असेंबली
में बम फेंका था।
आज ही के दिन भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था।
अंग्रेज़ सरकार द्वारा दिल्ली की असेंबली में दमनकारी क़ानून पास करने के फैसले के खिलाफ इन क्रातिकारियों ने यह कदम उठाया था।
वे बम फेंकने के बाद वहां से भागे नहीं, बल्कि स्वेच्छा से अपनी गिरफ्तारी दे दी। वहां उन्होंने पर्चे बाटें, जिसकी पहली लाइन थी- बहरों को सुनाने के लिए विस्फोट के बहुत ऊंचे शब्द की आवश्यकता होती है। इसके बाद केस चला और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।
आइए इन शहीदों के हम याद करें।
अंग्रेज़ सरकार द्वारा दिल्ली की असेंबली में दमनकारी क़ानून पास करने के फैसले के खिलाफ इन क्रातिकारियों ने यह कदम उठाया था।
वे बम फेंकने के बाद वहां से भागे नहीं, बल्कि स्वेच्छा से अपनी गिरफ्तारी दे दी। वहां उन्होंने पर्चे बाटें, जिसकी पहली लाइन थी- बहरों को सुनाने के लिए विस्फोट के बहुत ऊंचे शब्द की आवश्यकता होती है। इसके बाद केस चला और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई।
आइए इन शहीदों के हम याद करें।
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