Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, June 7, 2012

यहां एक घड़ा पानी के लिए याचना कर रहे हैं बच्‍चे

http://news.bhadas4media.com/index.php/yeduniya/1537-2012-06-07-07-49-11

[LARGE][LINK=/index.php/yeduniya/1537-2012-06-07-07-49-11]यहां एक घड़ा पानी के लिए याचना कर रहे हैं बच्‍चे   [/LINK] [/LARGE]
Written by चंदन भाटी Category: [LINK=/index.php/yeduniya]सियासत-ताकत-राजकाज-देश-प्रदेश-दुनिया-समाज-सरोकार[/LINK] Published on 07 June 2012 [LINK=/index.php/component/mailto/?tmpl=component&template=youmagazine&link=40d477957026c796ae8784ebc8591ebdd0b4751c][IMG]/templates/youmagazine/images/system/emailButton.png[/IMG][/LINK] [LINK=/index.php/yeduniya/1537-2012-06-07-07-49-11?tmpl=component&print=1&layout=default&page=][IMG]/templates/youmagazine/images/system/printButton.png[/IMG][/LINK]
बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिले में भीषण गर्मी के साथ ही पेयजल का जबरदस्त संकट छाया हुआ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात पहले से ही विकट हैं। जिला प्रशासन पेयजल की समुचित व्यवस्था करने में विफल रहा है। पेयजल संकट के कारण ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों में पेयजल संकट की स्थिति भयावह होती जा रही हैं। शहरी क्षेत्र में पानी के एक-एक घडे़ के लिए लोग भीख मांगने को मजबूर हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र में सूरज की पहली किरण के साथ कच्ची बस्ती के बाशिन्दें खाली घडे़ सिर पर रख कर घर-घर एक मटका पानी भरवाने के लिए गिड़गिड़ाती नजर आती हैं, जहां उन्‍हें पानी की बजाय दुत्कार ही मिलती है।
पानी के एक एक मटके के लिए छोटे छोटे बालक बालिकाएं भीख मांग रहे हैं, मगर इनकों पानी की भीख नहीं मिलती। शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति सात आठ दिनों में एक बार होने के कारण शहरी बाशिन्दों को 500-600 रुपये देकर पानी का टैंकर डलवाना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय पर जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति के बावजूद पेयजल आपूर्ति में किसी प्रकार का सुधार नहीं है। इस कारण शहरी क्षैत्र के वाशिन्दें पानी के उपयोग में कंजूसी बरत रहे हैं। समस्या गरीब तबके के परिवारों के सामने खड़ी हैं। सार्वजनिक नलों की परम्परा समाप्त हो जाने के बाद से ही कच्ची बस्तियों में पेयजल संकट मौत के समान हो गया हैं। गरीब तबके की स्थिति 500-600 रुपये देकर टैंकर डलवाने की नहीं हैं। ऐसे में छोटे-छोटे बालक-बालिकाओं के साथ घरों की महिलाएं आसपास के क्षेत्रों के घरों में दस्तक देकर एक घडे़ पानी के लिए अनुनय करती नजर आती हैं। प्रशासन द्वारा शहरी क्षेत्रों में पेयजल संकट के बावजूद सरकारी पेयजल टैंकरों की व्यवस्था नहीं कर पाई। जबकि पूर्ववर्ती सालों में शहरी क्षेत्रों में स्थित कच्ची बस्तियों में पेयजल आपूर्ति के लिए सरकारी टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति की व्यवस्था की जाती रही हैं।

इस वर्ष जिला प्रशासन द्वारा टैंकरों की व्यवस्था नहीं करने के कारण गरीब तबके के लोग पानी के एक घडे़ के लिए भीख मांगनें को मजबूर हैं। लोहार कच्ची बस्ती के रावताराम भील ने बताया कि पानी की इतनी किल्लत साठ साल की उम्र में कभी नहीं देखी। पानी ने हमारे परिवारों को भीख मांगना सिखा दिया। श्रीमती हरिया ने बताया कि घर घर पानी के लिए गिड़गिड़ाते हैं, भीख मांग कर याचनाएं करने के बावजूद एक घड़ा पानी नसीब नहीं होता। पहले कोई ना कोई पानी का एक घड़ा भरवा देता था, मगर पेयजल आपूर्ति सात आठ दिनों में एक बार करने के बाद पानी कोई नहीं भरवाता। कितनी लाचारी एक घडे़ पानी के लिए करें। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि शहरी क्षेत्रों की कच्ची बस्तियों में पेयजल आपूर्ति के लिऐ प्रत्येक कच्ची बस्ती में सिंटेक्स की टंकियों की व्यवस्था की जा रही है। सभी बस्तियों में टंकिया रखवा कर टैंकरों से भरवाई जायेगी ताकि कच्ची बस्तियों में पेयजल की तकलीफ ना हो, साथ ही  नगर पालिका को पाबन्द किया जाऐगा। शीघ्र शहरी क्षेत्र में टैंकरों से आपूर्ति आरम्भ की जाएगी।

[B]चंदन भाटी की रिपोर्ट.[/B]

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...