Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, May 16, 2012

रेखा की रासलीला पर जया का जलजला

http://visfot.com/home/index.php/permalink/6427.html

रेखा की रासलीला पर जया का जलजला

By  
रेखा की रासलीला पर जया का जलजला

टीवीवाले शायद यही चाहते थे. और वह हो गया. जया बच्चन ने आखिरकार राज्यसभा के सभापति से शिकायत दर्ज करा ही दी कि रेखा के शपथ ग्रहण के दौरान अनावश्यक रूप से उनके ऊपर फोकस किया गया. प्रसारण क्योंकि राज्यसभा चैनल करता है जो कि सीधे तौर पर राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति के अधीन होता है इसलिए शिकायत उन्हीं से करना लाजिमी भी है.

जया की शिकायत जायज है. पहली बात तो यह है कि आखिर सरकार ने क्या सोचकर रेखा गणेशन को राज्यसभा की सीट दिया. रेखा मशहूर अदाकारा रही हैं लेकिन कांग्रेस के राज में सिर्फ अदाकारा, गुलकारा होने से राज्यसभा की पात्रता नहीं बनती है. इसके लिए राजनीतिक उद्येश्य होना जरूरी होता है. फिर चाहे सचिन तेन्दुलकर हों कि रेखा गणेशन. राज्यसभा की हर मनोनीत सीट का अपना संदेश होता है. इसलिए नेपथ्य में जा चुकी अभिनेत्री रेखा को दी गई यह सीट पूरी तरह से राजनीतिक गुणा गणित लगती है. तो क्या कांग्रेस के रणनीतिकारों ने रेखा को यह सीट इसलिए दी क्योंकि समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को राज्यसभा भेज दिया था. अमिताभ बच्चन परिवार से घांदी परिवार की पुरानी दुश्मनी देखते हुए तो यही शक बनता है.

अब राज्यसभा भेज भी दिया तो सीट अगल बगल करने का क्या तुक था? जया बच्चन अर्थात पुराने जमाने की जया भादुड़ी अब अमिताभ बच्चन की बुजुर्ग जीवन संगिनी हैं और नाती पोतों से भरा पुरा उनका परिवार है. अब क्या यह याद दिलाया जाना जरूरी है कि किसी जमाने में रेखा अमिताभ बच्चन की प्रेमिका हुआ करती थीं? कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि यह प्रेम कभी पुराना पड़ा ही नहीं. 57 साल की रेखा सिर्फ एक साल विवाहित रही हैं. जिन मुकेश अग्रवाल से उन्होंने 90 में शादी की उनका 91 में निधन हो गया. शायद यही कारण है कि रेखा अभी भी सिंदूर नहीं लगाती, और अपने नाम के साथ अग्रवाल जोड़ने की बजाय अपने पिता जेमिनी गणेशन के नाम से गणेशन ही उपनाम इस्तेमाल करती हैं.

ऐसे में जब रेखा गणेशन राज्यसभा पहुंची तभी से मानों मीडिया को चुटकी लेने में मजा आ रहा था. शपथ ग्रहण के वक्त लगा मानों कोई ऐसा फरिश्ता शपथ ले रहा है जिसे पाकर राज्यसभा धन्य हो गई. वरिष्ठ पत्रकार एचके दुआ ने अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद खाली सीट रेखा गणेशन को दी तो ताली बजी. उन्होंने शपथ लिया तो ताली बजी. स्वागत हुआ. और खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मानों अगवानी करने के लिए राज्यसभा में बैठे थे. कल शपथ ग्रहण हुआ और आज देश के हर बड़े अखबार ने रेखा के शपथग्रहण को अपनी दूसरी लीड स्टोरी बनाया है. क्या रेखा को मिला यह वीआईपी ट्रीटमेन्ट जया बच्चन को परेशान कर गया?

शायद नहीं. परेशान कर गया राज्यसभा चैनल की पत्रकारिता जो सरकारी चैनल होते हुए भी असरकारी होने का प्रयास कर रहा है. राज्यसभा चैनल लोकसभा चैनल से थोड़ा अलग है और इस चैनल में अधिकांश काम करनेवाले या तो टीवी चैनल के बैकग्राउण्ड वाले हैं या फिर पत्रकारिता के बैकग्राउण्ड से जुड़े रहे हैं. इसलिए जैसे ही वह वक्त आया जब रेखा शपथ ले रही थीं तो राज्यसभा चैनल का कैमरामैन भूल गया कि वह एक सरकारी टीवी चैनल की कवरेज कर रहा है. उसने थोड़ा सा पत्रकारिता कर दिया. और नतीजा आपके सामने है.

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...