পুরানো সেই দিনের কথা: Memoirs of a Hindu Daughter of a Muslim Family which gave up BEEF!
আমরা এক বৃন্তে দুটি ফুল-হিন্দু মুসলমান!
Sabita Babu speaks from the Heart of the India,where Dilon kaa Bantwara naa huaa hai naa Hoga.Please share as much as you can to save India!The Real India,the greatest pilgrimage of humanity merging so many streams of humanity!
মন্ত্রহীন,ব্রাত্য,জাতিহারা রবীন্দ্রনাথ,রবীন্দ্র সঙ্গীতঃ দীনহীনে কেহ চাহে না, তুমি তারে রাখিবে জানি গো।
यह कैसी सियासती लड़ाई है मजहब की?बंटवारे की?
Palash Biswas
If Akbar and Jodha could unite India for Mughalia Sultnat,what stops us to unite India for democracy, humanity and Nature full of diversity and pluralism?
A Big Eagle landed at home and the whistling note was so alarming as it is the symbol of Global Order,Free Market Economy,Imperialism and unprecedented Violence!
Best Eagle Attack, Eagle attack Wolf, Eagle Attacks, Deer, Sloth, Liguana, Baby, Turkey, Human
Do you remember some Razia Zaidi who won Asiad Hockey Gold of India in 1982 in New Delhi?The healthy golu molu girl who was the Goalkeeper of the team and was the Captain of Chak De India Bitia Hockey team in Moscow Olympic?
Their family based in Bijnore and Sabita corrected me that their grand grand father was the police inspector who arrested Sultana Daku,yet another legend.
This family adopted Sabita Babu as their daughter as Razia`s cousin Nigar Zaidi was her closest friend and the entire Khandan gave up Beef for their Hindu Daughter.
Sabita Babu speaks from heart every detail of Hindu Muslim Unity in India which bleeds and Sabita Babu also bleeds and she speaks and her eyes turns into sacred Ganges!Holi Ganga! Mother of civilization!Humanity!
পুরানো সেই দিনের কথা - Rabindranath Tagore
পুরানো সেই দিনের কথা ভুলবি কি রে হায়। ও সেই চোখে দেখা, প্রাণের কথা, সে কি ভোলা যায়। আয় আর একটিবার আয় রে সখা, প্রাণের মাঝে আয়। মোরা সুখের দুখের কথা কব, প্রাণ জুড়াবে তায়। মোরা ভোরের বেলা ফুল তুলেছি, দুলেছি দোলায়--. বাজিয়ে বাঁশি গান গেয়েছি বকুলের তলায়। হায় মাঝে হল ছাড়াছাড়ি, গেলেম কে কোথায়--. আবার দেখা যদি হল, সখা, …
Sabita Babu sings this song and we dedicate the song to Indian Peasantry!
Security at ATM countrywide would lose job as surveillane is more than enough!
सविता बाबू पूछती हैं कि बवंडर क्यों मचा है जबकि सरहदो के आर पार साझा चूल्हा अब भी सुलग रहा है।?
मजहब भले अलग हो,हमारे दिल एक है।बंटवारा हुआ है ,दिलों का बंटवारा नहीं हुआ है।दिलों का बंटवारा नामुमकिन है।
हवा एक है।मिट्टी एक है।आसमान एक है।नदियां एक सी हैं। हिमालय इकलौता है।समुंदर भी एक सा है।
गोमांस को लेकर यह बवंडर क्यों और लोग बंटवारा पर क्यों आमादा है?
मिट्टी का रंग एक सा है।मिट्टी नहीं बदलती कंटीली तारों के बावजूद।पाकिस्तानी ड्रामा में भी फिर वही अखंड भारत।दिलों का बंटवारा हुआ तो कुछ नहीं बचेगा।इंसानियत तबाह हो जायेगी।
मेरठ दंगों के ठीक बाद,नौचंदी मेले के दंगाइयोें के फूंक देने के बाद,मलियाना और हाशिमपुरा नरसंहारों के बाद भाईचारा का माहौल जो किसान आंदोलन में देखा,जो मसुलमान और हिंदू किसानों का साझा चूल्हे से पकी रोटियों और सब्जियों का जायका वे लेती रही हैं,वह जायका हर हर महदेव और अल्लाहो अकबर की धर्मोन्मादी गूंज के आर पार वे सरहद के आर पार सबसे साझा कर रही हैं।
Sabita Babu sings yet another Rabindra Sangeet,calling unity,the merger of so many streams of Humanity!
বড়ো আশা করে এসেছি গো - Rabindranath Tagore
বড়ো আশা ক'রে এসেছি গো, কাছে ডেকে লও,. ফিরায়ো না জননী।। দীনহীনে কেহ চাহে না, তুমি তারে রাখিবে জানি গো। আর আমি-যে কিছু চাহি নে, চরণতলে বসে থাকিব। আর আমি-যে কিছু চাহি নে, জননী ব'লে শুধু ডাকিব। তুমি না রাখিলে, গৃহ আর পাইব কোথা, কেঁদে কেঁদে কোথা বেড়াব–. ওই-যে হেরি তমসঘনঘোরা গহন রজনী।। রাগ: ঝিঁঝিট তাল: ত্রিতাল রচনাকাল …
Here You are!
Rabindra Nath voices the Haq Haquk of the untouchables:
দীনহীনে কেহ চাহে না, তুমি তারে রাখিবে জানি গো।
I have posted three videos on eyewitness account of Meerut riots!It is incomplete.I would be posting videos on the impact of riots in Meerut,Bijnore and bareilly very soon.Pl see the videos on UNKA MISSION laso.
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