HANDED OVER THE INVESTIGATION....
मराठी में लिखित मूल दस्तावेज के मुताबिक.... इन्कवेस्ट पंचनाम्यात 'योगिताचा मृत्यू बलात्काराच्या प्रयत्नातुन (खून)' झाल्याचा संशय वरिष्ठ पोलिस निरीक्षक श्री आरएम काटोले आणि पंचानि व्यक्त केल्यावरही पोस्टमार्टम करणाच्या डॉ. पीजी दीक्षित यानी मृतदेहाच्या हाताच्या नखांचे सपल घेवून फोरेन्सिक तपासणीसाठी दिले नाही..त्यानी असे का केले याची सखोल चौकशी होणे जरूरी आहे.....
(दस्तावेज में सबसे अहम पंक्तियां जिसमें सीधे सीधे गडकरी पर बच्ची के माता-पिता ने संदेह जाहिर किया है....उसे भी लिख देता हूं...मराठी भाषा समझ में न आए तो पढ़वा कर अर्थ निकालवा ले...)
पैरा...23...हाईकोर्ट में पेश दस्तावेज के मुताबिक, पैरा 23...उपरोक्त सर्व आक्षेपांचा सखोल विचार केल्यास माझी मुलगी कु योगिता हिचेवर गडकरी वाडयात अज्ञात नराधमाने बलात्काराचा प्रयत्न केला...त्याच क्षणी माझी पत्नी सौ. विमल माझ्या मुलीला शोधत त्या ठिकाणी आल्यामुले वरील नमूलद संशयीत आरोपींचा प्रयत्न फसला आणि त्यांचा गोंधल उडून माइया मुलीचा मृतदेहच गवसला असा माझा पक्का संशय आहे आणि या बलात्कार व ह्त्या कांडातील हेच खरे सत्य असावे जे दडपाण्याचा मोठया प्रामाणात प्रयत्न होत आहे...याचा अर्थ माझा मुलीलचा बलात्कारच्या प्रयात्नातून खुन करणारा हा जो कोणी संशयीत नराधम आरोपी आहे तो कुणी सर्वसाधारण नही तो इसम नक्कीच फार मोठा पैसेवाला मोठे राजकीय पाठबल असलेला पॉवरफुल व्यक्ति आहे आणि तो कोण आहे याची पूर्ण जाणीव श्री नितिन गडकरी याना असावी असा मला संशय आहे..त्यामुलेच हे संपूर्ण प्रकरण साम दाम दंड भेद या भावनेतुल प्रबल राजकीय दडपानने दाबण्याचा जोरदार प्रयत्न झाल्याचे एकदरित दिसुन येते।
(संक्षेप में हिंदी भाव ये है कि ...बच्ची योगिता के पिता का बयान है....मेरी बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश हुई...उसका कत्ल गडकरी के घर पर हुआ.. इसमें शामिल आदमी कोई साधारण नहीं है... इसीलिए उसे बचाने के लिए गडकरी ने पूरी राजनीतिक ताक़त लगा रखी है... वो शख्स कौन है... गडकरी अच्छी तरह जानते हैं.. इसमें मुझे शक नहीं है... इसीलिए गडकरी साम दाम दंड भेद के जरिए.. राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर जोरदार दबाव बना चुके हैं ताकि सच सामने ना आ पाए)....एक गरीब बाप का ये आरोप क्या गडकरी समेत बीजेपी नेताओं के लिए चुल्लू भर पानी है या नहीं.....आखिर गडकरी को बीजेपी सीने से लगाए क्यों है...इस आदमी को एक मिनट सार्वजनिक जीवन में रहने का हक नहीं है.... आखिर किसके दबाव में महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिए.. क्यों नहीं दिए... क्योंकि सीबीआई जांच होती तो सुबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में ही गडकरी जेल चले जाते... बाकी मूल आरोप तो अपनी जगह है।
हाईकोर्ट ने दोबारा जांच के अपने आदेश में भी पूछा है कि गडकरी की कार क्यों मौके से फौरन हटाई गई... कार के भीतर से फिंगर प्रिंट्स पुलिस ने क्यों नहीं लिए?.. गडकरी का छोटा बेटा निखिल घर में था या नहीं.. गेट पर दो पुलिस वाले थे... कार सामने थी.. उसमें बच्ची तड़पती रही ..पुलिस वाले देख नहीं पाए.. ऐसा कैसे हो सकता है...(साफ है कि बच्ची कहीं और मरी..गाड़ी में रखकर एक्सीडेंटल मौत की साजिश रची गई)
हाईकोर्ट के आदेश में पेज नंबर 12 पर लिखा है.....DR. SAYARA MARCHENT ( HEAD, PAEDIATRICS, NAGPUR MEDICAL COLLEGE) AFTER CONSIDERING THE DEATH OF YOGITA HAS OPINED THAT DEATH COULD NOT HAVE BEEN CAUSED IN THE CAR.
हाईकोर्ट के माननीय जजों ने लिखा...पेज 24..पैरा 22 HENCE WE ARE OF THE CONSIDERD OPINION THAT THE APPREHENSION EXPRESSED BY THE PETITIONERS CAN NOT BE SAID TO BE BASELESS....THIS IS A FIT CASE IN WHICH INVESTIGATION DESERVES TO BE HANDED OVER TO ANY OTHER AGENCY FOR PROPER AND EFFECTIVE INVESTIGATION...WE THEREFORE, DIRECT TO STATE CID TO INVESTIGATE FURTHER
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(लेखक का शक साफ है कि गडकरी बच्ची की मौत वाले दिन कहीं बाहर नहीं थे। नागपुर में ही थे...गडकरी का छोटा बेटा तो गवाहों और पुलिस के बयान के मुताबिक घर पर ही था, गडकरी की पत्नी शायद बाहर गईं थीं...यानी घर में अकेले उनका बेटा ही था...गेट पर दो पुलिस वाले थे...हाते में कार थी.. एक गडकरी की निजी कार... दूसरी उनकी कंपनी के एमडी की कार... पुलिस के मुताबिक, गडकरी के निजी सचिव शाम को घर पर लाश की बरामदगी के वक्त दिखे.. एक और आदमी वहां था.. साफ है कि शक की सुई गडकरी के बेटे पर जाती है.... आखिर गडकरी ने केस को दबाने में पूरी ताक़त क्यों लगा रखी है... इसे समझना क्या किसी कानूनी और पेशेवर आदमी के लिए मुश्किल है...कोई मुश्किल नहीं है। )
[B]लेखक आरबी सिंह पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं.[/B]
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