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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, August 19, 2013

सोनी सोरी ने आदिवासी और होने के बावजूद पुलिस के ज़ुल्मों के खिलाफ आवाज़ उठाने की जुर्रत करी तो पूरा सत्ता तन्त्र सोनी सोरी के मार्फ़त पूरे आदिवासी समुदाय को सबक सिखाने पर तुल गया।


सोनी सोरी ने आदिवासी और होने के बावजूद पुलिस के ज़ुल्मों के खिलाफ आवाज़ उठाने की जुर्रत करी तो पूरा सत्ता तन्त्र सोनी सोरी के मार्फ़त पूरे आदिवासी समुदाय को सबक सिखाने पर तुल गया।

ताकि आइन्दा कोई आदिवासी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने की जुर्रत न कर सके। 

सोनी सोरी को फर्जी मामले में फंसाया गया। उसे थाने में ले जाकर नंगा किया गया । बिजली का करेंट लगाया गया , और फिर उसके गुप्तांगों में पत्थर भर दिए गए। 

सोनी सोरी को प्रताड़ित करने के बाद पुलिस ने सोनी को धमकी दी थी की अगर सोनी ने अपने साथ हुए ज़ुल्म के बारे में किसीको बताया तो पुलिस सोनी के बच्चों की परवरिश करने वाले सोनी के भाई को भी जेल में डाल देगी .

लेकिन पुलिस की धमकी से डरे बिना जब सोनी सोरी ने खुद पर हुए ज़ुल्मों के बारे में सबको बता दिया तो सच में पुलिस की टुकड़ी सोनी सोरी के भाई को पकड़ने सोनी सोरी के भाई के घर पहुँच गयी। 

हम लोगों ने दिल्ली से सारे शहरों से और सारी दुनिया से शोर मचाया तो पुलिस की टुकड़ी को सोनी के भाई के घर से सरकार ने वापिस बुला लिया। 

इसके बाद ही सोनी के साथ हुए ज़ुल्मों के सदमे से सोनी की मां ने दम तोड़ दिया। 

सोनी सोरी के पति अनिल फुटाने को भी पुलिस ने फर्जी मामले में फंसा कर जेल में डाल दिया। सोनी सोरी के पति अनिल फुटाने को अदालत ने निर्दोष घोषित किया। लेकिन तब तक तीन साल गुजर गए थे। और सोनी सोरी का पति अस्पताल के बिस्तर पर मौत की साँसें गिन रहा था। 

पुलिस ने कहा इसे ले जाओ अब अदालत ने इसे छोड़ देने का हुक्म दे दिया है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी सरकार अपना खेल दिखा चुकी थी। घर लाने के एक महीने के भीतर सोनी सोरी के पति अनिल फुटाने ने दम तोड़ दिया। 

यह सरासर सरकार द्वारा की गयी सोनी सोरी के पति की ह्त्या है। सोनी के पति की उम्र चालीस से भी नीचे थी। वह एक तंदरुस्त हट्टा - कट्टा युवक था। सरकार का दावा था की यह नक्सलियों के साथ एक कांग्रेसी नेता के घर पर हुए हमले में शामिल था। पुलिस की मानें तो वह स्वस्थ था तभी तो हमले में शामिल हो सका। 

तो सरकार की जेल में तीन ही साल में सोनी सोरी के पति अनिल फुटाने के साथ सरकार ने ऐसा क्या किया की फिर कभी जेल से सोनी सोरी का पति अपने पैरों बाहर आ ही नहीं पाया? 

सोनी सोरी का पति निर्दोष था, आपकी अदालत भी ऐसा मानती है। वह स्वस्थ था आप भी मानते हैं। वह आपकी हिरासत में था. वह आपकी देखभाल में था। फिर वह आपकी कैद से रिहा होते समय अपने पैरों पर चलने लायक क्यों नहीं बचा था ?

तो इस तरह सरकार ने सोनी सोरी के बच्चों को अनाथ बना दिया। एक हँसते खेलते परिवार को तबाह कर दिया। 

सोनी सोरी के पति ने मरने से के एक पत्रकार को बताया था की जेल में सोनी सोरी के पति को बुरी तरह मारा जाता था। जिसके कारण वह इस हालत में पहुंचा था। 

शायद सरकार मानती है की अदालत तो सरकार के लिए बनायी गयी है जिसमे सरकार आदिवासियों , दलितों , मुसलमानों को पकड कर फर्जी मामलों में फंसा कर जेल में सडवा दे। ताकि यह सब लोग सरकार से डर कर हमेशा खामोश रहें और कभी भी अपने हकों के लिए आवाज़ उठाने की सोच भी न सकें। 

लेकिन अगर कोई आदिवासी दलित, मुसलमान इसी सरकारी अदालत में सरकार की ही पेशी करवा दे तो सरकार इसे अपनी बेईज्ज़ती मानती है और ऐसी हिमाकत करने वालों पर ऐसे ही ज़ुल्म करती है जैसा उसने सोनी सोरी के पूरे परिवार के साथ किया।

मेरे पास सोनी सोरी के पति अनिल फुटाने का एक वीडियो है जिसमे वह बता रहा है की पुलिस अधीक्षक ने अपने सिपाहियों को हुक्म दिया है की यह औरत सोनी सोरी बहुत ज्यादा नेतागिरी दिखा रही है इसका रेप कर दो बाद में ये खुद शर्म से मर जायेगी। 

और अपने सिपाहियों को बलात्कार करने का यह हुक्म देने वाला वो एसपी अमरेश मिश्रा आजकल दिल्ली में ही वीआईपी सुरक्षा का बड़ा अधिकारी बना हुआ है। 

जल्द ही सोनी सोरी के पति अनिल फुटाने का यह वीडियो सार्वजनिक करूंगा।

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