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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, February 20, 2013

जलियांवाला बाग नरसंहार शर्मनाक: कैमरन

जलियांवाला बाग नरसंहार शर्मनाक: कैमरन

Wednesday, 20 February 2013 12:48

अमृतसर। कैमरन ने अरदास के दौरान कुछ देर के लिए हाथ भी जोड़े। ब्रिटिश प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक जलियांवाला बाग जाने का भी कार्यक्रम है जो स्वर्ण मंदिर के पास ही स्थित है। जलियांवाला बाग में 1919 में तत्कालीन ब्रिटिश जनरल डायर के आदेश पर आजादी के मतवाले सैकड़ों निहत्थे भारतीयों को गोलियों से भून दिया गया था। 
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने आज यहां स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका जहां उन्हें सरोपा भेंट किया गया। कैमरन ने कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर मत्था टेका।
गहरे रंग का सूट और टाई पहने कैमरन ने सिर को नीले कपड़े से ढक रखा था । उन्हें हरमिंदर साहिब :स्वर्ण मंदिर: में सरोपा भेंट किया गया ।
गुरुवाणी के बीच कैमरन ने कुछेक श्रद्धालुओं से संक्षिप्त बातचीत भी की । वर्ष 1997 के बाद ब्रिटेन की किसी बड़ी हस्ती की यह पहली यात्रा है । 1997 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और उनके पति एवं ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग प्रिंस फिलिप ने पवित्र शहर का दौरा किया था।
मंदिर के भीतर कैमरन के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी :एसजीपीसी: के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ तथा अन्य लोग थे।
इससे पहले श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बादल ने कैमरन की अगवानी की।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुबह करीब नौ बजकर 50 मिनट पर स्वर्ण मंदिर पहुंचे और करीब एक घंटा वहां गुजारा।
मत्था टेकने से पहले ब्रिटेन के नेता को सिखों की शीर्ष धार्मिक इकाई एसजीपीसी के पदाधिकारियों ने मंदिर में घुमाया और श्री गुरु रामदास लंगर हॉल भी दिखाया।

कड़े सुरक्षा इंतजामों के तहत अन्य बलों के साथ छह जिलों से करीब तीन हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें इस्राइल प्रशिक्षित विशेष हथियार एवं व्यूहकौशल टीम :स्वैट: भी शामिल है। स्वर्ण मंदिर और जलियांवाला बाग के पास स्थित इमारतों की छतों और उन स्थानों पर निशानेबाज तैनात किए गए हैं जहां...जहां से कैमरन का काफिला गुजरेगा।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर में विभिन्न स्थानों पर सादी वर्दी में भी जवान तैनात किए गए हैं।
कैमरन की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों ने कल 'मॉक ड्रिल' की थी।
इस बीच, जलियांवाला बाग शहीद परिवार समिति के अध्यक्ष भूषण बहल ने मांग की है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री को 1919 के नरसंहार के लिए माफी मांगनी चाहिए ''जिससे न सिर्फ राष्ट्रभक्तों और मृतकों के परिवारों की भावनाएं शांत होंगी, बल्कि निर्दोष लोगों पर ब्रिटिश जनरल के बर्बर अत्याचार की निन्दा की भी पुष्टि होगी।'' (भाषा)

 

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