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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, December 29, 2014

अनुभव अनुभव की बात

कमल जोशी उत्तराखंड के मशहूर फोटोकार और निरंतर सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं।पुरुष वर्चस्व की सामाजिक मानसिकता पर उनका यह तीखा प्रहार।हमें भी उनके सवाल का जवाब चाहिए।
पलाश विश्वास
हमारे एक मित्र ने पोस्टर शेयर किया है जिस पर लिखा है " जिन मर्दों को खाना बनाना आता है उनकी जनानियां की आये दिन तबियत खराब हो जाती है" शायद उन्होंने मज़ाक में ही शेयर किया होगा क्यों की उनसे इस सोच की उम्मीद नहीं.
मैंने ज़वाब में लिखा है..... "अनुभव अनुभव की बात...! हमारे मित्र जो स्त्री पुरुष समानता पर विश्वास करते हैं और घर के कामों में पत्नी का हाथ बंटाते है. सफल और बेहतर गृहस्थ जीवन बिता रहे है...! और वैसे भी मैंने अभी तक घर के काम में हाथ बताने वाले पुरुषों की पत्नियों को बीमारनहीं देखा..., ये भी हो सकता है की जिन पुरुषों की पत्नियां बीमार हो वे भी घर का काम करते हों. लैंगिक समानता के दौर में ये पोस्टर विकृत मानसिकता का प्रतीक है...!
वैसे ये भी पूछा जाना चाहिए की जिन पुरुषों की बीवियां नौकरी करती हैं उन पुरुषों के स्वास्थ्य की क्या समस्या होती है..?, पोस्टर के तर्क से तो वो पुरुष भी बीमार ही रहने चाहिए... पर हमने तो उलटा देखा..." आपके कमेंट....?



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