Wednesday, 01 August 2012 19:17
लंदन, एक अगस्त (एजेंसी) ओलंपिक बैडमिंटन टूर्नामेंट में मैच फिक्सिंग में शामिल आठ खिलाड़ियों को इन खेलों से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इस मामले की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ सूत्र ने आज यह जानकारी दी।
इन खिलाड़ियों में चार दक्षिण कोरिया के तथा इंडानेशिया और चीन की दो . दो खिलाड़ी शामिल हैं। इन्हें विश्व बैडमिंटन महासंघ :डब्ल्यूबीएफ : की अनुशासनात्मक जांच के बाद अयोग्य घोषित किया गया।
इन खिलाड़ियों पर आरोप था उन्होंने पसंदीदा ड्रा हासिल करने के लिये जानबूझकर अपने मैच गंवाये। इसके बाद आरोपों की आज अनुशासनात्मक सुनवाई की गयी।
डब्ल्यूबीएफ ने चीन, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया की युगल खिलाड़ियों पर मैच जीतने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास नहीं करने और खेल के लिये अपमानजनक और हानिकारक रवैया अपनाने के लिये अपनी आचार संहिता के तहत आरोप लगाये थे।
इस मामले में सुनवाई उत्तरी लंदन बैडमिंटन स्थल वेम्बले एरेना के पास स्थित होटल में की गयी। बीडब्ल्यूएफ अधिकारियों ने सबसे पहले दक्षिण कोरियाई खिलाड़ियों से पूछताछ की। इसके बाद चीन और इंडोनेशिया के खिलाड़ियों से पूछताछ की गयी।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने बैडमिंटन महासंघ को स्वयं इस विवाद से निबटने के लिये कहा था। आईओसी प्रवक्ता मार्क एडम्स ने कहा, ''हमें महासंघ पर पूरा भरोसा है। उन्हें इस तरह के विवादों से निबटने का अनुभव है। ''
दुनिया के चोटी के पुरुष खिलाड़ी और 2004 के ओलंपिक एकल चैंपियन तौफीक हिदायत ने इस स्थिति को 'सर्कस मैच' करार दिया। उन्होंने भी खिलाड़ियों को ओलंपिक से बाहर करने की अपील की थी।
हिदायत ने कहा, ''यदि उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो मुझे खुशी होगी। मैं जानता हूं कि मैं इंडोनेशिया से हूं और महिला युगल जोड़ी इंडोनेशिया की है लेकिन मैं ऐसा खेल के हित में कह रहा हूं। जो कुछ हुआ वह खेल भावना के अनुकूल नहीं है। ''
इन मैचों पर तब संदेह हुआ जबकि चीनी टीम आसानी से डेनमार्क की टीम से हार गयी थी। उनकी योजना यह थी चीन स्वर्ण और रजत पदक जीते लेकिन यह तभी संभव था जबकि चीनी जोड़ी मैच हारती। इससे उसे सेमीफाइनल से पहले अपनी हमवतन जोड़ी से नहीं भिड़ना पड़ता।
एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ''इस तरह की घटनाएं आम हैं लेकिन ओलंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिता में ऐसा नहीं होता है। ''
जिन खिलाड़ियों को बाहर किया गया है उनमें से दो खिलाड़ियों ने जान बूझकर नेट पर सर्विस की या शटलकाक वाइड फेंक दी। ग्रुप चरण के लिये क्वालीफाई कर चुकी दो जोड़ियों ने कमजोर प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेलने के लिये ऐसा किया।
चीन की यू यांग और वांग शियाओली और दक्षिण कोरिया के गैर वरीय जुंग क्युंग और किम हा ना के बीच मैच संदेह के घेरे में है। चीनी जोड़ी यह मैच भारी अंतर से हारी।
बाद में दक्षिण कोरिया के तीसरी वरीयता प्राप्त हा जे और किम मिन जुंग ने इंडोनेशिया के मेलियाना जौहरी और पोली ग्रेसिया के बीच मैच की भी बीडब्ल्यूएफ जांच कर रहा है ।
इस बीच चीनी मीडिया ने जानबूझकर ओलंपिक मैच हारने के आरोपों के बाद इन आठों खिलाड़ियों की निंदा की ।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अधिकारी ने कहा, ''कोर्ट पर इन चार टीमों में जज्बे की कमी दिखी और इनमें जीत की इच्छा भी नहीं थी। इस तरह का बर्ताव उचित स्पर्धा की ओलंपिक भावना का पूरी तरह से उल्लघंन करता है । ''
चीन की ओलंपिक एथलीटों का यह दूसरा विवाद था क्योंकि 16 वर्षीय तैराक ये शिवेन के 400 मी व्यक्तिगत मेडले में रिकार्ड के साथ स्वर्ण जीतने के बाद डोपिंग का संदेह जताया जा रहा है।
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