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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, February 23, 2012

बरेली कैंट में कांग्रेस के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर


बरेली कैंट में कांग्रेस के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/1-2009-08-27-03-35-27/12370-2012-02-23-04-06-38

Thursday, 23 February 2012 09:36

बरेली, 23 फरवरी (जनसत्ता)। जिले के कैंट विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। भाजपा ने यहां पूर्व व्यापार कर मंत्री और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने नगर निगम की महापौर और सांसद प्रवीन सिंह ऐरन की पत्नी सुप्रिया ऐरन को उम्मीदवार बनाया है। सपा की ओर से फहीम साबिर और बसपा की ओर से रामगोपाल मिश्र चुनाव मैदान में हैं।
परिसीमन से कैंट विधानसभा क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है। पहले इस चुनाव क्षेत्र में मुसलिम मतदाताओं की संख्या 40 फीसद से भी ज्यादा थी। इसलिए यह क्षेत्र गैर भाजपा दलों के लिए ही अनुकूल माना जाता था। परिसीमन से हुए बदलाव के बाद यहां मुसलिम और सवर्ण जातियों के अनुपात में काफी हद तक संतुलन हो गया है। इसीलिए शहर क्षेत्र से लगातार चार चुनाव जीते भाजपा विधायक राजेश अग्रवाल इस बार अपना भाग्य इस क्षेत्र में आजमा रहे हैं।
पिछले चुनाव में यहां से बसपा के वीरेंद्र सिंह जीते थे। इस बार परिसीमन से जातीय समीकरणों में हुए बदलाव की वजह से उन्होंने अपना चुनाव क्षेत्र बदल लिया है। अब इस चुनाव क्षेत्र में सवर्ण मतदाताओं की संख्या काफी अच्छी होने के कारण भाजपा ने अपनी पार्टी के दिग्गज नेता राजेश अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया है। वे पिछले चार चुनाव लगातार शहर सीट से जीते थे। बसपा और भाजपा के गठजोड़ से बनी सरकार में व्यापार कर मंत्री और बाद में विधानसभा उपाध्यक्ष भी रहे। 
संघ के सैकड़ों स्वयंसेवक भी उनके प्रचार में डटे हैं। यह उम्मीदवार सुशासन और कानून व्यवस्था के अलावा अपनी साफ सुथरी छवि के आधार पर वोट मांग रहा है। उनका कहना है कि चार बार विधायक और सरकार में मंत्री और विधानसभा उपाध्यक्ष रहने के बावजूद उन पर कभी कोई आरोप नहीं लगा।

कांग्रेस की उम्मीदवार सुप्रिया ऐरन यहां महापौर हैं। उनके पति सांसद प्रवीन सिंह ऐरन इसी विधानसभा क्षेत्र से 89 और 98 के दो चुनाव जीत कर विधायक बने थे। अब वे इस चुनाव क्षेत्र में अपनी पत्नी सुप्रिया ऐरन के चुनाव अभियान की कमान संभाले हुए हैं। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पांडे सहित जिला संगठन के लगभग सभी पदाधिकारी प्रचार में डटे हैं। गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह और दूसरे कई वरिष्ठ नेता इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। अलबत्ता कांग्रेस की अब तक कोई बड़ी सभा नहीं हुई है।

समाजवादी पार्टी ने यहां नए खिलाड़ी फहीम साबिर को चुनाव मैदान में उतारा है। उनका चुनाव अभियान भी काफी संगठित ढंग से चल रहा है। सपा के राज्यसभा सदस्य वीरपाल सिंह यादव इस चुनाव क्षेत्र में कई कार्यक्रम कर चुके हैं। उनका दावा है कि यहां सपा का उम्मीदवार काफी दमदारी से लड़ रहा है। बसपा का विकल्प बनने की क्षमता सिर्फ सपा में है। इसलिए अल्पसंख्यकों के अलावा सभी जातियों के मतदाताओं का रुझान उनकी ओर है।
बसपा ने इस चुनाव क्षेत्र में राम गोपाल मिश्र को उम्मीदवार बनाया है। वे ब्राह्मण और दलित मतदाताओं के सहारे अपना चुनाव अभियान चला कर मुख्य संघर्ष में आने की कोशिश कर रहे हैं। निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय इन्वर्टिस के कुलाधिपति उमेश गौतम सहित ब्राह्मण जाति के कई क्षत्रप उनके चुनाव प्रचार में जुटे हैं।
छोटे दलों में यहां सिर्फ इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के उम्मीदवार इंजीनियर अनीस अहमद दमखम से लड़ कर चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं। आईएमसी के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां लगातार उनके प्रचार के लिए नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं।
अब तक उभरी इस चुनाव क्षेत्र की तस्वीर में भाजपा, कांग्रेस और सपा के बीच कड़ा तिकोना संघर्ष है। यहां कुल उम्मीदवारों की संख्या 27 है। यहां मुसलिम मतों का बंटवारा लगभग तय माना जा रहा है।


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