तणमूल के हक में 184 सीटों का दावा और भाजपा को नौ सीटें जबकि वामदलों को सिर्फ 62 और कांग्रेस को 32 सीटें
सत्तापक्ष के एक्जिट पोल में मोदी दीदी गठबंधन का खुलासा
कोलकाता से राहुल सिन्ह,हावड़ा से रुपा गागुली और मयुरेश्वर से लाकेट चटर्जी को सीटें दे दी मां माटी मानुष ने
वैसे इस एक्जिट पोल में बीरभूम समेत उत्तर बंगाल की बढ़त मान ली गयी है और तृणमूल को कूच बिहार में चार,जलपाईगुड़ी में चार,अलीपुरद्वार में 1,दार्जिंलिंग में 2,उत्तर दिनाजपुर में 2,दक्षिण दिनाजपुर में 3,मालदा और मुर्शिदाबाद में दो दो ही सीटें दी गयी हैं तो बीरभूम में सात सीटों का दावा है।यानी बीरभूम को लेकर उत्तर बंगाल में सिर्फ 27 सीटें दीदी को उत्तर बंगाल से मिलने की उम्मीद है यानी बाकी बंगाल में दीदी को बहुमत से ज्यादा 157 सीटें मिल रही हैं।इसका मतलब है कि दक्षिण बंगाल में दीदी का किला जस का तस हो तो भाजपा को नौ सीटें कैसे दी जा रही है,पहेली यह है।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
बंगाल में अंतिम चरण का मतदान पूरा होते न होते मां माटी मानुष का एक एक्जिट पोल जारी करके दीदी की सत्ता में वापसी का ऐलान कर दिया गया है।
पक्ष विपक्ष के ऐसे दावे में नया कुछ नहीं है और दीदी ने पांचवे तरण में ही कह दियाथा कि उन्हें बहुमत हासिल हो गया है और उन्हें पूर्व मेदिनीपुर में सोलह में से सोलह चाहिए तो कूच बिहार की नौ सीयें भी चाहिए बोनस बतौर।
इस बोनस के लिए उनने पूर्व मेदिनीपुर सांसद शुभेंदु अधिकारी के हनवाले छोड़कर कूचबिहार में तंबू गाढ़ लिया।
इस एक्जिट पोल में खास बात है कि तृणमूल को 183 सीटें दी गयी हैं तो भाजपा को नौ सीटें,जबकि भाजपा के किसी नेता ने सार्वजनिक तौर पर ऐसा कोई दावा नहीं किया और वे अब भी एकाधिक सीट की बातें कर रहे हैं।
एक्जिट पोल के मुताबिक चुनाव नतीजे इस प्रकार हैंः
TMC likely to get 183 seats(+/- 15) with 45% vote share,
Lefts may get 67 seats (+/- 10) with 32% vote share,
Congress will get around 32 seats (+/- 5) with 8% voteshare while
BJP can win 9 seats (+/- 4)with 11% vote share only
वाम नेताओं को भी यह शक आखिर तक सता रहा था कि परंपरागत कांग्रेस के वामविरोधी वोटर उसके हक में वोट डालेंगे या नहीं,तो इस एक्जिट पोल में भी वाम और कांग्रेस के वोट जोड़े नहीं गये हैं।
इस एक्जिट पोल में तृणमूल के हक में 183 सीटें 45 फीसद वोटरों के समर्थन के दावे के साथ दी गयी हैं वहीं वामदलों के हक में 32 फीसद वोच के साथ 62 सीटें और कांग्रेस के हक में आठ फीसद वोटर के साथ 32 सीटें दिखायी गयी हैं।
जबकि भाजपा के वोट पिछले लोकसभा चुनाव के सत्रह फीसद से काफी कम सिर्फ ग्यारह फीसद दिखाये गये हैं।
अब एक्जिट पोल के मुताबिक आठ फीसद वोट के साथ कांग्रेस के 32 सीटों और 11 फीसद वोट के साथ भाजपा को मात्र नौ सीटों के बीजगणित को सुलझाना हमारे बस में नहीं है।
फिर आठ फीसद वोट के साथ कांग्रेस की 32 सीटों के मुकाबले वामदलों को 32 फीसद वोट के साथ 62 सीटें ही क्यों है,यह समझना बहुत मुश्किल काम है।
हालांकि मतदान निष्पक्ष और स्वतंत्र होने के दावे के सच निकलने पर सत्ता दल और वाम दलों और कांग्रेस के वोट अलग अलग बी माने तो दोनों पक्षों के बीच वोटों का अंतर कमसकम तेरह फीसद
पिछले चुनावों के रिकार्ड के मुताबिक बहुत ज्यादा है।
हकीकत में यह अंतर दो तीन फीसद से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
खास बात है कि इस एक्जिट पोल में खास कोलकाता में और हावड़ा में एक एक सीट भाजपा को दी गयी है यानी जोड़ासांको से राहुल सिन्हा और हावड़ा से रुपा गांगुली की जीत सत्ता पक्ष ने मान ली है।
इसके अलावा अलीपुर द्वार में दो,नदिया,उत्तर 24 परगना, वर्धमान,बीरभूम और पश्चिम मेदिनीपुर में एक एक सीट भाजपा को सत्ता पक्ष के इस एक्जिट पोल में दी गयी है।
इसका मतलब है कि बीरभूम के मयुरेश्वर से लाकेट चटर्जी की जीत भी पक्की मानी जा रही है।खास बात है कि जिला या राज्य स्तर पर भाजपा ने अभतक ऐसा कोई दावा नहीं किया है।
कोलकाता और हावड़ा के अलावा बीरभूम और पश्चिम मेदिनीपुर के दीदी के सबसे मजबूत गढ़ में भाजपा के काते में एक एक सीटडालने का मतलब बहुत गहरा है।कमसकम ये चार सीटें भाजपा को तृणमूल की मदद से मिलना असंभव है।
जमीनी स्तर पर भाजपा को दक्षिण बंगाल में बीस फीसद तक वोट मिलने के आसार हैं,तो इससे सीटें कितनी और बढ़ सकती है बाजपा की,इस एक्जिट पोल के विशेषज्ञों से पूछा जाना चाहिेए।
फिर भाजपा को अगर बीस फीसद तक वोट मिल गये तो क्या तब भी तृणमूल कांग्रेस को 45 फीसद,वामदलों को 32 फीसद और कांग्रेस को आठ फीसद वोट भी मिल सकते हैं और उनकी सीटें दावे के मुताबिक उतनी ही रहेंगी,यसावल भी मौजूं हो सकते हैं।
दूसरा यह कि अगर वाम 32 और कांग्रेस आठ का जोड़ हो और भाजपा बीस हो तो भी क्या 45 फीसद तृणमूल वोट का गणित बना रहेगा।अगर तृणमूल का वोट फीसद 2 से 3 फीसद घट गया और वह वाम कांग्रेस से जुड़ गया और बजपा के वोटभी बढ़ गये तो क्या होगा,कोई जवाब 19 मई के बाद ही मिलेगा।
वैसे इस एक्जिट पोल में बीरभूम समेत उत्तर बंगाल की बढ़त मान ली गयी है और तृणमूल को कूच बिहार में चार,जलपाईगुड़ी में चार,अलीपुरद्वार में 1,दार्जिंलिंग में 2,उत्तर दिनाजपुर में 2,दक्षिण दिनाजपुर में 3,मालदा और मुर्शिदाबाद में दो दो ही सीटें दी गयी हैं तो बीरभूम में सात सीटों का दावा है।यानी बीरभूम को लेकर उत्तर बंगाल में सिर्फ 27 सीटें दीदी को उत्तर बंगाल से मिलने की उम्मीद है यानी बाकी बंगाल में दीदी को बहुमत से ज्यादा 157 सीटें मिल रही हैं।इसका मतलब है कि दक्षिण बंगाल में दीदी का किला जस का तस हो तो भाजपा को नौ सीटें कैसे दी जा रही है,पहेली यह है।
इस एक्जिट पोल की भूमिका इस प्रकार हैः
Over 80% turnout recorded in West Bengal assembly election 2016 which was held in 6phases (7round).
Bengal Poll 2016 is completed today (05/05/2016) with just few stray incidents plus lot of false-propaganda, dramabazi by CPIM-Congress alliance & BJP.
This electoral process completed under extraordinary supervision of Election Commission which acted against the ruling party AITC (TMC) due toallegedly directed by BJP & Left.
In spite of opposition directed (??) Election Commission and Central force have tried their best to prevent TMC from victory.
But people of Bengal are choosing Mamata Banerjee and her party as victorious. Majority of Media in Bengal had vigorously campaigned against TMC.
Against all odds people of Bengal are with their beloved Didi Mamata Banerjee.
Didi (Mamata Banerjee) wave in West Bengal is still in full swing. Anti-propaganda by media (ABP-Ananda & 24-Ghanta) and opportunist alliance of CPIM-Congress has failed to stop this wave.
Area wise survey is showing AITC (TMC) is getting 49% vote in rural area whereas in urban area they are getting only around 42% vote.
As far as minority vote concerns, it's significant that TMC is getting over 64% minority vote share in Kolkata and adjoining area.
Regarding minority vote- in Central-North region of Bengal Left+Congress alliance (particularly Congress) is getting 58% minority vote and TMC is getting only 30% minority vote.
Hence it clear that, "Trinamool Congress is coming back in power due to minority vote" is just a myth.
Our team carried out survey in all 294 constituencies of Bengal. Voters were from all sections of society.
With help and active participation of various other agencies, well-wishers and political pandits this vast survey was possible.
For there priceless work THANKS will just be a small word.
Now please look at the summary of the result of our seat projection and vote share.
Please recall that during parliamentary election 2014 this blog's prediction wasalmost correct.
Links>>
For Total India:http://mamatimanushofwb.blogspot.in/2014/03/2014-indian-general-elections-15th-lok.html
For West Bengal: http://mamatimanushofwb.blogspot.in/2014/05/exit-poll-survey-of-west-bengal-in-2014.html
Another important thing is- This Blog hadpredicted almost similar result in Jan'16 opinion poll survey.
Only difference is BJP's seat got reduced and Left gained from that.
Link:http://mamatimanushofwb.blogspot.in/2016/01/opinion-poll-survey-for-2016-west.html
Now if Mamata Banerjee and her party Trinamool Congress finally achieve this overwhelming victory it will be a historical win for her as this time it was against all odds.
Viewers may read following two articles to know how opportunistic and immoral politics was played in Bengal during this election.
1). Irony of politics: Rahul Gandhi of Congress shares stage with Buddhadeb Bhattacharjee of CPIM, those who labeled Rajiv Gandhi as Thief (Chor) and Indira Gandhi as Witch (Daini Buri). Also BJP candidate Chandra Kumar Bose appeals to vote in favor of Left in front of Amit Shah.
http://mamatimanushofwb.blogspot.in/2016/04/irony-of-politics-rahul-gandhi-of.html
2). Bengal Election 2016: Irony of Politics (Part-2)>> People of Bengal Rejecting Yellow Journalism of ABP group (Aveek Sarkar) and Dramabazi plus Over Aggression by BJP's Item Number actress politician Rupa (Roopa) Ganguly & others. এবারের পশ্চিমবঙ্গের বিধানসভা নির্বাচনআদতে মমতা ব্যানার্জির তৃনমূল কংগ্রেস বনাম অভীক সরকারের আনান্দবাজার গোষ্ঠীর লড়াই।
http://mamatimanushofwb.blogspot.in/2016/05/bengal-election-2016-irony-of-politics.html
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