Bhanwar Meghwanshi
लट्ठतंत्र में बदल रहा है हमारा लोकतंत्र !
राष्ट्रवाद के ठेकेदार फुल गुण्डई पर उतरे हुये है।देेेश में सरकार नाम की कोई वस्तु बची भी है ,इसे लेकर शक गहराता जा रहा है।सब कुछ अराजक भीड़ के हवाले कर दिया गया है। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दलित संगठन अजाक्स द्वारा डॉ बाबा साहेबअम्बेडकर के सपनों का भारतीय समाज विषय पर आयोजित विचारगोष्ठी में जेएनयू के मुद्दे पर दलित चिन्तक डॉ विवेक कुमार के बोलते ही राष्ट्रप्रेमी गुण्डा ब्रिगेड ने हवाई फायर किये और लाठियों से हमला करके लोगों को घायल कर दिया है। इन राष्ट्रप्रेमियों ने संविधान की प्रति फाड़ डाली एवं बाबा साहब के साहित्य को आग लगा दी।वाकई दुष्टों ने देशभक्ति को अपनी आखरी शरणस्थली बना लिया है और निरीह नागरिकों का शिकार करने लगे है। आपातकाल से भी हालात बदतर इसलिये कहे जा सकते है कि तब प्रजातंत्र बंदी था और नागरिक अधिकार निलम्बित ,मगर आज कहने भर को लोकशाही रह गई है । राष्ट्र के नाम पर ,राष्ट्र भक्ति के नाम पर शासन ने नाजीवादी फासिस्टों को खुली छूट दे दी है कि उनकी उन्मादी भीड़ स्वतंत्र एवं अलग सोच रखने वालों को सड़कों पर सबक सिखा दें ।लोकतंत्र को भीड़तंत्र और लट्ठतंत्र में बदल दिया गया है।
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