हम भारतवासी बहुत भावुक होते हैं | हम पर भाषण का बहुत गहरा असर पड़ता है | अरे बाबा भाषण सुन कर , प्रभावित होकर ही तो हम मतदान करते हैं | भाषण के कारण उन्माद में भीड़ बनकर दंगों में कूद पड़ते हैं | किसी को पीट देते हैं | यह सब भाषण की ताकत है | अभी दो दिन पहले लोकसभा में भी एक बढ़िया भाषण हुआ आक्रोश और भावुकता से भरा हुआ भाषण | इतना उत्तेजित और भावपूर्ण भाषण था कि हम भारत के निवासी इतने प्रभावित हुए कि youtube पर 22 लाख लोगों ने उसे सुना | हम सुनते गये और सुनते गये और सुनते हुए हमने एक बार भी यह नहीं सोचा कि चीखकर या आँसू बहाकर कहने से झूठ सच नहीं हो जाता | हैरानी तो इस बात पर हुई कि उस भाषण को सुनने के बाद बड़े -बड़े लोग फेसबुक पर पोस्ट लगाये और कुछ एक ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें खेद है कि उन्होंने फलां मंत्री जी को कभी अनपढ़ कहा था और उसके लिए वे माफ़ी चाहते हैं |
भाषण की ताकत इसे कहते हैं | पर भाषण में जो तथ्य दिए गये थे अब उनका सच भी सामने आरहा है | कल राज्यसभा में सांसद जावेद अली खान ने कुछ खुलासे किए | फिर हैदराबाद विश्विद्यालय के चीफ़ मेडिकल ऑफिसर ने मंत्रीजी के दावे को झूठ साबित कर दिया उसका विडिओ भी उपलब्ध है कल रवीश कुमार के कार्यक्रम में देखा उसे और प्रो. प्रकाश बाबु ने भी कह दिया कि उन्होंने सजा का समर्थन नहीं किया था |
तो , भाषण की लीला अद्भुत है | है न ?
भाषण की ताकत इसे कहते हैं | पर भाषण में जो तथ्य दिए गये थे अब उनका सच भी सामने आरहा है | कल राज्यसभा में सांसद जावेद अली खान ने कुछ खुलासे किए | फिर हैदराबाद विश्विद्यालय के चीफ़ मेडिकल ऑफिसर ने मंत्रीजी के दावे को झूठ साबित कर दिया उसका विडिओ भी उपलब्ध है कल रवीश कुमार के कार्यक्रम में देखा उसे और प्रो. प्रकाश बाबु ने भी कह दिया कि उन्होंने सजा का समर्थन नहीं किया था |
तो , भाषण की लीला अद्भुत है | है न ?
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