ममता बनर्जी की अब ताजा दलील है कि रिश्वतखोरी बच्चों की शरारत है!
दीदी ने कहा, 'केंद्र ने कोई कदम उठाया? केवल तृणमूल कांग्रेस चोर है, बाकी आप सब साधु हैं?
मैथ्यू सैमुअल ने यहां तक दावा कर दिया कि अगर कोई आतंकी संगठन भी उन्हें रुपये की पेशकश करता, तो वे ले लेते और कुछ भी नहीं कहते या पूछते!
चुनावी हिंसा में तीम माकपाइयों की हत्या
अब दक्षिण बंगाल में इंच इंच जमीन के लिए खूनी लड़ाई
मुर्शिदाबाद और नदिया में वाम कांग्रेस गठबंधन के बिखराव से फिर दीदी को बढ़त
एक्सेकैलिब स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
ममता बनर्जी की अब ताजा दलील है कि रिश्वतखोरी बच्चों की शरारत है और शराराती बच्चों की शरारत से परिवार को बदनाम करना गलत है।रिश्वतखोरी मान लेने के दीदी के इस हमलावर तेवर और मुकुल राय की सफाई को लसेमसाइड गोल भी बताया जा रहा है।
ভোট-পরবর্তী হিংসায় প্রাণ গেল দুই সিপিএম কর্মীর। ভোট মিটতে না মিটতেই উত্তপ্ত হয়ে ওঠে বর্ধমানের খণ্ডঘোষ। গতকাল রাতে লোদনা গ্রামে সিপিএম কর্মীদের উপর তৃণমূল কর্মী-সমর্থকরা ব্যাপক হামলা চালায় বলে অভিযোগ। ঘটনায় মৃত্যু হল শেখ ফজল হক ও দুখীরাম ডালের। গুরুতর জখম অবস্থায় রাতেই তাঁদের বর্ধমান মেডিক্যাল কলেজে ভর্তি করা হয়। আজ সকালে তাঁদের মৃত্যু হয়। ঘটনায় আহত হয়েছেন বেশ কয়েকজন সিপিএম সমর্থক। তাঁদের বিরুদ্ধে ওঠা অভিযোগ অবশ্য অস্বীকার করেছেন স্থানীয় তৃণমূল নেতৃত্ব।
मुर्शिदाबाद और नदिया में वाम कांग्रेस गठबंधन के बिखराव की वजह से सत्तादल फिर हमलावर तेवर में है और दीदी पुराने मिजाज में हैं।इस बीच तीसरे चरण की हिंसा में तीन माकपाइयों की हत्या कर दी गयी है।चौथे चरण के मुकाबला में कांटे की टक्कर होने की वजह से हिंसा और तेज होने का अंदेशा है।
गौरतलब है कि उत्तर 24 परगना जिले में 25 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि दक्षिण 24 परगना में चुनाव 30 अप्रैल को होना है।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का दौर जारी है। गुरुवार को तीसरे चरण का मतदान खत्म होने के बाद बर्द्धमान जिले के लोदना ग्राम में दो माकपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। वहीं नदिया जिले में चुनावी हिंसा में गोली लगने से एक तृणमूल कार्यकर्ता घायल हो गया, जबकि वाममोर्चा-कांग्रेस समर्थित पोलिंग एजेंट का घर फूंक दिया गया। दूसरी ओर चुनाव आयोग की हिदायत के बावजूद बाइक वाहिनी का आतंक जारी है और मतदाता पहचान पत्र छीनने का आरोप लग रहा है।
मतदान के मौके पर मुर्शिदाबाद के डोमकल में माकपा के एजंट की हत्या के बाद बर्दवान जिले के खंडकोश विधानसभा क्षेत्र में मतदान के बाद हुई हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के 2 कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई कर दी जिससे उनकी मौत हो गई। माकपा ने शुक्रवार को बताया कि पिटाई के कारण घायल हुए दोनों कार्यकर्ताओं को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सुबह दोनों की मौत हो गई। माकपा के कार्यकर्ता एसके फजल हक (56) और दुखीराम ड़ल (50) की मतदान समाप्त होने के बाद तृणमूल के कार्यकर्ताओं ने पिटाई कर दी थी।
इस बीच राज्य में होनेवाले चौथे चरण के चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने एक बार फिर सख्त कदम उठाते हुए प्रशासनिक अधिकारियों में फेरबदल किया है। आयोग ने उत्तर 24 परगना के पुलिस अधीक्षक तन्मय राय चौधरी व दक्षिण 24 परगना के डीएम पीबी सलीम को हटाने का निर्देश दे दिया। उनके जगह अन्नप्पा ई को उत्तर 24 परगना का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है, जबकि अवनींद्र सिंह को दक्षिण 24 परगना का नया डीएम बनाया गया है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि विपक्ष उनके तथा उनकी पार्टी के खिलाफ जितना ज्यादा आग उगलेगा, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी के लिए शानदार सफलता हासिल करना उतना ही आसान हो जाएगा।
ममता ने हावड़ा जिले में एक चुनावी सभा में कहा, 'वे हमारे खिलाफ जितना ज्यादा आग उगलेंगे और हमें बदनाम करेंगे, तृणमूल कांग्रेस उतना ज्यादा आगे बढ़ेगी।' विपक्षी वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन और भाजपा को चेताते हुए उन्होंने कहा,
'आरोपों से कोई फायदा नहीं होगा। चुनावों के बाद, माकपा खत्म हो जाएगी, कांग्रेस दिखाई नहीं देगी।
कांग्रेस और वाम मोरचा गंठबंधन की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि असम और केरल में दोनों में कोई गंठबंधन नहीं। दोनों एक दूसरे के खिलाफ लड़ कर रहें हैं और बंगाल में तृणमूल को हराने के लिए दोनों ने हाथ मिलाया है। यह गंठजोड़ केवल सत्ता पाने की लालच में किया गया है। उन्होंने कहा कि शारदा से लेकर नारदा तक के भ्रष्ट्राचार में माकपा का हाथ है। 34 वर्षों में माकपा ने राज्य को पूरी तहर खोखला कर दिया था। तृणमूल जब सत्ता में आयी तो उसे 20 करोड़ रुपये का कर्ज विरासत में मिला।
ममता ने मोदी की आलोचना की, कहा- केवल तृणमूल कांग्रेस चोर है, बाकी आप सब साधु हैं क्या?
माकपा के 34 साल के कुशासन के समय वे कहां थे। तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर विपक्ष पर पलटवार करते हुए ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने सारदा ग्रुप के प्रमुख को पकड़ा
दीदी ने कहा, 'केंद्र ने कोई कदम उठाया? केवल तृणमूल कांग्रेस चोर है, बाकी आप सब साधु हैं?
इस बीच उन्होंने दमदम में एक रैली को संबोधित करते हुए नारद स्टिंग आपरेशन मामले में भाजपा, कांग्रेस तथा माकपा के धन के स्रोतों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'हमें हर रोज झूठे आरोपों को लेकर अपमानित किया जा रहा है। हमारी सांसद काकोली को नारद से रूपये लेने की जरूरत नहीं है। यदि वह चाहें तो ऐसे 50 नारद को खरीद सकती हैं।
इसी बीच नारद स्टिंग ऑपरेशन के जनक मैथ्यू सैमुअल ने ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के दावों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने तृणमूल के नेताओं को चंदा के रूप में नहीं, बल्कि घूस के रूप में रुपये दिये हैं और यह रुपये किसी हवाला या विदेश से नहीं मंगाये गये हैं। न ही किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा दिये गये हैं। स्टिंग ऑपरेशन के लिए जो भी रुपये बांटे गये हैं, वह उनके दोस्तों ने दिये हैं।अगर जरूरत पड़ती है, तो वे सबके सामने आकर इसे कबूल करेंगे।
मैथ्यू सैमुअल ने यहां तक दावा कर दिया कि अगर कोई आतंकी संगठन भी उन्हें रुपये की पेशकश करता, तो वे ले लेते और कुछ भी नहीं कहते या पूछते।
मैथ्यू सैमुअल ने कहा यह देख समझ कर वे खुद हैरान हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले दीदी ने रिश्वतखोरी की बात मानकर इसकी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि नारदा स्टिंग के बारे में उन्हें पहले मालूम होता तो वे रिश्वत लेने वालों को टिकट ही नहीं देती।अगले दिन मुकुल राय ने कह दिया कि रिश्वत जिनने भी ली है ,उनने अपनी जेब में रखने के लिए नहीं ली।अब मैथ्यू सैमुअल ने दो टुक शब्दों में मुकुल राय के दावे को भी खारिज कर दिया।
सत्तापक्ष के राजनीतिक साजिश के दावे को खारिज करते हुए मैथ्यू सैमुअल ने दावा किया कि स्टिंग ऑपरेशन का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और उनका मकसद सिर्फ सच्चाई को उजागर करना है कि जिन लोगों पर जनता ने भरोसा कर अपना नेता चुना है, वे वास्तव में कैसे हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, बस उनका यही उद्देश्य है।
मैथ्यू सैमुअल ने साफ किया कि इसीलिए वे टेप को लेकर कोलकाता आने से डर रहे थे और चाहते थे कि यह टेप देश की सर्वोच्च अथॉरिटी के पास पहुंच जाये और उन्होंने संसद की एथिक्स कमेटी व हाइकोर्ट को टेप सौंपे हैं। इसकी सत्यता की जांच की सकती है और वह इसके लिए हर संभव मदद करने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ-साथ पार्टी के मुकुल राय जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि उन लोगों ने अपनी सुख-सुविधाओं के लिए रुपये नहीं लिये और इसका एक रुपया भी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए खर्च नहीं किया। यहां तक कि हाइकोर्ट में भी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि ये रुपये चंदा के रूप में लिये गये हैं। मैथ्यू सैमुअल ने साफ कर दिया है कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं, सांसदों व मंत्रियों को चंदा के रूप में नहीं, बल्कि घूस में ये रुपये दिये थे।
दूसरी तरफ मैथ्यू सैमुअल ने कहा कि बंगाल में नेताओं से मिलना और उन्हें घूस देना कोई मुश्किल काम नहीं है, क्योंकि उन्होंने कई नेताओं को रुपये दिये हैं।
मैथ्यू सैमुअल ने कहा कि लोगों ने तो उनका नाम तक नहीं पूछा कि आप कौन हैं, कहां से आये हैं, आपकी कंपनी क्या है, क्या उत्पादन करती है और बंगाल में क्या करना चाहती है, आप क्यों रुपये दे रहे हैं। ऐसे कोई भी सवाल नहीं पूछे गये।
बांग्ला दैनिक आजकाल की रपट हैः
আজকালের প্রতিবেদন
বর্ধমান: সি পি এমের একজন বুথ এজেন্ট ও আর এক এজেন্টের বাবাকে বাড়ির সামনে থেকে তুলে নিয়ে গিয়ে নৃশংসভাবে হত্যা করার অভিযোগ উঠল তৃণমূল–আশ্রিত দুষ্কৃতীদের বিরুদ্ধে। খুনের ঘটনাটি ঘটেছে খণ্ডঘোষ থানার লোদনা গ্রামের শিবতলা কালভার্টের ওপর। বৃহস্পতিবার রাতে। মৃত একজন সি পি এমের এজেন্টের নাম শেখ ফজল হক (৪৫) এবং অন্য জনের নাম দুখীরাম ডাল (৫৪)। তিনি এজেন্ট বিজয় ডালের বাবা। দুজনেরই বাড়ি লোদনা গ্রামে। ফজল ছিলেন লোদনা প্রাথমিক বিদ্যালয়ের ১০৮ নম্বর বুথের সি পি এমের এজেন্ট এবং ওই বিদ্যালয়েরই ১০৭ নম্বর বুথের সি পি এমের এজেন্ট বিজয়ের বাবা দুখীরাম। একসঙ্গে দুই সি পি এম কর্মীকে তুলে নিয়ে গিয়ে খুনের ঘটনায় লোদনা–সহ আশেপাশের গ্রামে ব্যাপক উত্তেজনা ছড়িয়ে পড়েছে। উত্তেজনা সামাল দিতে বিশাল পুলিসবাহিনী ও কেন্দ্রীয় বাহিনী গ্রাম জুড়ে টহল দিচ্ছে। বসেছে পুলিস ক্যাম্পও। সি পি এমের অভিযোগ, আমাদের দলীয় কর্মী দুজন খুন হওয়ার পরও খণ্ডঘোষ থানার পুলিস আমাদেরই ৫ জন কর্মীকে ঘটনার পর গ্রেপ্তার করেছে। এদিকে, তৃণমূলের বিরুদ্ধে ওঠা অভিযোগ অস্বীকার করেছেন খণ্ডঘোষের তৃণমূল প্রার্থী নবীনচন্দ্র বাগ। শুক্রবার সকালে বর্ধমান মেডিক্যাল কলেজ হাসাপাতালে মৃত দুই সি পি এম কর্মীকে দেখতে আসেন সি পি এমের রাজ্য কমিটির অন্যতম সদস্য অমল হালদার। তিনি এই খুনের ঘটনায় তৃণমূল–আশ্রিত দুষ্কৃতীদের বিরুদ্ধে অভিযোগ তুলে বলেন, দলীয় বুথ এজেন্ট ফজল ও সংগ্রামী কর্মী দুখীরাম গতকাল সন্ধের সময় প্রাথমিক স্কুলের বুথেই ছিলেন। ই ভি এম নিয়ে যাওয়ার পর তাঁদের দল মারফত খবর আসে, এজেন্টদের অর্থাৎ তাঁদের বাড়িতে বোমাবাজি করছে তৃণমূল। তৃণমূল আগেই সি পি এম কর্মীদের গ্রামে ভয় ও হুমকি দিয়ে বলেছিল, 'যে বুথ এজেন্ট হবি, তাদের বাড়িতে বোমা পড়বে।' যেমন হুমকি তেমন কাজ। ভোট শেষ হতেই তৃণমূল–আশ্রিত দুষ্কৃতীরা এজেন্টদের বাড়িতে বাড়িতে বোমাবাজি শুরু করে। তখন ওই বুথ থেকে বাড়ির উদ্দেশ্যে রওনা হন সি পি এম কর্মী–সমর্থকরা। এরই মধ্যে রাস্তায় কেন্দ্রীয় বাহিনী গাড়ি দাঁড় করিয়ে সি পি এম কর্মী– সমর্থকদের ওপর লাঠিচার্জ করে ছত্রভঙ্গ করে। তখন সবাই পালিয়ে গেলেও, ফজল ও দুখীরাম রাস্তায় পড়েছিল। সেই সময় তৃণমূল–আশ্রিত দুষ্কৃতীরা ওই দুজনকে তুলে নিয়ে গিয়ে শিবতলার কালভার্টের ওপর নৃশংসভাবে খুন করে। হাত ও পায়ের শিরা কেটে কুপিয়ে কুপিয়ে হত্যা করে, শেষে ওদের ওপর বোমা চার্জ করে পালিয়ে যায়। আধ ঘণ্টার মধ্যে পুলিস খবর পেয়ে মরদেহ তুলে প্রথমে থানায় ও পরে হাসপাতালে পাঠায়। এই অভিযোগ অস্বীকার করে তৃণমূল প্রার্থী নবীনচন্দ্র বাগ বলেন, ওই ঘটনার সঙ্গে তৃণমূলের কোনও সম্পর্ক নেই। কোনও রাজনৈতিক ব্যাপার নেই। আমাদের দলের নামে অপপ্রচার ও মিথ্যা অভিযোগ করছে সি পি এম বলে তিনি জানিয়েছেন।
ছবি: বিজয়প্রকাশ দাস
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