बड़े बांध के विरोध में बैठे अन्दोलान्करियो पर असम सरकार कि दमनात्मक कार्यवाही
असम के लखीमपुर जिले में पिछले कई महीनो से कृषक मुक्ति संग्राम समिति एवेम अन्य नौ संगठनो द्वारा नीचले सुबनसिरी पर बनाये जा रहे बड़े बांध का विरोध करने वाले अन्दोलान्करियो पर ११ मई को पुलिस द्वारा ज़बरदस्त दमनात्मक कार्यवाही की गई है. सुबनसिरी में बनाये जा रहे बड़े बांध को लेकर जनसंगठनो का आन्दोलन को बड़े पैमाने पर आम जनता का समर्थन हासिल हो रहा है जिसके चलते बांध को बनाये जाने की सामग्री को ले जाने वाले मार्गो पर अन्दोलान्करियो ने पिछले पांच महीने से नाकेबंदी की हुई है. इसको लेकर असम सरकार काफी परेशान थी. कभी अन्दोलान्करियो को नाक्साली तो कभी आतंकवादी करार करने से असम सरकार गुरेज़ नहीं कर रही थी. आन्दोलन का नेतृत्व करने वाले अखिल गोगोई को पर कई बार सरकार ने झूटे मुकदमे कर जेल में भी निरुद्ध किया लेकिन जनांदोलन के दबाव के चलते अखिल गोगोई को उन्हें जल्दी ही छोड़ना पड़ा. अन्दोलान्दरियो की मांग है की सुबनसिरी नदी पर बनाये जा रहा बांध सभी पर्यावरण मानको का उल्लघन करते है और इस बांध के बनने से असम और अरुणांचल के असंख्य परम्परागत लोगो की आजीविका छीन जाएगी और बड़े पैमाने में पर्यवार्निये संकट पैदा हो जायेगा. आन्दोलनकारी इस बाँध पर एक उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे है. लेकिन इस और अभी तक असम सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है व् लगातार इस आन्दोलन को कुचलने के लिए धरना स्थल पर एक महीने से सरकार द्वारा पुलिस छावनी तैयार की जा रही थी.
ज्ञातव्य हो की १6 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश में सियांग वादी में अन्दोलान्करियो द्वारा बांध के विरोध में जे पी कंपनी के कई गाड़िया, ऑफिस और जाँच घर तक जला दिए गई थे. इन सब आन्दोलन के मद्देनज़र एक हफ्ते बाद ही प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह ने असम और अरुन्चंल का दौरा कर मीडिया के समक्ष यह बयान दिया था की अरुणांचल व असम में बड़े बंधो को लेकर चल रहे अन्दोलोनो द्वारा उठाये जा रहे सवालो पर विचार किया जायेगा व इन बंधो की समीक्षा की जाएगी.
लेकिन यह विडम्बना है की प्रधान मंत्री द्वारा इस आश्वासन के बावजूद भी अन्दोलान्करियो पर दमनात्मक कार्यवाही की गई. पुलिस द्वारा ११ मई को सभी अन्दोलान्करियो की बेरहमी से पिटाई की गई व लगभग दस आन्दोलनकारी इस समय लापता है. अनोलान्करियो के घरो में घुस कर पुलिस द्वारा अन्दोलान्करियो के परिवारों के साथ भी दमन किया जा रहा है. महिलाओ के साथ भी काफी अभद्रता की गई है. यह सब तब हुआ जब देश के प्रधान मंत्री इस क्षेत्र का दौरा करने के बाद लौटे. इस दमनात्मक कार्यवाही से तो यही लगता है की स्वयं प्रधान मंत्री ने अन्दोलान्करियो से डंडे से निपटने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए है. इस तरह की दमनात्मक कार्यवाही के बावजूद भी अभी तक बांध स्थल पर निर्माण सामग्री को पहुँचने नहीं दिया जा रहा है. कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने घोषणा की है की अगर सरकार बातचीत के बजाय दमन पर उतारू होगी तो प्रदेश व्यापी आन्दोलन शुरू होगा. इस पुलिसिया कारवाही पर १३ मई को अन्दोलान्करियो ने एक दिवसीय बंद का भी आहवान किया था.
ज्ञातव्य हो की १6 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश में सियांग वादी में अन्दोलान्करियो द्वारा बांध के विरोध में जे पी कंपनी के कई गाड़िया, ऑफिस और जाँच घर तक जला दिए गई थे. इन सब आन्दोलन के मद्देनज़र एक हफ्ते बाद ही प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह ने असम और अरुन्चंल का दौरा कर मीडिया के समक्ष यह बयान दिया था की अरुणांचल व असम में बड़े बंधो को लेकर चल रहे अन्दोलोनो द्वारा उठाये जा रहे सवालो पर विचार किया जायेगा व इन बंधो की समीक्षा की जाएगी.
लेकिन यह विडम्बना है की प्रधान मंत्री द्वारा इस आश्वासन के बावजूद भी अन्दोलान्करियो पर दमनात्मक कार्यवाही की गई. पुलिस द्वारा ११ मई को सभी अन्दोलान्करियो की बेरहमी से पिटाई की गई व लगभग दस आन्दोलनकारी इस समय लापता है. अनोलान्करियो के घरो में घुस कर पुलिस द्वारा अन्दोलान्करियो के परिवारों के साथ भी दमन किया जा रहा है. महिलाओ के साथ भी काफी अभद्रता की गई है. यह सब तब हुआ जब देश के प्रधान मंत्री इस क्षेत्र का दौरा करने के बाद लौटे. इस दमनात्मक कार्यवाही से तो यही लगता है की स्वयं प्रधान मंत्री ने अन्दोलान्करियो से डंडे से निपटने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए है. इस तरह की दमनात्मक कार्यवाही के बावजूद भी अभी तक बांध स्थल पर निर्माण सामग्री को पहुँचने नहीं दिया जा रहा है. कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने घोषणा की है की अगर सरकार बातचीत के बजाय दमन पर उतारू होगी तो प्रदेश व्यापी आन्दोलन शुरू होगा. इस पुलिसिया कारवाही पर १३ मई को अन्दोलान्करियो ने एक दिवसीय बंद का भी आहवान किया था.
Police oppression on anti-dam protestors in Assam
The Anti-Lower Subansiri Hydro-power project of the NHPC since November 2011 has been under intense police repression. The protestors had blocked all goods transported to the project site. This eventually stopped the works at the project site since December 2011. Both women, men belonging to the KMSS, Assam; AJYCP, TMPK and others were in the street since last year.
The government has however unleashed unprecedented police repression since last week. A number of protesters are now arrested and they have been exposed physical torture. Most families in the district of Lakhimpur have now faced some kind of repression. Most young men have fled as one or other have been continuously arrested.
As of now the administration has not succeeded been able to carry goods to project site. The workers of the petroleum goods are also in the strike in these areas against police repression.
We will update you further all next development. For details Contact Bedanta Laskar, Assisant General Secretary KMSS 09435561832
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