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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Sunday, November 16, 2014

बंगाल अब केसरिया गायपट्टी में तब्दील और राजनीतिक संघर्ष बजरिये धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण तेज एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास


बंगाल अब केसरिया गायपट्टी में तब्दील

और राजनीतिक संघर्ष बजरिये धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण तेज

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

बंगाल में केसरिया लहर तेज से तेज होती जा रही है और धार्मिक ध्रूवीकरण भी उतना ही तेज होता जा रहा है।इसीके साथ बंगाल में सत्ता की राजनीति में एकदम हाशिये पर वामपंथियों के चले जाने के बाद इलाका दखल की लड़ाई में जहां तहां खून की नदियां बहने लगी हैं रोज रोज।


अभूतपूर्व हिंसा है। पश्चिम बंगाल में राजनीतिक संघर्ष रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटे के दौरान राज्य के मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिले में विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं के साथ तृणमूल समर्थकों की भिडंत में कई जने घायल हो गए। दोनों ही घटनाओं में विपक्षी पार्टियों ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर हमले का आरोप लगाया है। पुलिस कर्मी सहित छह घायल मुर्शिदाबाद के बहरमपुर थानान्तर्गत उत्तरपाड़ा मोड़ इलाके में पार्टी कार्यालय पर कब्जे को लेकर शनिवार को कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच जोरदार संघर्ष हुआ।


पूरा बंगाल अब कुरुक्षेत्र में तब्दील है।


रोजमर्रे की नर्क सी जिंदगी को बेहतर बनाने के किसी मुद्दे पर कहीं चर्चा हो नहीं है।बुनियादी मुद्दों पर कहीं कोई बात नहीं कर रहा है।


होक कलरव भी अब होक चुंबन है।


फिल्मोत्सव है और तरह तरह के उत्सव कार्निवाल है।


बाकी जनता बिंदास है।ईटेलिंग शबाब पर है और आम जनता की समस्याओं पर बाकी देस की तरह कोई सुनवाई नहीं है।


कानून व्यवस्था सत्ता की राजनीति में तब्दील है।


वामपंथी कहीं नहीं हैं।कहीं भी नहीं हैं।वाम आंदोलन या वाम जागरुकता अभियान कहीं नहीं है।


बहुजन आंदोलन के सिपाहसालार लोग तमाम हैं,अंबेडकर के नाम लाखों दुकानें बाकायदा चल रही हैं।लेकिन धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद के पक्ष विपक्ष में मोर्चाबंद सत्ता राजनीति के सिवाय कहीं कुछ नहीं है।


शारदा मामले में गिरफ्तार तृणमूली निलंबित सांसद कुणाल घोष की खुदकशी पर सुर्खियां उनके अस्पताल से सकुशल प्रेसीडेंसी जेल तक पहुंच जाने तक खत्म है और पोंजी अर्थव्यवस्था से छूटकारा के कोई आसार नहीं हैं।


कमसकम आदरणीय डा.अशोक मित्र के आलेख आनंदबाजार पत्रिका के संपादकीय पेज पर छपने के बाद मोदी के ध्रूवीकऱण के मुख्यहथियार हिंदुत्व की असलियत और पूर्वी बंगाल के शरणार्थियों की समस्या पर जो बहस होनी थी,वह नहीं हो पा रही है।


मीडिया की मुख्य चिंता यह है कि बंगाल दखल के लिए मुंबई से जो गायक कलाकार बंगाल लाकर मोदी ने केंद्र में मंत्री बना दिया है,उनकी अगवाई में भगवा खेमा पहलीबार बंगाल में सत्ता पर काबिज हो पायेगा या नहीं।


कलतक वामपंथी,कांग्रेसी और तृणमूली रहे राजनेताओं और कार्यकर्ताओं की नईकी फौजें लेकिन यह मामला चुनाव की रणभेरी बजाने से पहले वामदलों और तृणमूल कांग्रेस के पदचिन्हों पर इलाका दर इलाका  दखल करके निपटा लेना चाहते हैं।


वाम कार्यक्रता तो पिटते पिटते थक गये और जानमाल की सुरक्षा के लिए केसरिया हो गये।सत्ता गंध में तृणमूल और कांग्रेस में भारी सेंध लग गयी है।


हो यह रहा है कि बंगाल का परंपरागत मुसलमान वोट बैंक टूटने बिखरने लगा है और उसका बड़ा हिस्सा केसरिया होने लगा है।


वीरभूम से लेकर उत्तर दक्षिण 24 परगना,सीमावर्ती  मुस्लिम इलाकों से लेकर जंगल महल में वाम से छिने दीदी के मजबूत गढ़ों में मुसलमान अपनी जान माल की हिफाजत के लिए धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण से आने वाली सुनामी से बचने के लिए धड़ाधड़ भाजपाई दीखने बनने लगे हैं।


इसी का नतीजा तृणमूली राज में भी वामदलों के मजबूत गढ़ उत्तर 24 परगना के बशीरहाट उपचुनाव में भाजपा के शमीक भट्टाचार्य की अप्रत्याशित जीत से सारे चुनाव समीकरण दो लोकसभाई जीत के बाद में सिरे से बदल गये हैं।


अमित शाह के गेमप्लान के तहत बंगाल जीतना अब मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है और बंगाल विधानसभा में भी इकलौते विधायक के दम पर बदलाव की उम्मीदें जगाने लगी है भाजपा,जो अब बाबुल सुप्रिय के मंत्रित्व अवतार के बाद केसरिया पैदल फौजों के पक्के यकीन में तब्दील है।


नतीजतन भापा समर्थक और कार्यक्रता कहीं भी पीछे नहीं हट रहे हैं और इलाका दर इलाका अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए तृणमूल वाहिनियां हमलावर हो रही हैं,तो उन हमलावरों को ईंट का जवाब पत्थरों से दे रहे हैं भाजपाई।


दूसरी ओर,बाहुबलि अधीर चौधरी का साम्राज्य  है मुर्शिदाबाद।वहां कांग्रेस लड़ रही है।कुल मिलाकर जंगल महल से लेकर दक्षिण बंगाल,वीरभूम से लेकर मुर्शिदाबाद कुरुक्षेत्र का लगातार लगातार विस्तार हो रहा है और तेज हो रहा है धार्मिक ध्रूवीकरण,जिससे बंगाल अब गाय पट्टी में तब्दील है।


गौर करें कि पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के परूई इलाके में आज सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया।


पुलिस ने बताया कि रविवार तड़के चौमंडलपुर के शेख जसीम की तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी। समझा जाता है कि शेख भाजपा कार्यकर्ता था।


बीरभूम के पुलिस अधीक्षक आलोक राजौरिया ने गांव का दौरा किया। सूरी सदर अस्पताल के प्रशासन के अनुसार शेख का शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया गया है।


परूई इलाके के सिरसिता, चौमंडलपुर और जदाबपुर गांवों में शनिवार रात से ही प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच छिट-पुट झड़पें हो रही है।


पुलिस के अनुसार बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तलाशी अभियान चला रहे हैं तथा गांवों में प्रतिद्वंद्वी पार्टी समर्थकों के ठिकानों पर छापा मार रहे हैं। इन गांवों से अचानक बम फेंकने, देशी बंदूक से गोलियां चलाने और लूटपाट की खबरें हैं। पुलिस के अनुसार शनिवार रात सिरसिता गांव में भी संघर्ष में एक व्यक्ति की टांग में गोली लगी।


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