रुद्रपुर। सरकारी विभागों मेें धन का दुरुपयोग नया मामला नहीं हैं। लेकिन ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग (आरईएस) ने तो हद ही कर दी। विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्र की एक नेम प्लेट लगाने का 12 हजार रुपये का इस्टीमेट बना दिया। इसके आधार पर जिले की 210 आंगनबाड़ी केंद्रों में नेम प्लेट लगाने को समाज कल्याण विभाग को शासन से 25.20 लाख रुपये जारी हो गए।
एक नेम प्लेट 12 हजार की!
सीडीओ ने किया आरईएस के इंजीनियरों का जवाब तलब
रुद्रपुर। सरकारी विभागों मेें धन का दुरुपयोग नया मामला नहीं हैं। लेकिन ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग (आरईएस) ने तो हद ही कर दी। विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्र की एक नेम प्लेट लगाने का 12 हजार रुपये का इस्टीमेट बना दिया। इसके आधार पर जिले की 210 आंगनबाड़ी केंद्रों में नेम प्लेट लगाने को समाज कल्याण विभाग को शासन से 25.20 लाख रुपये जारी हो गए। जबकि यह पट्टिका लगाने का काम जारी धन से आधे से कम में हो सकता है। यह मामला सीडीओ धीराज सिंह गर्ब्याल ने पत्रावलियों की जांच में पकड़ा है। उन्होंने आरईएस के इंजीनियरों का जवाब तलब किया है। इस बाबत सीडीओ ने समाज कल्याण सचिव डा. अजय कुमार प्रद्योत को भी पत्र लिखा है। उन्होंने जारी धन को नेम प्लेट के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय, पानी और अन्य सुविधाओं के लिए व्यय करने की अनुमति मांगी है।
जिले की 210 आंगनबाड़ी केंद्रों में नेम प्लेट लगाई जानी है। इसके लिए आरईएस प्रखंड ऊधमसिंह नगर ने समाज कल्याण विभाग के माध्यम से शासन को इस्टीमेट बनाकर भेजा था। शासन ने इस इस्टीमेट के आधार पर 25.20 लाख की धनराशि समाज कल्याण विभाग को जारी कर दी है। साथ ही पत्र में प्रत्येक नेम प्लेट पर 12 हजार रुपये व्यय करने की बात लिखी है। छोटी सी नेम प्लेट के लिए 12 हजार खर्च होने को लेकर खुद सीडीओ ने भी आश्चर्य जताया है। उन्होंने पत्रावलियों की छानबीन के बाद पाया कि आरईएस ने ही उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए इस्टीमेट को बढ़ा-चढ़ाकर बना दिया। सीडीओ गर्ब्याल ने इस राशि को काफी अधिक बताया है। साथ ही समाज कल्याण सचिव को पत्र लिखकर 12 हजार की रकम को नेम प्लेट के अतिरिक्त शौचालय निर्माण, पानी की सुविधा और अन्य आवश्यकीय कार्य में खर्च करने की स्वीकृति मांगी है। ब्यूरो
•210 आंगनबाड़ी केंद्रों में पट्टिका लगाने को जारी हो गए 25.20 लाख
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