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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, August 7, 2013

पत्रकारों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से हरियाणा आवास बोर्ड में मांगा तीन प्रतिशत आरक्षण

[LARGE][LINK=/article-comment/13604-2013-08-07-13-13-08.html]पत्रकारों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से हरियाणा आवास बोर्ड में मांगा तीन प्रतिशत आरक्षण[/LINK] [/LARGE]

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Details Category: [LINK=/article-comment.html]सुख-दुख...[/LINK] Created on Wednesday, 07 August 2013 18:43 Written by दीपक खोखर
चंडीगढ़ : सिटी ब्यूटीफुल में हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक पत्रकार ने मांग की कि हरियाणा आवास बोर्ड में पत्रकारों के लिए आरक्षण बढ़ा दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री भी कहां चूकने वाले थे। तुरंत ही कह डाला- अगर पत्रकारों की ओर से ऐसा कोई मांग पत्र आता है तो इस पर विचार किया जाएगा।

हरियाणा के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि एक पत्रकार ने हरियाणा आवास बोर्ड के मकानों में पत्रकारों के आरक्षण को डेढ़ प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत करने की मांग की। साथ ही इसी में लिखा गया है कि हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां पत्रकारों के कल्याण के लिए मीडिया पालिसी बनाई गई है। अब इस विज्ञप्ति में इन पत्रकार महोदय का नाम तो नहीं है। अगर किसी पत्रकार महोदय को पता हो तो वह सार्वजनिक कर दे।

मेरा एक बार फिर यह सवाल है कि पत्रकार हर बार सरकार से क्यों मांगते हैं। अगर उन्हें कुछ मांगना ही है तो उन मालिकों से मांगें जिनके यहां वे नौकरी करते हैं। जब वे तनखा निजी संस्थानों से लेते हैं तो फिर सरकार उन्हें सुविधाएं क्यों दे। दरअसल उन मालिकों से मांगने की तो किसी में हिम्मत होती नहीं और सरकार के सामने जब देखो तब हाथ फैला लेते हैं। मांगना है तो खुलकर अपनी काबलियत के हिसाब से मालिकों से मांगे। नहीं दें तो फिर धरने, प्रदर्शन करो। यह हक है तुम्हारा। तुम दूसरों के धरने, प्रदर्शन की तो खूब खबरें छापते हो और बहुत से नेताओं, पार्टियों व संगठनों को समय-समय पर अंगुली भी करते हो, फिर अपने पर यह बात लागू क्यों नहीं करते।

हरियाणा सरकार ने भी मीडिया पालिसी के नाम पर पत्रकारों को सुविधाएं दे रखी हैं। मान्यता के नाम पर ही बड़ा खेल चलता है। हर किसी की चाहत रहती है कि किसी तरह सरकार की ओर से मान्यता मिल जाए बस एक बार। मानो जिसको मान्यता मिल गई, उससे बड़ा पत्रकार कोई नहीं। इसी मान्यता के आधार पर दीपावली पर मुख्यमंत्री महोदय की ओर से उपहार भेजा जाता है।

[B]दीपक खोखर का विश्लेषण.[/B]

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