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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, May 12, 2014

कारपोरेट पूँजीवादी मीडिया का वर्चस्व और क्रान्तिकारी वैकल्पिक मीडिया की चुनौतियाँ

वर्तमान अंक

जनवरी-अप्रैल 2014

Cover Jan-April-2014-1

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पाठक मंच

अपनी ओर से

कारपोरेट पूँजीवादी मीडिया का वर्चस्व और क्रान्तिकारी वैकल्पिक मीडिया की चुनौतियाँ

मीडिया

पूँजीवादी कारपोरेट मीडिया का राजनीतिक अर्थशास्त्र

पूँजीवादी विज्ञापन जगत का सन्देश: 'ख़रीदो और खुश रहो!'

सोशल मीडिया के बहाने जनता, विचारधारा और तकनोलॉजी के बारे में कुछ बातें

सोशल नेटवर्किंग का विस्तार

यहाँ सिर्फ़ 'पेड न्यूज़' नहीं, बल्कि मीडिया ही पूरी तरह पेड है

सोप ऑपेरा या तुच्छता और कूपमण्डूकता के अपरिमित भण्डार
फ़ेसबुक के बारे में चलते-चलाते कुछ 'इम्प्रेशंस'

फ़्री एवं ओेपेन सोर्स सॉफ़्टवेयर आन्दोलन: कितना 'फ़्री' और कितना 'ओपेन'

सामयिकी

भारत का सोलहवाँ लोकसभा चुनाव: किसका, किसके लिए और किसके द्वारा

बोतल बन्द पानी का गोरख धन्धा!

चुनाव मैच रेफ़री की किसने सुनी!

सवाल की तरह खड़ी है हक़ीक़त

रेलवे सेक्टर को भी लुटेरों के हाथों में सौंपने की तैयारी

साहित्य

बेर्टोल्ट ब्रेष्ट – दुख के कारणों की तलाश का कलाकार

स्मृति-शेष

पीट सीगर (1919-2014) – जनता की आवाज़ का एक बेमिसाल नुमाइन्दा

चिनुआ अचेबे को श्रृद्धांजलि

अमीरी बराका को श्रृद्धांजली

नेल्सन मण्डेला

 

रपट

पाँचवीं अरविन्द स्मृति संगोष्ठी की रिपोर्ट

यूनीवर्सिटी कम्युनिटी फ़ॉर डेमोक्रेसी एण्ड इक्वैलिटी के नेतृत्व में प्रो. हातेकर के अन्यायपूर्ण निलम्बन के ख़िलाफ़ सफल छात्र आन्दोलन

हरियाणा के नरवाना में निर्माण मज़दूरों ने संघर्ष के दम पर हासिल की जीत

देशभर में चलाया गया चुनाव भण्डाफ़ोड़ अभियान

श्रद्धांजलि

कॉ. शालिनी: सामाजिक परिवर्तन की वैचारिक-सांस्कृतिक बुनियाद खड़ी करने को समर्पित एक ऊर्जस्वी जीवन

विविध

आह्वान' के पाठकों से एक अपील: द्वितीय पाठक सम्मेलन की तैयारी में सहायता हेतु

भगतसिंह ने कहा



सितम्‍बर-दिसम्‍बर 2013

सितम्‍बर-दिसम्‍बर 2013

  • देश में नये फासीवादी उभार की तैयारी
  • भारतीय राज्यसत्ता का निरंकुश एवं जनविरोधी चरित्र पूँजीवादी संकट का लक्षण है
  • 'आप' के उभार के मायने
  • रुपये के मूल्य में गिरावट के निहितार्थ
  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की असली जन्मकुण्डली
  • क्यों ज़रूरी है रूढ़िवादी कर्मकाण्डों और अन्धविश्वासी मान्यताओं के विरुद्ध समझौताहीन संघर्ष?
  • अमृतानन्दमयी के कुत्तों, आधुनिक धर्मगुरुओं और विघटित-विरूपित मानवीय चेतना वाले उनके भक्तों के बारे में चलते-चलाते कुछ बातें…
  • फ़ासीवाद का मुक़ाबला कैसे करें
  • जाति प्रश्न और अम्बेडकर के विचारों पर एक अहम बहस
  • पूरा अंक पढें

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