#Fightback Jadavpur
भाजपाई राज्यपाल ने यादवपुर विश्वविद्यालय को अराजकता का अखाड़ा बता दिया,भाजपा ने कहा राष्ट्रद्रोही
कैंपस केसरियाकरण के खिलाफ नई दिल्ली कोलकाता एकाकार
दीदी जीते या हारे ,बंगाल के छात्र युवा बंगाल के केसरियाकरण की हर कोशिश का प्रतिरोध करेंगे,अभूतपूर्व चुनावी हिंसा के मध्य मतदान पर्व के बाद बंगाल फिर बंगाल के तेवर में है।केंद्र की सत्ता के दम पर विश्वविद्यालयों को कुचल देने की भंयकर कवायद के खिलाफ उतना ही जबर्दस्त प्रतिरोध शुरु हो चुका है और यह थमने वाला नहीं है।
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
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बांग्ला टीवी चैनल एबीपी आनंद की खबर हैः
যাদবপুর কাণ্ডে এবিভিপি সমর্থকদের গ্রেফতারি চেয়ে মিছিল পড়ুয়াদের
যাদবপুর কাণ্ডে পথে পড়ুয়ারা। অভিযুক্ত এবিভিপি সমর্থকদের গ্রেফতারি চেয়ে ক্যাম্পাস থেকে ঢাকুরিয়া পর্যন্ত
कैंपस केसरियाकरण के खिलाफ नई दिल्ली कोलकाता अब एकाकार है।शायद देश भर में ये ही हालात हैं और छात्र युवा आज और कल यादवपुर विश्वविद्यालय में भाजपा फिल्म स्टार नेता द्रोपदी रूपा गांगुली के महाभारत रचने की दुश्चेष्टा के प्रतिरोध बतौर कोलकाता की सड़कों पर मनुवाद ब्राह्मणवाद और संघवाद के खिलाफ नारे बुलंद करते हुए संगीतबद्ध जुलूस निकाले,कल रवींद्र जयंती का संगीत भी अभूतपूर्व होना है।
गौरतलब है कि कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय में शुक्रवार शाम को अराजकता का माहौल देखने को मिला।
गौरतलब है कि अभिनेत्री और भाजपा की नेता रूपा गांगुली पार्टी सकार्यकर्ताओं के साथ विश्वविद्यालय के गेट पर पहुंच गईं। वह मांग कर रही थीं कि उनकी पार्टी के उन चार कार्यकर्ताओं को उन्हें सौंप दें जिन पर लड़कियों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। लेकिन, रूपा गांगुली को विश्वविद्यालय कैंपस में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
दीदी जीते या हारे ,बंगाल के छात्र युवा बंगाल के केसरियाकरण की हर कोशिश का प्रतिरोध करेंगे,अभूतपूर्व चुनावी हिंसा के मध्य मतदान पर्व के बाद बंगाल फिर बंगाल के तेवर में है।
केंद्र की सत्ता के दम पर विश्वविद्यालयों को कुचल देने की भंयकर कवायद के खिलाफ उतना ही जबर्दस्त प्रतिरोध शुरु हो चुका है और यह थमने वाला नहीं है।
इस बीच बंगाल के संघी राज्यपाल केलरीनाथ त्रिपाठी बंगाल के विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति हैं शांति निकेतन को ठोड़कर ,जहां स्वयं प्रधानमंत्री उपकुलपति है।
कुलाधिपति पद की मर्यादा का उल्लंघन करते हुए उनने बिना छात्रों की सुनवाई किये,विद्यार्थी परिषद के हमले और छात्राओं के साथ बदसलूकी के गंभीर आरोपों,केंपस की संघ परिवार विहिप विद्यार्थी परिषद,बजरंगी दल और भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ रूपा गांगुली के नेतृत्व में अभूतपूर्व घेराबंदी के बाद यादवपुर विश्वविद्यालय को अराजकता का अखाड़ा बता दिया है।
दीदी की शह पर संघियों ने बंगाल के छात्रों और युवाओं को जेएनयू या हैदराबाद विश्वविद्यालयों की तरह राष्ट्रद्रोही करार दिया है।हांलाकि इससे पहले वे ऐसा कर चुके हैं लेकिन दीदी की मा माटी सरकार को तब भी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं हुई और अब तो मुख्यमंत्री की कुर्सी डांवाडोल है और यादवपुर में तभ और अबकी दफा भी बजरंगियों का जो भव्य स्वागत हुआ है,उससे उनके कदम नहीं ठिठके तो समझ लें मौसम अभी लू का है और कालबैशाखी अभी शुरु भी नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि जेएनयू के साथ साथ यादवपुर विश्वविद्यालय को बंद करना भी हिंदुत्व के एजंडा में शामिल है।
विद्यार्थी परिषद के छाते में बजरंगियों से वे शाम को मिले लेकिन इससे पहले उनने उपकुलपति से जवाबतलब किया है और बागी छात्रों को सबक सिखाने का इरादा जताया है।
बंगाल के चुनाव नतीजे के लिए 19 मई तक इंतजार बाकी है लेकिन भवानीपुर में दीदी को वाकओवर देने के बाद संघ परिवार ने बंगाल के केसरियाकरण के लिए विश्वप्रसिद्ध यादवपुर विश्वविद्यालय को निशाना बांदकर बंगल में केसरिया सुनामी पैदा करने की मुहिम शुरु कर दी है।सत्तापक्ष के सूत्रों के मुताबिक बजरंगी ब्रिगेड के तमाम श्रेष्ठ बजरंगी इस बार बंगाल विधानसभा में होंगे।
वाम कांग्रेस गठबंधन ने उत्तर बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का इस तरह सफाया किया कि कूचबिहार के चालसा रिसार्ट से उत्तर बंगाल के नतीजे बदलने में नाकाम दीदी को बागडोगरा एअर पोर्ट पर विदा करने वाला कोई नहीं था।दीदी ने उत्तर बंगाल और जंगल महल के उलट पुराण के मुकाबले वाम कांग्रेस गठजोड़ को हराने के मकसद से संघ परिवार से सौदा किया या हारी हुई अपनी सीट भवानीपुर से बचाने के लिए,कहना मुश्किल है।
नूरा कुश्ती की बेहतरीन शोबाजी के तहत संघ परिवार ने धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण किया तो दीदी का मुसलमान वोट बैंक कम से कम एक तिहाई टूट गया।इसके बावजूद भाजपाई गुपचुप समर्थन से दीदी अभी भारी बहुमत का दावा कर रही हैं जबकि भाजा के वोट और सीटों में अभूतपूर्व बढ़ोतर होने की सत्तापक्ष को उम्मीद है।
दीदी ने बंगाल में संघ परिवार को खुल्ला खेलने की छूट शारदा और नारदा से बचने के लिए दी है और संघ परिवार के धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण के दम पर फिर सत्ता में वापसी के लिए जान की बाजी लगा दी है और इसका कुल नतीजा बंगाल का अभूतपूर्व केसरियाकरण है।
गौरतलब है कि दिल्ली स्थित जेएनयू का विवाद अभी थमा नहीं है कि पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय ने बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का बिगुल बजा दिया है।
पश्चिम बंगाल की जादवपुर विश्वविद्यालय में विवेक अग्निहोत्री और अनुपम खेर की फिल्म 'बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम' की स्क्रीनिंग को लेकर शुक्रवार से शुरू हुआ विवाद बढ़ता दिख रहा है।
शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने इस विवाद में दखल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय तेजी से 'अशांति के केंद्र' के रूप में तब्दील हो रहा है और अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं बीजेपी ने यूनिवर्सिटी को 'राष्ट्र-विरोधी तत्वों' का गढ़ बता डाला और आरोप लगाया कि विपक्षी सीपीएम और कुलपति राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन कर रहे हैं।
जादवपुर विश्वविद्यालय में कल से जारी अशांति के बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने शनिवार को कहा कि विश्वविद्यालय तेजी से अशांति के एक केन्द्र के रूप में तब्दील हो रहा है और अधिकारियों को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
त्रिपाठी ने कहा, उत्कृष्टता के एक केन्द्र के रूप में जाना जाने वाला जादवपुर विश्वविद्यालय तेजी से अशांति के केन्द्र के रूप में तब्दील हो रहा है। अधिकारियों को इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा ने इसे राष्ट्रद्रोही लोगों का गढ़ बताया है।
इतना ही नहीं, भाजपा ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर (वीसी) को भी विरोधी सीपीएम का समर्थक बताया है।
दरअसल शुक्रवार को जादवपुर विश्वविद्यालय में एक राजनीतिक फिल्म की स्क्रिनिंग के दौरान दो छात्र गुटों में संघर्ष हो गया।
जिसके बाद पश्चिम बंंगाल प्रदेश के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने इस बात की निंदा की।
उन्होंने बताया कि जादवपुर विश्वविद्यालय के भीतर छात्रों के बीच अशांति आम बात हो गई है।
घोष ने आरोप लगाया, 'जादवपुर विश्वविद्यालय राष्ट्र-विरोधी ताकतों का गढ़ है। वाम समर्थित विद्यार्थी यूनियनें राष्ट्र-विरोधी तत्वों के लिए जमीन तैयार कर रही हैं और यही वजह है कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के एक वर्ग द्वारा भारत विरोधी नारे लगाए जा रहे हैं।'
विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्र-विरोधी तत्वों का समर्थन करने का कुलपति पर आरोप लगाते हुए उन्होंने मांग की कि कुलपति की भूमिका की जांच कराई जाए।' हम जादवपुर विश्वविद्यालय में चल रही गतिविधियों से केन्द्र को अवगत कराएंगे।'
'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम' की स्क्रीनिंग के बाद हुआ हंगामा...
यह हंगामा विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम' की स्क्रीनिंग के चार घंटे पश्चात हुआ। इससे पहले फिल्म के 20 मिनिट के प्रदर्शन के पश्चात ही विश्वविद्यालय में हंगामा शुरू हो गया था जो फिल्म के दौरान चलता ही रहा। कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि फिल्म प्रदर्शन के दौरान कुछ बाहरी तत्वों ने उनके साथ छेड़छाड़ की। छात्रों के समूह ने इस पर चार लोगों को पकड़कर वाइस चांसलर को सौंप दिया।
इसके पश्चात रूपा गांगुली यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचीं और उन चार व्यक्तियों की रिहाई की मांग करने लगीं जिन्हें बाद में विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को सौंप दिया था। गांगुली का कहना था कि उन्हें गलती से आरोपी बना दिया गया है। रिपोर्टों के मुताबिक विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रर ने उनके खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया है।
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