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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Sunday, February 24, 2013

सोनी सोरी को रिहा करो!

सोनी सोरी को रिहा करो!
सोनी सोरी , अपर्णा मरांडी , शीतल साठे , आरती मांझी हमारे समय की बहादुर महिलायें हैं.
इन सभी में दो कुछ बातें समान हैं . 

पहली कि ये सभी जेल में हैं या उन्हें शीतल साठे की तरह फरार होना पड़ा हैं. 
दूसरी ये कि सभी यह सभी महिलायें आदिवासी या दलित हैं .

लेकिन यह पूरी सूची नहीं है .आज भी हजारों महिलायें सिर्फ दलित और आदिवासी होने के कारण जेलों में हैं उनके शरीर पर सरकारी हमला हुआ है और उनकी आवाज़ को वहीं कुचल दिया गया है .

इतिहास में जब इन महिलाओं का ज़िक्र आएगा तो यह भी लिखा जायेगा कि यह घोर अपराध हमारे सामने हमारी बनाई हुई सरकारें कर रही थीं और हम चुप थे .

काश कि ये महिलायें भी पाण्डेय , मिश्रा, शर्मा , चोपड़ा , खानम , शेख या सिंह होती और इनका जन्म झारखण्ड , बस्तर या महाराष्ट्र की किसी झोंपड़ी में ना हुआ होता . 

काश कि हम वेद भक्त, कुरआन भक्त असली धर्मिक भी होते और सबकी बराबरी को अपना मज़हब मानते .

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