ब्रिटेन की 'लौह महिला' का निधन | |||||
ब्रिटेन की इकलौती महिला पीएम रहीं थैचर
ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का सोमवार को निधन हो गया। वह 87 वर्ष की थीं। ब्रिटेन के इतिहास में इकलौती महिला प्रधानमंत्री रहीं थैचर को 'लौहमहिलाÓ की उपाधि मिली थी। उन्हें ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के कायाकल्प का श्रेय भी दिया जाता है। यह उनके दृढ़ निश्चय वाले रुख और विचारों की ही बात थी कि उन्हें दुनिया के बेहतरीन नेताओं में से एक माना गया। पिछली सदी की सबसे असरदार शख्सियतों में शुमार थैचर की पहचान उनके बेबाक और असरदार विचारों से थी। मुक्त बाजार आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम योगदान देने वाली थैचर के निधन से ब्रिटिश राजनीति का एक अहम अध्याय समाप्त हो गया। ब्रिटिश राजनीति पर उनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके नीति सिद्घंात को 'थैचरिज्मÓ का नाम दे दिया गया। उनके दो जुड़वा बच्चे कैरोल और मार्क थैचर हैं। उनके निधन की सूचना उनके प्रवक्ता लॉर्ड बेल ने उनके हवाले से ही दी। बेल ने कहा, 'मार्क और कैरोल ने अपनी मां के निधन का दुखद समाचार सुनाया।Ó थैचर ने कंजरवेटिव पार्टी की अगुआई कर वर्ष 1979 से लेकर 1990 तक ब्रिटेन की कमान संभाली। इस तरह वह 11 वर्षों तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रहीं। उनका जन्म 13 अक्टूबर,1925 को हुआ था। उनके पिता की ग्रॉसरी की दुकान थी। शुरुआत में उन्होंने केमिस्ट का पेशा चुना लेकिन बाद में बैरिस्टर बन गईं और फिर उनका राजनीति में प्रवेश हुआ। वह पहली बार 1959 में सांसद बनीं और 1992 तक संसद की सदस्य रहीं। उन्होंने वर्ष 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री एडवर्ड हीथ को चुनौती दी और बाद में देश की प्रधानमंत्री भी बनीं। उनकी अगुआई में कंजरवेटिव पार्टी ने 1979, 1983 और 1987 के चुनावों में जीत की हैट्रिक बनाई। स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार अपनी मौत के आखिरी दिनों में थैचर होटल रिट्ज में रहने चली गई थीं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने थैचर की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। कैमरन ने कहा, 'मुझे लेडी थैचर के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। हमने एक दूरदृष्टïा नेत्री को खो दिया। वह एक महान प्रधानमंत्री और महान ब्रिटिश नागरिक थीं।Ó बकिंघम पैलेस द्वारा जारी बयान में भी कहा गया है कि महारानी इस समाचार को सुनकर बेहद दुखी हैं और वह थैचर के परिवार के प्रति सहानुभूति जताने वाला एक निजी संदेश भेजेंगी। थैचर ने अपने पीछे एक शानदार विरासत छोड़ी जिसका असर बाद में कंजरवेटिव और लेबर दोनों पार्टियों की नीतियों पर पड़ा। बीबीसी के अनुसार 11 साल के कार्यकाल में उनका दृढ़ और कभी-कभार टकराव वाला रुख निर्णायक साबित हुआ। वर्ष 1976 में सोवियत संघ की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने जो दमदार भाषण दिया, उससे प्रभावित होकर एक रूसी पत्रकार ने उन्हें 'लौह महिलाÓ का खिताब दिया। थैचर वैश्विक घटनाओं के लिहाज से बेहद अहम दौर में प्रधानमंत्री रहीं। शीत युद्घ के दौरान वह अमेरिकी राष्टï्रपति रोनाल्ड रीगन के लिए निर्णायक साझेदार साबित हुईं। रीगन के बाद नए अमेरिकी राष्टï्रपति जॉर्ज एच बुश के साथ भी उनकी अच्छी जुगलबंदी रही। थैचर की सरकार ने ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में एक नई ताजगी भरी। उन्होंने कई सरकारी औद्योगिक इकाइयों का निजीकरण किया। वर्ष 1982 में फॉकलैंड आईलैंड को लेकर अर्जेंटीना के साथ हुई लड़ाई के दौरान भी वही ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थीं। उनके दौर में ही सोवियत संघ का विभाजन हुआ, जिसे पश्चिमी पूंजीवादी शक्तियों की साम्यवादी ताकतों पर बड़ी विजय के रूप में देखा जाता है। |
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Monday, April 8, 2013
ब्रिटेन की 'लौह महिला' का निधन ब्रिटेन की इकलौती महिला पीएम रहीं थैचर
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