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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, April 15, 2016

बेहतर हो कि मतदान से पहले सत्तादल को विजयी घोषित कर दें ताकि अमन चैन बहाल हो और लू की मार झेलते लोगों को अपनी जान माल दांव पर लगाना न पड़े! क्योंकि मुख्यमंत्री ने तृणमूल की तय जीत के नतीजे का ऐलान करके इंच इंच हिसाब लेने की धमकी दी है। वीरभूम में वीरगति किस किसकी होगी कोई जाने ना,हटाये गये एसपी,थानेदार। फिरभी बाज नहीं आ रहे बाहुबलि तो चुनाव आयोग पर बरसीं दीदी! लोकतंत्र महोत्सव में खून की होली और अधीर चौधरी के मंच के नीचे ताजा बम,स्मृति की चुनाव सभा में भी बम का आतंक एक्सेकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

बेहतर हो कि मतदान से पहले सत्तादल को विजयी घोषित कर दें ताकि अमन चैन बहाल हो और लू की मार झेलते लोगों को अपनी जान माल दांव पर लगाना न पड़े!
क्योंकि मुख्यमंत्री ने तृणमूल की तय जीत के नतीजे का ऐलान करके इंच इंच हिसाब लेने की धमकी दी है।
वीरभूम में वीरगति किस किसकी होगी कोई जाने ना,हटाये गये एसपी,थानेदार।
फिरभी बाज नहीं आ रहे बाहुबलि तो चुनाव आयोग पर बरसीं दीदी!
लोकतंत्र महोत्सव में खून की होली और अधीर चौधरी के मंच के नीचे ताजा बम,स्मृति की चुनाव सभा में भी बम का आतंक
एक्सेकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
बेहतर हो कि मतदान से पहले बंगाल में  सत्तादल को विजयी घोषित कर दें ताकि अमन चैन बहाल हो और लू की मार झेलते लोगों को अपनी जान माल दांव पर लगाना न पड़े।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के तुरंत बाद कांग्रेस नेता अधीर चौधरी के सभामच के नीचे ताजा बम बरामद किये गये तो हावड़ा के मालीपांचघड़ा थाना इलाके में तृणमूल कांग्रेस व कांग्रेस समर्थकों में गुरुवार रात हुई झड़प में आठ से अधिक घायल हो गये। घायलों में एक की हालत गंभीर बतायी जा रही है।

इसीतरह मालदा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के एक चुनावी सभा के ठीक पहले सभा स्थल से कुछ ही दूरी पर बम होने की खबर है। मालदा के पोस्ट ऑफिस एरिया की यह घटना है।

पुलिस बल और बम निरोधक दस्ते को मौके पर भेज दिया गया है। ईरानी की आज यहां पर 2.00 बजे एक चुनावी सभा करने वाली हैं।  कुछ समय पहले मालदा में हिंसा के यहां की घटना सुर्खियों में थी। भीड़ ने पुलिस थाने पर हमला किया था।

देर रात तक मालीपांचघड़ा थाने के सामने तनाव का माहौल रहा। थाने के सामने सैकड़ों की संख्या में तृणमूल कांग्रेस के समर्थक जुट गये और कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे। तनाव को देखते हुए थाना के सामने रैफ, केंद्रीय बल, पुलिस के सभी आला अधिकारी पहुंचे।पूरे बंगाल में माहौस कमोबेश इसीतरह विस्फोटक है।

मसलन उत्तर हावड़ा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी संतोष पाठक के समर्थन में वार्ड नंबर 2 के दयाराम नस्कर लेन में कांग्रेस के कुछ समर्थक बैनर लगा रहे थे, तभी तृणमूल समर्थकों के कुछ समर्थक वहां पहुंचे और बैनर लगाने रोका। इसी दौरान दोनों पक्षों में बहस हुई, जो मारपीट तब्दील हो गयी।

खबर पाकर कांग्रेस प्रत्याशी संतोष पाठक और तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मी रतन शुक्ला अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। आरोप है कि कांग्रेस समर्थकों ने तृणमूल कांग्रेस के चार समर्थकों को बुरी तरह पीटा। इसमें एक समर्थक आमिर अंसारी की हालत गंभीर बतायी जा रही है। आमिर सीएमआरआइ अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में तृणमूल कांग्रेस समर्थक मालीपांचघड़ा थाने के पास पहुंच गये और प्रदर्शन करने लगे। हंगामा को बढ़ता देख पुलिस कांग्रेस प्रत्याशी संतोष पाठक को अपनी सुरक्षा में थाने के अंदर ले गयी। देर रात तक प्रदर्शन जारी रहा। केंद्रीय बल के पहुंचने के बाद प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा गया।
घटना के दौरान मीडियाकर्मियों के साथ भी मारपीट की गयी। दो मीडियाकर्मी के कैमरे और मोबाइल भी छीन लिये।


हम नहीं जानते कि इसे संवैधानिक संकट कहने में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की जरुरत है या नहीं लेकिन बंगाल में धांधली और हिंसा की जांच करने के बाद चुनाव आयोग की कार्वाई से संवैधानिक संकट का नजारा है,जहां लोकतंत्र अब गैरप्रांगिक है क्योंकि असंसदीयभाषा और असंसदीय गतिविधियां मुख्यधारा है।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव केतीसरे चरण के मतदान से पहले  निर्वाचन आयोग और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव की स्थित पैदा हो गयी है। गुरुवार को आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में जहां आयोग ने सीएम को नोटिस जारी किया तो वहीं, ममता ने पलटवार करते हुए चुनाव आयोग को ही चुनौती दे दी।

मां माची मानुषकी सरकार की मुख्यमंत्री ने एकदम बजरंगी तेवर में  नतीजे का ऐलान करके इंच इंच हिसाब लेने की धमकी दी है।चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा मतदाताओं से आसनसोल को जिला बनाने का वादा करने से नाराज चुनाव आयोग ने गुरुवार को मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से जवाब तलब किया। प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी  ने पलटवार कर दिया.।

आयोग को खुली चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है। ऐसा हजार बार कहूंगी-करोड़ बार कहूंगी।

आयोग को खुली चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग को जो करना है, कर ले।

इस बीच, सत्तादल के लिए सबसे बुरी खबर यह है कि लोकसभा की आचार समिति ने स्टिंग ऑपरेशन में कथित तौर पर रुपये लेते दिखाये गये तृणमूल के पांच सांसदों को नोटिस भेजा है.

ऐसी खौलती हुई फिजां में सत्ता में वापसी के लिए जनादेश वास्ते जनता की अदालत है या लोकतंत्र महोत्सव या फिर खून की होली है,कुछ कहना फिलहाल मुश्किल है।

जब सबकुछ पहले से तयशुदा प्रोग्रामिंग के तहत होना अनिवार्य है तो इस खूंरेज तमाशे से लगातार बह रही लू के मध्यआम नागरिकों को वोटर होने के जुर्म में पिघलते आसमान और दहकती जमीन के मध्य बूथों तक दौड़ाने की क्या जरुरत है और करदाताओं के खून पसीने की कमाई बेमतब खर्च करते हुए बंगाल में आठ सौ कंपनियां केंद्रीय वाहिनी तैनात करने की जरुरत क्यों हैं।
लोकतंत्र और संविधान की कितनी परवाह करते हैं राजनेता,उसकी मिसालें बंगाल में कायम हो रही है और रोज नये नये रिकार्ड बन बिगड़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री के खिलाफ बिना जांच पड़ताल आरोप लगाये तो अब मुख्यमंत्री अपने संवैधानिक हैसियत से बेपरवाह संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग को खुलेआम आम चुनाव सभा से चुनौती देने लगी हैं।

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है कि चुनाव वे ही जीत रही हैं और उनके बाहुबलि उनके शात खड़े ऐलान कर रहे हैं कि विपक्ष को वैनिश कर देंगे तो मुख्यमंत्री चुनाव आयोग और विपक्ष से इंच इंच हिसाब लेने की धमकी दे रही हैं।

इसी बीच घूसखोरी के आरोप में फंसे सत्तादल के लोकसभा सदस्यों को तीसरे दौर के मतदान से पहले लोकसभा की नैतिकता समिति ने नोटिस जारी कर दिया है।कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को हटाने का मुख्यमंत्री ने भयंकर विरोध किया है तो वीरभूम के पुलिस महकमे में फेरबदल पर उनने खुलेआम चुनाव आयोग को चुनौती दी है।

ऐसे हालात में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव असंभव है और इस भयंकर मौसम में लोकतंत्र का तमाशा और भूतों का नाच आम जनता की सेहत और सलामती के लिए बेहद खतरनाक है।

बेहतर हो कि मतदान से पहले सत्तादल को विजयी घोषित कर दें ताकि अमन चैन बहाल हो और लू की मार झेलते लोगों को अपनी जान माल दांव पर लगाना न पड़े।
गौरतलब है ककि मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ गुरुवार को कोलकाता में थे। उन्होंने अधिकारियों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं।

बैछकों के बाद संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त जैदी ने बताया कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्हें 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि ममता बनर्जी ने बुधवार को आसनसोल में चुनावी सभा में आचार संहित का उल्लंघन किया था। उन्होंने आसनसोल को अलग जिला बनाने का वादा किया था। यह आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है।
इसके तुरंत बाद ममता ने बीरभूम जिले के मुरारई व सिउड़ी में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर करारा हमला बोल दिया और उसे खुली चुनौती दी।दीदी को कोलकाता में चुनाव आयोग की बैछक और जैदी के संवाददाता सम्मेलन का ब्यौरा तुरंत मिल गया,जाहिर है और वे संविधान और लोकतंत्र की परवाह किये बिना आगबबूला होकर गली मोहल्ले के झगड़े फसाद में इस्तेमाल किये जाने वाली भाषा में बरस पड़ीं।

ममता बनर्जी ने सीधे आरोप लगाया कि चुनाव आयोग माकपा, कांग्रेस और भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।

इसके बाद म्यान से खुली नंगी तलवार निकालने की तर्ज पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से पहले कई अन्य नेताओं को गिरफ्तारी करना होगा तथा शोकॉज से वह नहीं डरती हैं। उन्होंने जो कहा है, हजार बार कहेंगी-करोड़ बार कहेंगी।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग पार्टी नेता अनुब्रत की गिरफ्तारी करने की  बात कह रहा है। उनने चुनौती दी कि अनुब्रत ने क्या किया है कि उसकी गिरफ्तारी  की  जायेगी।फिर दावा भी किया कि  उसके साथ पूरे बीरभूम जिले की जनता है। उसकी गिरफ्तारी करने से पहले माकपा सांसद मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार करना होगा, जिसने खून की नदी बहाने की बात कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुब्रत की गिरफ्तारी से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की गिरफ्तारी क्यों नहीं होगी, माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती की गिरफ्तारी क्यों नहीं होगी?

मुख्यमंत्री ने कहा कि  माकपा नेता बिमान बोस, पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की गिरफ्तारी  क्यों नहीं होगी? अनुब्रत की गिरफ्तारी से पहले इन सबको गिरफ्तार करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि  उन्होंने सुना है कि चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ शोकॉज जारी किया है। उन्होंने जो कुछ भी  कहा है, सोच समझ कर कहा है। यह बात को हजार बार कहेंगी तथा करोड़ बार कहेंगी। जिसको जो करना है, कर ले।
उन्होंने कहा कि वह भी मनुष्य हैं। चुनाव आयोग की एकतरफा कार्रवाई नहीं चल सकती है। उन्होंने काफी संयम बरता है। लेकिन अब वह चुनाव आयोग के खिलाफ मुंह खोल रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग को 40 पत्र लिखे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन कामरेड, कांग्रेस व भाजपा के कुछ नेता जो कहते हैं, चुनाव आयोग वही करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। पुलिस कमिश्नर का तबादला कर दिया गया। पुलिस कमिश्नर (राजीव कुमार) जैसा ईमानदार कोई  पुलिस अधिकारी नहीं हो सकता है। उसे क्यों हटाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन सौ-साढ़े तीन सौ थाना प्रभारियों को हटाया गया। दुर्गापुर में मतदान के ठीक पहले वहां के थानेदार को हटा दिया गया। सभी हमारे लोग हैं।

फिर उन्होंने खुलकर ऐलान कर दिया कि  पुलिस अधिकारियों को हटाया जा सकता है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस को तो नहीं हटाया जा सकता है। चुनाव में जनता अपने लोकतांत्रिक अधिकार से इन विपक्षियों को समेट कर पूरे राज्य से विदा दे देगी।  उन्होंने कहा कि राज्य के लोग 19 मई को उससे (चुनाव आयोग) कारण पूछेंगे। 19 मई को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आयेंगे।
राजनीतिक दलों से मिली हैं शिकायतें: मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बंगाल में प्रथम चरण के मतदान के बाद राजनीतिक दलों से कई शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग प्रतिबद्ध है। अगले पांच चरणों की चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र व निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए आयोग ने यहां केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। बाकी पांच चरणों के मतदान के दौरान 800 कंपनियां तैनात की जायेंगी। प्रथम चरण के मतदान के समय यहां 400 कंपनियां थीं। अब यहां और 400 कंपनियां असम से बुलायी जा रही हैं, जो बंगाल में मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक रहेंगी।
राज्य के डीजीपी को चुनाव आयोग ने लगायी फटकार: प्रथम चरण के चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा पर चुनाव आयोग ने राज्य के डीजीपी को फटकार लगायी है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रथम चरण के मतदान के पहले व बाद दोनों ही समय यहां हिंसक घटनाएं हुई हैं। इस संबंध में उन्होंने डीजीपी को यहां जमीनी स्तर पर कानून व्यवस्था को सुधारने का निर्देश दिया है। कानून-व्यवस्था पर रोजाना रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने डीजीपी से किसी भी हिंसा पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिन-जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज है, उनके खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी।
अनुब्रत मंडल के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई: तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के संबंध में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि उनके (अनुब्रत) खिलाफ बहुत जल्द कानूनी कार्रवाई की जायेगी। गौरतलब है कि आयोग द्वारा अनुब्रत मंडल को पहले ही सेंसर किया जा चुका है और उसके बाद एक बार फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होगी, इसकी जानकारी आपको शीघ्र दे दी जायेगी।

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