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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, February 22, 2013

“हाँ” और “ना” के हाशिये पर खड़ा है “बलात्कार का आरोप और आरोपी”

"हाँ" और "ना" के हाशिये पर खड़ा है "बलात्कार का आरोप और आरोपी"


-शिवनाथ झा||

आप माने या नहीं, लेकिन यही सत्य है – सरकार द्वारा गठित फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट को जिन "बलात्कार" सम्बन्धी मुकदमो को निपटाने का जिम्मा दिया गया है, वही कोर्ट इस बात को लेकर दंग है कि भारतीय समाज में आज लड़कियों की पंद्रह वर्ष की उम्र में अपने पसंद के लड़कों से शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने की इच्छा प्रबल हो जाती है, और वे उनके साथ जमकर सेक्स एन्जॉय करती हैं. teenage

दिल्ली के एक फ़ास्ट-ट्रेक कोर्ट के विश्लेषण ने भारतीय सामाजिक व्यवस्था, विशेषकर 'बलात्कार का आरोप और आरोपी' को हाशिये पर खड़ा कर दिया है.

इतना ही नहीं, समाज में लड़कियों के माता – पिता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि उनकी बेटियों को किस "उम्र" में किस पर-पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध स्थापित करने की आवश्यकता है, चाहे वह विवाहित हो या नहीं!

अतिरिक्त सेशन जज वीरेंद्र भट्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि क्या प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ओफ़्फ़ेन्सेस एक्ट के अधीन प्रदत "लड़कियों की उम्र सीमा" पर फिर से अवलोकन करने की आवश्यकता है? और इनका चिंतित होना स्वाभाविक भी है क्योकि इस नियम के अधीन भारतीय कोर्टों में जितनी भी याचिकाएं पड़ी हैं और जिसका निष्पादन फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट कर रहा है, उसमे पंद्रह से सत्रह वर्ष की लड़कियों की संख्या हिन्द-महासागर की तरह है जिन्होंने "स्वेच्छा" से अपने पसंद के लड़कों के साथ "शारीरिक सम्बन्ध" स्थापित किया हैं

कोर्ट का मानना है की आज पंद्रह वर्ष की उम्र की लड़कियां मानसिक रूप से उतनी कमजोर नहीं होती कि  कोई लड़का उसे फुसला-कर शारीरिक सम्बन्ध स्थापित कर ले. यह आपसी रजामंदी के बिना संभव नहीं है. वर्तमान हालातों और कोर्ट के पास पड़े मुकदमों से ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकांश मामलों में लड़कियों ने अपनी इच्छा से शारीरिक सम्बन्ध स्थापित किये हैं और ऐसे मामलों में उनके माता-पिता विभिन्न कारणों से "बलात्कार" के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया है.

कोर्ट का यह भी मानना है की "ऐसी परिस्थिति में लड़का और लड़की दोनों ही कानून के तहत दोषी हैं जो 'उस क्षण' का लाभ उठाते है. दुर्भाग्य यह है कि लड़के कारागार में बंद हो जाते है या फिर रिमांड होम में और लडकियाँ घर में रहती हैं."

http://mediadarbar.com/16393/allegation-and-accused-on-the-margin-of-yes-and-no-of-rape/

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