चुनाव जीतने वाला ए.के. ४७ से फायर कर रहा है. तो दूसरा अपने समर्थकों के साथ तिरंगा फहराते बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी से फर्राटे भर रहा है. यही तो इंडिपेंडैंस है. इंडिपेंडेंस मतलब अनधीनता. मतलब हम किसी से कम नहीं. दूसरे शब्दों में राक्षस राज. हम काहू ते मरहिं न मारे. नर कपि भालु अहार हमारे की धारणा. 'स्व'अधीनता नहीं."स्व' मतलब विवेक. विवेक मतलब समझदारी. समझदारी मतलब जैसे तुम जीना चाहते हो, वैसे ही दूसरे भी जीना चाहते हैं. मतलब जियो और जीने दो.
क्या जैसे-जैसे जनतंत्र नाम का यह गणतंत्र (गण चाहे शिव के हों या उनके बेटे ( मन तो करता है कि आज के संदर्भ में बेटे के स्थान पर "लौंडे' लिखूँ) गणेश के, उजड्ड ही माने गये हैं) और भी उजड्ड नहीं होता गया है?
कुमाऊनी में अजाद (आजाद) का मतलब ही निरंकुश और एक प्रकार से परिवारी जनों को ही नहीं पास-पड़ोस में रहने वालों की नाक में दम करने वाला है. वाक्य प्रयोग होता है तौ छोर भौत अजाद हैगो' (ये छोकरा बड़ा आजाद हो गया है) आपको मालूम होगा कि ऐसे मामले में घर के सयाने लोग क्या करते थे? बिच्छू घास को पानी में भिगा कर अंगपूजा करते थे. सारी हदें पार करने वाले के लिए तो कंस वध ही एकमात्र उपाय माना जाता रहा है.
निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाता है गाय. मतदान है दूध. दूध का ग्वाला क्या करे यह उसकी मर्जी. यह है अब तक का भारतीय गणतंत्र.
अब तक असुर के रूप में प्रचारित नेता तो देवत्व की साधना करता दिख रहा है. और उसे अपना नेता कहने वाले धर्म के ये ठेकेदार उसकी जड़ खोद कर उसकी घर वापसी का इन्तजाम करने में लगे हुए हैं.
क्या जैसे-जैसे जनतंत्र नाम का यह गणतंत्र (गण चाहे शिव के हों या उनके बेटे ( मन तो करता है कि आज के संदर्भ में बेटे के स्थान पर "लौंडे' लिखूँ) गणेश के, उजड्ड ही माने गये हैं) और भी उजड्ड नहीं होता गया है?
कुमाऊनी में अजाद (आजाद) का मतलब ही निरंकुश और एक प्रकार से परिवारी जनों को ही नहीं पास-पड़ोस में रहने वालों की नाक में दम करने वाला है. वाक्य प्रयोग होता है तौ छोर भौत अजाद हैगो' (ये छोकरा बड़ा आजाद हो गया है) आपको मालूम होगा कि ऐसे मामले में घर के सयाने लोग क्या करते थे? बिच्छू घास को पानी में भिगा कर अंगपूजा करते थे. सारी हदें पार करने वाले के लिए तो कंस वध ही एकमात्र उपाय माना जाता रहा है.
निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाता है गाय. मतदान है दूध. दूध का ग्वाला क्या करे यह उसकी मर्जी. यह है अब तक का भारतीय गणतंत्र.
अब तक असुर के रूप में प्रचारित नेता तो देवत्व की साधना करता दिख रहा है. और उसे अपना नेता कहने वाले धर्म के ये ठेकेदार उसकी जड़ खोद कर उसकी घर वापसी का इन्तजाम करने में लगे हुए हैं.
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