Thursday, 23 February 2012 14:37 |
नयी दिल्ली , 23 फरवरी (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय ने रामलीला मैदान में हुई पुलिस कार्रवाई के लिए बाबा रामदेव और दिल्ली पुलिस दोनों को जिम्मेदार ठहराया। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली पुलिस और योग गुरू रामदेव को फटकार लगाते हुए आज कहा कि यह जनता और सरकार के बीच 'विश्वास में कमी का स्पष्ट उदाहरण' है। न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की एक पीठ ने कहा कि इस घटना से राज्य की शक्ति जाहिर होती है, जिसने लोकतंत्र की नींव पर प्रहार किया। पीठ ने इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50...50 हजार रूपया और मामूली रूप से घायलों को 25...25 हजार रूपया मुआवजे के रूप में देने का भी निर्देश दिया। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ योग गुरू के आंदोलन के दौरान पिछले साल चार...पांच जून की मध्य रात्रि रामलीला मैदान में रामदेव के सोते हुए समर्थकों पर पुलिस की क्रूरतापूर्ण कार्रवाई को दिखाने वाली मीडिया रिपोर्ट पर शीर्ष न्यायालय ने संज्ञान लिया था। इस कार्रवाई के दौरान वहां औरतें और बच्चे भी मौजूद थे। शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में 20 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। रामदेव ने आरोप लगाया था कि पुलिस कार्रवाई उनके :पुलिस के: राजनीतिक आकाओं के निर्देश पर की गई। उन्होंने इस कार्रवाई के लिए निर्देश देने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की थी। रामदेव अपने समर्थकों के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे और उन्होंने यह मांग कर रहे थे कि संप्रग सरकार को विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए। वहीं, दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि रामदेव ने अपने समर्थकों को हिंसात्मक गतिविधियों के लिए उकसाया था, जिस पर पुलिस को रात के वक्त इस कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा। |
Thursday, 23 February 2012 19:20 |
नयी दिल्ली, 23 फरवरी (एजेंसी) उच्चतम न्यायालय के फैसले पर योग गुरू टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि अभी फैसले की प्रति नहीं मिली। पिछले साल रामलीला मैदान में आधी रात की हिंसक घटना के लिए दिल्ली पुलिस और रामदेव दोनों को जिम्मेदार ठहराये जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर योग गुरू ने टिप्पणी करने से बचते हुए आज कहा कि उन्हें अभी फैसले की प्रति प्राप्त नहीं हुयी है। उन्होंने कहा, ''सरकार लगातार कानून का उल्लंघन कर रही है। इससे पहले भी न्यायालय ने टू जी के 122 लाइसेंसों को रद्द करके प्रमाणित कर दिया कि सरकार नियमों का उल्लंघन करती है।'' रामजेठमलानी ने कहा, ''लोग तो मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र हुए थे। उनपर किसने अत्याचार शुरू किया। जब हमला शुरू हुआ उस वक्त पूरी भीड़ सो रही थी। जांच होनी चाहिए कि इस पूरे मामले में गृह मंत्री की क्या भूमिका थी।'' रामदेव पर अदालत की टिप्पणी के बारे में राम जेठमलानी ने भी फैसले की प्रति उपलब्ध होने तक इस पर कुछ नहीं कहने की बात कही। उन्होंने कहा, ''चौरी-चोरा में जो घटना हुयी थी इसके लिए गांधी जी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया था। समाजसेवी आंदोलन चलाते हैं...बाबा रामदेव भी समाजसेवी हैं...वो भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कहते हैं...कालाधन को वापस लाने की मांग करते हैं...हिंसक कार्रवाई के लिए पूरी तरह से सरकार की जिम्मेवारी बनती है।'' बाबा रामदेव ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ वह अपनी जंग जारी रखेंगे और शीघ्र ही फिर से आंदोलन को तेज करेंगे। इस अवसर पर पुलिस कार्रवाई की शिकार राजबाला के परिजन भी मौजूद थे ओर उन्होंने इस घटना की जांच कराने की मांग की। |
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