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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, October 8, 2014

उदयप्रकाश ने अपने उपन्यासिका ’पीली छतरी वाली लड़की’ में बड़ी शिद्दत से यह वर्णन किया है कि कैसे भारत में ’ब्राह्मणों’ ने हिन्दी की ठेकेदारी अपने नाम कर रखी है। भारत के ज़्यादातर विश्वविद्यालयों के हिन्दी विभागों पर इन्हीं शुक्लाओं, मिश्रों, तिवारियों, पाण्ड

उदयप्रकाश ने अपने उपन्यासिका 'पीली छतरी वाली लड़की' में बड़ी शिद्दत से यह वर्णन किया है कि कैसे भारत में 'ब्राह्मणों' ने हिन्दी की ठेकेदारी अपने नाम कर रखी है। भारत के ज़्यादातर विश्वविद्यालयों के हिन्दी विभागों पर इन्हीं शुक्लाओं, मिश्रों, तिवारियों, पाण्डेयों और शर्माओं का कब्ज़ा है। मास्को में क्षेत्रीय हिन्दी सम्मेलन हो रहा है। उसमें भाग लेने के लिए भी सरकारी खर्चे पर जो प्रतिनिधिमण्डल भारत से आ रहा है, उसके सभी दस सदस्य ब्राह्मण हैं। ऐसा लग रहा है जैसे हिन्दी सिर्फ़ ब्राह्मणों की भाषा है।

From the face book wall of the eminent Hindi Poet based in Moscow

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