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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Tuesday, August 6, 2013

बल भैजी, आपदा के मायने ?

बल भैजी, आपदा के मायने ?

सच्चाई यह है कि जून माह में आई आपदा, ठेकेदारों और नेताओं के पुराने कारनामों को बहा ले गयी, इतनी दूर की कोई नामोनिशान ही नहीं बचा, उन पुराने कारनामों की कब्र पर सरकार के मंत्री-विधायक-नौकरशाह मिलकर अब नए "कारनामों" को अंजाम देनें का प्लेटफॉर्म तैयार कर रहें हैं !

ऐसे में यह प्रश्न तो उपस्थित होता ही है कि कहीं यह राज्य में आई आपदा के बहाने राहत राशि में बड़ा "गेम बजाने" की तैयारी तो नहीं हो रही है ? 

बेशक आपदा के नाम पर पहले प्राधिकरण का गठन करने को मंजूरी देना फिर उस निर्णय के खिलाफ आपदा राहत मंत्री का खुद के पद को "आपदाग्रसित" देख कोप भवन में चले जाना, फिर केबिनेट द्वारा प्राधिकरण गठन के अपने ही पूर्व पारित प्रस्ताव को रद्द करना, ये सब लक्षण इस राज्य को और अधिक "घोर आपदाग्रस्त" करने को लक्षण हैं !

कुल मिलाकर माई लॉर्ड बहुगुणा सरकार की इन सारी कवायदों का निचोड़ ये है कि हाल ही में आई "आपदा" राज्य के लोगो को लिए बेशक "विपदा" लाई हो, लेकिन जनता के नाम पर नित नए खेल करने वालों के लिए तो यह आपदा भरपूर "सम्पदा" ला रही है, बस एक दिक्कत सामने है वह यह कि नेताओं और नौकरशाहों के मन माफिक सिस्टम तैयार नहीं हो पा रहा है कि राहत राशि को अपनी जमात में बांटा कैसे जाए और बांटने का अधिकार किसे हो ?

ग्याडू को तो समझ में आ गया, तुम समझो या ना समझों तुम्हारी अकल......
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