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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, July 23, 2012

Fwd: जो राज्य जितना फ्रेंडली माहौल देगा, वो उतना दमनकारी होगा



---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/7/23
Subject: जो राज्य जितना फ्रेंडली माहौल देगा, वो उतना दमनकारी होगा
To: Dilip Khan <dilipkmedia@gmail.com>


जब मानेसर में मज़दूरों ने शांति से हड़ताल की, एक बार नहीं, दो बार नहीं तीन बार, तो टीवी मीडिया वाले उधर फटके तक नहीं थे. हज़ारों की संख्या में गुड़गांव में मज़दूरों ने प्रदर्शन किया था. कई कारखानों और संगठनों के मज़दूर उसमें शामिल थे. एनसीआर में इतना बड़ा मज़दूर-प्रदर्शन मुझे कोई और याद नहीं आता. सारे मीडिया वाले जान रहे थे, मानेसर में क्या चल रहा है, सिर्फ कवर नहीं कर रहे थे. चर्चा भी चलती थी कि आगे कोई 'बड़ा हादसा' हो सकता है. अब हुआ तो लपके पड़े हैं. मीडिया को 'हादसे' का इंतज़ार रहता है. हादसा करो, तो ख़बर बनेगी. पढ़िए दो पोस्ट.

जो राज्य जितना फ्रेंडली माहौल देगा, वो उतना दमनकारी होगा

मारुति में हत्या और आगजनी के लिए प्रबंधन जवाबदेह



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