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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, June 25, 2012

मानसून को रिझाने के लिये निकली जिंदा व्यक्ति की शवयात्रा

मानसून को रिझाने के लिये निकली जिंदा व्यक्ति की शवयात्रा

Monday, 25 June 2012 16:48

इंदौर, 25 जून (एजेंसी) मानसून की मेहरबानी को तरस रहे मध्यप्रदेश में इंद्र देव को मनाने के लिये तरह..तरह के टोटके आजमाये जा रहे हैं। मेघों को रिझाने के लिये आज इंंदौर में जिंदा व्यक्ति की शवयात्रा का स्वांग तक रच दिया गया। 
शहर के राजकुमार मिल सब्जी मंडी क्षेत्र में निकली इस बेहद नाटकीय शवयात्रा का नजारा हालांकि किसी आम शवयात्रा से कम नहीं था। 
मानसून की आमद में देरी से परेशान व्यापारियों और किसानों ने एक जीवित व्यक्ति को अर्थी पर लिटाया और 'विलाप' किया।
'शवयात्रा' में अर्थी के आगे एक व्यक्ति हाथ में मटकी लेकर चल रहा था, जिसमें सुलगा कंडा रखा गया था। वहीं पीछे 'गमगीन' लोगों का हुजूम 'राम नाम सत्य है' का उच्चारण कर रहा था। यह शवयात्रा ढोल..ढमाकों के साथ निकलकर श्मशान घाट तक पहुंची।  

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी में यह अजीबो..गरीब टोटका होलकर रियासत के जमाने से आजमाया जा रहा है। स्थानीय मान्यता है कि ऐसा करने पर बादल मेहरबान होते हैं और घनघोर बारिश होती है। 
टोटके के जरिये इंद्र देव को मनाया जाता है। इसके साथ ही, वर्षा के देवता को यह प्रतीकात्मक उलाहना दी जाती है कि उनकी निष्ठुरता की वजह से यह नौबत आ गयी है कि जिंंदा इंसान को भी अर्थी पर लिटाना पड़ रहा है।


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