Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, August 8, 2013

ताज कॉरिडोर: मायावती को सुप्रीम कोर्ट से राहत

ताज कॉरिडोर: मायावती को सुप्रीम कोर्ट से राहत

Thursday, 08 August 2013 15:49

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर उसका निर्णण् केवल ताज कॉरिडोर मामले में था और न्यायालय बसपा सुप्रीमो पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने के आरोपों के गुण दोष सहित अन्य पहलुओं पर नहीं गौर नहीं किया था।


प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा एक याचिका का निपटारा करते हुये यह स्पष्टीकरण दिया। याचिका में आग्रह किया गया था कि न्यायालय मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला खारिज करने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाये। 
पीठ ने फैसले का एक अंश पढ़ते हुए कहा, ''हम दोहराते हैं कि हमारा फैसला ताज कॉरिडोर मामले पर आधारित है ।''
बसपा ने दावा किया कि फैसले से मायावती को राहत पहुंची है ।
बसपा प्रमुख के वकील सतीश चंद्र मिश्र ने आदेश के बाद दावा किया कि पुनर्विचार याचिका पर विचार नहीं किया गया और सीबीआई द्वारा मायावती के खिलाफ दायर आय से अधिक संपत्ति का ''अवैध'' मामला बंद होने के मुकाम पर आ गया है ।
न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के निवासी कमलेश वर्मा की पुनर्विचार याचिका पर यह आदेश दिया। कमलेश वर्मा ने पारित किया जिन्होंने मायावती द्वारा अपने खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला खत्म किए जाने के लिए शीर्ष अदालत में दायर मामले में हस्तक्षेप किया था ।

न्यायालय ने एक 1 मई को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि आय से अधिक संपत्ति के मामला इसलिए खारिज किया गया क्योंकि सीबीआई इसके आदेशों को समझे बिना उनके खिलाफ आगे बढ़ी जो ताज कॉरिडोर मामले तक सीमित थे ।
न्यायालय ने कहा था कि फैसले ने आय से अधिक संपत्ति के अलग से मामले में मायावती के खिलाफ आगे बढ़ने की सीबीआई के अधिकार को दूर नहीं किया ।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल छह जुलाई को मायावती के खिलाफ नौ साल पुराना आय से अधिक संपत्ति का मामला खारिज कर दिया था और किसी निर्देश के बिना उनके खिलाफ प्राथमिकी दायर करने पर सीबीआई की खिंचाई भी की थी ।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला ''अनुचित'' है और एजेंसी इसके आदेशों को उचित ढंग से समझे बिना आगे बढ़ी जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित तौर पर अनुमोदन के बिना 17 करोड़ रूपये जारी करने से संबंधित ताज कॉरिडोर मामले तक सीमित था ।
(भाषा)

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...