हवा खराब है तो वोटरों से माफी मांगने लगी दीदी!
हवा क्रमशः वाम कांग्रेस गठबंधन की मजबूत होते देखकर,रोज रोज के मीडिया धमाकों और मुसलिम वोट बैंक के टूटने से दीदी की भाषा बदल गयी है।
बंगाल में हिंदुत्व एजंडा के हक में कोई खड़ा नहीं है और न ही फिजा में दंगाई आगजनी है,इसकी खास वजह है बाकी देश के मीडिया के विपरीत हिंदुत्व को बंगाल में मीडिया का कोई समर्थन नहीं है।
जाहिर है कि जनमत का आइना भले मीडिया को आप न कहे,न जनसुनवाई का कोई मच आप इसे माने,इस मुक्तबाजार में मीडियाबहुत बड़ी ताकत है और वह चाहे तो निरंकुश सत्ता की भी चूलें हिला कर रख दें।
एकसकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
आज ही परिवर्तन जमाने में दीदी की हवा बनाने वाले बंगाल के सबसे बड़े अखबार में ब्यौरे वार यह खुलासा हुआ है कि सिर्फ प्रोमोटर बिल्डर राज के तहत मार्फत सत्तादल का अन्नदाता बना हुआ है सिंडिकेट और कैसे सत्तादल को सालाना कमसकम डेढ़ सौ करोड़ रुपये की आमदनी लोगों की जान माल से खिलवाड़ करने की वजह से होती है तो दूसरी तरफ सत्ता के प्रति अनास्था का आलम यह है कि सत्तादल के सबसे बड़े किले कोलकाता के बड़ाबाजार में ध्वस्त अधबने फ्लाईओवर को पूरा का पूरा ढहाने के लिए ांदोलन शुरु हो गया है।
कोलकाता और विधाननगर के मेयरों के स्टिंग के जवाब में सत्तदल के पास अब शारदा मामले की तरह कोई सफाई नहीं है।
बंगाल में हिंदुत्व एजंडा के हक में कोई खड़ा नहीं है और न ही फिजा में दंगाई आगजनी है,इसकी खास वजह है बाकी देश के मीडिया के विपरीत हिंदुत्व को बंगाल में मीडिया का कोई समर्थन नहीं है।
जाहिर है कि जनमत का आइना भले मीडिया को आप न कहे,न जनसुनवाई का कोई मच आप इसे माने,इस मुक्तबाजार में मीडियाबहुत बड़ी ताकत है और वह चाहे तो निरंकुश सत्ता की भी चूलें हिला कर रख दें।
कल तक इंच इंच का बदला लेने की धमकी देकर शेरनी की तरह दहाड़ने वाली ममता बनर्जी के बोल बदल गये हैं और वे कहने लगी हैं कि घूस जो लेते हैं,उनसे कम बड़ा अपराध उनका नहीं है जो घूस देते हैं।
नारद स्टिंग में रोज नये नये धमाकों के जवाब में दीदी की यह सफाई है जिसमें अब वह ताल ठोंककर दावा कतई नहीं कर रही हैं कि घूसखोरी कोरी गप्प है या उनकी पार्ची के लोग बेदाग हैं जैसे वे शारदा चिटफंड घोटाले के मामले में चीख चीखकर कह रही थीं।बल्कि उनकी इस सफाई से दाल में काला जरुर कुछ है,ऐसा ही साबित होने लगा है।
कामरेड बुद्धदेव भट्टाचार्यको भारी बहुमत की वजह से सबकुचहरा ही हरा नजर आ रहा था और वे न विपक्ष को और न मीडिया को और न जनमत को कौड़ी का भाव दे रहे थे।
तब समूचा मीडिया सिविल सोसाइटी के साथ वाम शासन को उखाड़ने में लग गया।बाजार की तमाम शक्तियां उनके साथ थी तो दीदी को जंगल महल के माओवादियों का खुल्ला समर्थन था।
अब हूबहू वही दुहराया जा रहा है और फर्क यह है कि मुख्यमंत्री बुद्धदेव नहीं ममता बनर्जी हैं और उन्हें भी प्रबल जनसमर्थन और बहुमत के दम पर न मीडिया,न जनमत और जनता की कोई परवाह है।वे मानकर चल रही है कि हिजाब की तरह ओढ़नी ओढ़कर,दुआ सलाम अल्ला हाफिज करने से संघ परिवार के साथ उनके गठबंधन का खुलासा हो जाने के बावजूद बंगाल में करीब हर तीसरे सीट पर निर्णायक मुसलमान वोट बैंक उनके सात होगा।
यह गलतफहमी सच्चार आयोग के रपटआ जाने के बाद कामरेडों को भी थी।नतीजा सामने है।
शारदा फर्जीवाड़ा में सफाई में दीदी कांग्रेस और वामदलों को लपेटती रही हैं और बड़ाबाजार फ्लाईओवर कांड के बाद मौके पर पहुंचकर तत्काल उनकी पहली टिप्पणी यही थी कि यह परियोजना ुनकी नहीं है ,बल्कि सीपीएम की है।अब नारद स्टिंग के रोज रोज के खुलासे में मंत्री सांसद मेयर के फंसे होने के मौके पर दीदी कांग्रेस और सीपीएम को घेरने में नाकाम हैं।
संघपरिवार का वरद हस्त भले जितना उदार हो,केद्र की सरकाकर और केंद्रीय एजंसियां भले ही दीदी के हक में हों,बंगाल के भाजपा नेता अपनी छवि और राजनीति खराब करने में मूड में नहीं हैं और रोजाना वे कोी नकोी ऐसा मामला सामने ला रहे हैं कि दीदी को पलटकर जवाब देने का मौका ही नहीं मिल रहा है।
हारकर दीदी ने कल आसनसोल के कुल्टी में जनता से बाकायदा माफी मांग ली और कहा कि सारी गलतियां उन्हीं की हैं और मतदाता उन्हें जरुर माफ करें।
उन्होंने मतदाताओं से बाकायदा गिड़गिड़ाकर तृणमूल को समर्थन जारी रखने की अपील की है।
पहले चरण का ही मतदान हुआ है और खबरों के मुताबिक केंद्रीय वाहिनी के छाता बन जाने से तृणमूल वाहिनी ने मेदिनीपुर में कई इलाकों मे अपने मन की कर ली ,लेकिन पुरुलिया और बांकुड़ा में ऐसा करने का मौका ही नहीं मिला।
मालदह बीरभूम और मध्य बंगाल में हमलावर रवैया अपनाने के बावजूद हवा क्रमशः वाम कांग्रेस गठबंधन की मजबूत होते देखकर,रोज रोज के मीडिया धमाकों और मुसलिम वोट बैंक के टूटने से दीदी की भाषा बदल गयी है।
बहरहाल तृणमूल सुप्रीमो व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को माकपा-कांग्रेस के चुनावी गठबंधन पर कड़ा प्रहार करते हुए मुर्शिदाबाद की जनता से तृणमूल के पक्ष में मतदान करने की अपील की। एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस ने खुद को माकपा के हाथों बेच दिया है। वर्तमान में माकपा और कांग्रेस एक हो गई है। जिस माकपा ने 55 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हत्या कराई। कांग्रेस ने उसी के साथ हाथ मिला लिया। कांग्रेस कह रही है माकपा जिन्दाबाद और माकपा कह रही है कांग्रेस जिन्दाबाद। अब कांग्रेस वो कांग्रेस नहीं रह गई है।
तृणमूल सुप्रीमो ने मालदा जिले के सुजापुर में एक जनसभा में किसी का नाम लिए बगैर कहा, ''मालदा से दो और मुर्शिदाबाद से एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने माकपा के सामने अपना सिर झुकाया जिसने कभी राजीवजी के खिलाफ गाली-गलौज वाले शब्दों का इस्तेमाल किया था और अपनी रैलियों में एक नारा बनाया था। क्या वे कांग्रेसजन कहे जाने लायक हैं। ऐसा जान पड़ता है कि इन नेताओं ने अपने निजी हित के लिए वस्तुत: कांग्रेस का झंडा बेच दिया।''
दीदी को सत्ता में बहाली का खेल कराब न हो इसलिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदारीहाट में रैली कर सीएम ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला। मोदी ने अपने भाषण में पुल हादसे और शारदा घोटाले का भी जिक्र किया।
ममता को निशाने पर लेते हुए पीएम ने कहा, मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं और मीटिंग बुलाते हैं तो दीदी उसका बहिष्कार करती हैं और इसके साथ आपसे भी धोखा करती हैं। दीदी दिल्ली आती हैं तो सोनिया जी का आशीर्वाद जरूर लेती हैं पर गठबंधन तो लेफ्ट-दीदी का है। इनको बंगाल की चिंता नहीं है, गठबंधन की चिंता है।
प. बंगाल में चुनावी मौसम में रैलियों का दौर तेज हो गया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदारीहाट में रैली कर सीएम
ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला।
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