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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Saturday, February 4, 2012

बंगाल में शिशुओं की मौत का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को मालदा और बांकुड़ा जिले के दो अस्पतालों में पिछले दो दिनों में19 बच्चों की मौत हो गई है। बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कालेज अस्पताल में 10 बच्चों की मौत हुई है, जबकि मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी न

बंगाल में शिशुओं की मौत का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को मालदा और बांकुड़ा जिले के दो अस्पतालों में पिछले दो दिनों में19 बच्चों की मौत हो गई है। बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कालेज अस्पताल में 10 बच्चों की मौत हुई है, जबकि मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी नौ शिशुओं की मृत्यु हो गई।

बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक पी कुंडु ने कहा कि बुधवार को चार बच्चों की मौत हो गई थी जबकि कल छह शिशुओं की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क ज्वर, निमोनिया और कम वजन के कारण शिशुओं की मौत हुई। उधर मालदा के अस्पताल में नौ बच्चों की मौत हो गई। इनमें सात शिशु सिर्फ 15 दिन के थे। अस्पताल के उप प्राचार्य डॉ. एम ए राशिद ने बताया कि अधिकतर बच्चे मालदा जिले के ग्रामीण अस्पतालों से यहा लाए गए थे। ये बच्चे निमोनिया, सेप्टीसीमिया आदि से पीड़ित थे। डा. राशिद ने बताया कि नौ और मौत के साथ पिछले 16 दिनों में 125 बच्चों की मौत हो चुकी है। बंगाल के सरकारी अस्पतालों में हाल के दिनों में शिशुओं की मौत के कई मामले सामने आए हैं। प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बच्चों की मौत के लिए कुपोषण और घर पर प्रसव आदि को जिम्मेदार ठहराया है। ममता ने आज भी कहा है कि प्रदेश में हर साल करीब 50 हजार शिशुओं की मौत घर पर प्रसव के कारण हो जाती है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के पीछे अस्पताल का इलाज नहीं है। वे अस्पताल नहीं आते। वे तब अस्पताल आते हैं जब उनकी स्थिति काफी बिगड़ चुकी होती है।

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