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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, May 10, 2013

कोयला दहक रहा है।इस कोयले को छू लोगे तो राख में तब्दील हो जाओगे!

कोयला दहक रहा है।इस कोयले को छू लोगे तो राख में तब्दील हो जाओगे!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


कोयला बहुत बुरी चीज है।कोयले के धंधे में मुंह काला होता है ,यह तो कोलगेट ने साबित ही कर दिया है। लेकिन अभी कोई नहीं बता पाया कि आखिर इस धंधे मे सफेद क्या है। अब जबकि कोयला घोटाले की वजह से सीबीआई पिंजरे में तोता बनकर रह गयी और  असमय संसद का सत्रावसान भी हो गया कि कम सेकम संसद में प्रधानमंत्री कीइस्तीफे कीमांग तेज न हो, तब हालत यह है कि भारत सरकार की नवरत्न कंपनी कोल इंडिया में सरकारी हिस्सेदारी महज तीस फीसद तक सिमट गयी है। वहीं अक्टूबर में राष्ट्रीय इस्पात के 10 फीसदी शेयरों की बिक्री संभव है। आरआईएनएल के आईपीओ के लिए जून अंत अर्जी दी जा सकती है। जून-जुलाई तक हिंदुस्तान कॉपर के विनिवेश का दूसरा चरण पूरा किया जा सकता है। इससे कोयला कारोबार, कोयला प्रबंधन और कोयलांचलों पर चौतरफा असर हेना तय है। अब मोटामूटी कोयले पर बाजार और सरकार की दोहरी मार है। नतीजन कोयला दहक रहा है।इस कोयले को छू लोगे तो राख में तब्दील हो जाओगे। यह चेतावनी आम उपभोक्ताओं के लिए मौजूं है। कायलांचल वासियों पर इसका क्या असर होगा , कहना मुश्किल है क्योंकि वे तो भाई आग, धुआं और राख के बीच जनमते हैं और उसी में दम तोड़ देते हैं। बहरहाल, बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने कोल इंडिया के विनिवेश को मंजूरी दे दी है। सरकार ने एक्सप्लोसिव के खनन पर प्रतिबंध लगाया है। कोल इंडिया के लिए ये खराब खबर है। इससे शेयर पर कुछ दबाव देखा जा सकता है। शेयर कुछ समय के लिए 270-310 रुपये के दायरे में बना रहेगा। फिलहाल कोल इंडिया में खरीदारी नहीं करनी चाहिए।कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की कल शाम एक बैठक होनी है और कहा जा रहा है कि इसमें रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और विधि मंत्री अश्विनी कुमार के भाग्य का फैसला हो सकता है।इससे कोयले से जुड़े शेयर और टूटने के आसार हैं।बंसल ने कल शाम केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हिस्सा नहीं लिया जिससे यह संकेत मिले कि उन्हें बाहर किया जा सकता है।रेल मंत्री के भांजे विजय सिंगला को रेलवे बोर्ड में एक सदस्य को पदोन्नत करने की कथित रूप से कोशिश करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।विधि मंत्री अश्विनी कुमार कोयला घोटाला दबाने के लिए सीबीआई को तोता बनाने के दोषी बताये जा रहे हैं।इसलिए उनकी बलि तय मानी जा रही है क्योंकि इस मामले ​​में खुद प्रधानमंत्री की गरदन फंसी हुई है। पर इस चक्कर में प्रधानमंत्री की गरदन तो इस अंधेर नगरी में बच जायेगी लेकिन कोयला उद्योग की ऐसी तैसी हो जायेगी।


कोयला शुल्क में वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला जाना चाहिए और इसका भार खुद कोयला कंपनियों को उठाना चाहिए। एक संसदीय समिति ने कहा है कि स्टोइंग उत्पाद शुल्क (एस.ई.डी.) में प्रस्तावित बढ़ौतरी से बिजली की दरें बढ़ेंगी।


कोयला एवं इस्पात पर संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि समिति का निष्कर्ष है कि स्टोइंग उत्पाद शुल्क को बढ़ा कर 20 रुपए प्रति टन किए जाने के बाद प्रस्तावित वृद्धि का बोझ बिजली उपभोक्ताओं पर डालने का प्रस्ताव है। समिति ने कोयला खान (संरक्षण एवं विकास) संशोधन विधेयक, 2012 की समीक्षा के बाद कहा है कि एस.ई.डी. में 20 से 30 फीसदी की वृद्धि का बोझ कोयला कंपनियां उठाएं और इसे बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाए।


इंटर मिनिस्ट्रिल ग्रुप ने कोल इंडिया में 10 फीसदी विनिवेश की मंजूरी गुरुवार को दे दी। अभी कंपनी में सरकार की 90 फीसदी हिस्सेदारी है। एक ऑफिशियल ने बताया, 'इंटर मिनिस्ट्रिल ग्रुप की मीटिंग कोल इंडिया में विनिवेश की प्रक्रिया तय करने के लिए बुधवार को हुई थी। पैनल ने इसमें 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है।' हालांकि, हिस्सेदारी किस तरह से बेची जाएगी, इस बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है। विनिवेश विभाग जल्द ही इसका निर्णय करेगा। इंटर मिनिस्ट्रयल ग्रुप के मुखिया विनिवेश  सचिव रवि माथुर हैं।


सरकार विनिवेश से करीब 20,000 करोड़ जुटाने की तैयारी में है। उसने वित्तीय वर्ष 2014 में विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। कोल इंडिया में हिस्सेदारी सितंबर 2013 तक बेची जा सकती है।सूत्रों ने बताया, 'सरकार इस महीने के अंत तक मर्चेंट बैंकर्स और लीगल एडवाइजर अप्वाइंट कर देगी और डिसइनवेस्टमेंट प्रोसेस सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।' कोल इंडिया का पेडअप कैपिटल 6,316.36 करोड़ रुपए है। सरकार 63.16 करोड़ शेयरों को बेचने की तैयारी में है, जो कंपनी के कैपिटल बेस का 10 फीसदी है। अगर कोल इंडिया इस प्रक्रिया की शुरुआत करती है, तो सरकार शेयरों के बायबैक के जरिए इसमे छोटा सा हिस्सा बेच सकती है। मौजूदा बायबैक रूल्स के मुताबिक, कंपनी स्टैंडअलोन आधार पर नेटवर्थ का 25 फीसदी शेयर बायबैक कर सकती है। कोल इंडिया की स्टैंडअलोन नेटवर्थ 19,000 करोड़ रुपए से कुछ ज्यादा है। सब्सिडियरी कंपनियों की नेटवर्थ एडजस्ट करने के बाद कोल इंडिया की नेटवर्थ 40,453 करोड़ रुपए है। हालांकि, मौजूदा नॉर्म्स के तहत कंसॉलिडेटेड नेटवर्थ को बायबैक से लिंक करने की इजाजत नहीं है। मामले से जुड़े दूसरे शख्स ने बताया, 'अगर कोल इंडिया बायबैक को चुनती है, तो वह सिर्फ 4,500 करोड़ के शेयर ही खरीद सकती है। सरकार 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया तेज करने में जुटी है और उसे मामूली बायबैक की उम्मीद है। हालांकि, यह पूरी तरह से कंपनी की पहल पर भी निर्भर करता है।' उन्होंने यह भी बताया कि जून तक कंपनी की ऑडिटेड बैलेंसशीट तैयार हो जाएगी और इश्यू फेस्टिवल सीजन से ठीक पहले खुलेगा।


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