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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, September 4, 2015

प्रो. कलबुर्गी की हत्‍या के विरोध में उदय प्रकाश ने साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार लौटाया



प्रो. कलबुर्गी की हत्‍या के विरोध में उदय प्रकाश ने साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार लौटाया


(हिंदी के नामचीन लेखक उदय प्रकाश ने हिंदुत्‍ववादी ताकतों द्वारा कन्‍नड़ के विद्वान प्रो. कलबुर्गी की हत्‍या के विरोध में साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार लौटाने की घोषणा की है। उन्‍होंने शुक्रवार की सुबह अपने फेसबुक वॉल पर इस संबंध में निम्‍न पोस्‍ट लिखा है)





पिछले समय से हमारे देश में लेखकोंकलाकारोंचिंतकों और बौद्धिकों के प्रति जिस तरह का हिंसकअपमानजनकअवमानना पूर्ण व्यवहार लगातार हो रहा हैजिसकी ताज़ा कड़ी प्रख्यात लेखक और विचारक तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कन्नड़ साहित्यकार श्री कलबुर्गी की मतांध हिंदुत्ववादी अपराधियों द्वारा की गई कायराना और दहशतनाक हत्या है,उसने मेरे जैसे अकेले लेखक को भीतर से हिला दिया है।

अब यह चुप रहने का और मुँह सिल कर सुरक्षित कहीं छुप जाने का पल नहीं है। वर्ना ये ख़तरे बढ़ते जायेंगे।

मैं साहित्यकार कुलबर्गी जी की हत्या के विरोध में 'मोहन दासनामक कृति पर २०१०-११ में प्रदान किये गये साहित्य अकादमी पुरस्कार को विनम्रता लेकिन सुचिंतित दृढ़ता के साथ लौटाता हूँ।

अभी गॉंव में हूँ। ७-८ सितंबर तक दिल्ली पहुँचते ही इस संदर्भ में औपचारिक पत्र और राशि भेज दूँगा।

मैं उस निर्णायक मंडल के सदस्यजिनके कारण 'मोहन दासको यह पुरस्कार मिलाअशोक वाजपेयी और चित्रा मुद्गल के प्रति आभार व्यक्त करते हुएयह पुरस्कार वापस करता हूँ।

आप सभी दोस्तों से अपेक्षा है कि आप मेरे इस निर्णय में मेरे साथ बने रहेंगेपहले की ही तरह।

आपका

उदय प्रकाश।
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