बजट 2014: कितना बचेगा आपका टैक्स
मोदी सरकार के पहले बजट से सभी बड़ी उम्मीदें लगाएं बैठे थे, ऐसे में सरकार ने आम आदमी को टैक्स छूट के रूप में बड़ा तोहफा दिया है। बजट 2014 में जहां टैक्स छूट 2.5 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री कर दी गई है, वहीं 80 सी के तहत मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को भी बढ़ा दिया है।
वहीं अलग-अलग योजनाओं में 80 सी के तहत अब 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का फायदा मिलेगा। हालांकि टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं। वित्त मंत्री के इन चंद कदमों से क्या वाकई बचत करने वालों के अच्छे दिन आ गए, टैक्स छूट में दी गई ये रियायत कितनी बड़ी है, इन मुद्दों पर लेंगे एक्सपर्ट्स की राय।
मोदी सरकार के पहले बजट में आम आदमी को राहत देने की कोशिश की गई है। अब 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर आयकर नहीं लगेगा। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों (सीनियर सिटीजन) के लिए आयकर छूट सीमा 3 लाख रुपये की गई है। आयकर छूट की सीमा बढ़ने से टैक्स बोझ में 5000 रुपये की कमी आएगी।
सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये कर दी है। साथ ही होमलोन के ब्याज पर बड़ी छूट भी दी है। अब 1.5 लाख रुपये के बजाए 2 लाख रुपये तक के होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। पीपीएफ में निवेश की सीमा बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये हुई है।
फाइनेंशियल प्लानर अर्णव पंड्या का कहना है कि फाइनेंशियल प्लानिंग के नजरिए से देखा जाएं तो इन छोटे छूट से कोई ज्यादा बदलाव आने की उम्मीद नहीं है। आम जनता पर महंगाई का इतना बोझ पड़ता है कि वो बचत नहीं कर पाते हैं। अतिरिक्त बचत करना आम जनता के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
80 सी लिमिट को पूरा करने के लिए जरूरी नहीं कि लोग ज्यादा बचत कर पाएंगे। क्योंकि अब भी महंगाई बहुत ज्यादा है और लोगों के लिए बचत करना मुश्किल है। दूसरी तरफ ब्याज दरें भी काफी ज्यादा है। पीपीपएफ में निवेश की सीमा 1 लाख रुपये बढ़ाकर से 1.5 लाख रुपये कर दी गई है। लिहाजा जिनका लंबी अवधि के लिए निवेश करने का नजरिया हो और लंबी अवधि का फायदा उठाना हो तो पीपीएफ अच्छा विकल्प होगा। फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब से आपको अपनी बचत का एलोकेशन करना चाहिए।
टैक्स गुरु सुभाष लखोटिया के मुताबिक आयकर पर टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़कर 2.5 लाख रुपये हुई, 80सी के निवेश पर छूट 1 लाख रुपये से 1.5 लाख रुपये हो गई और होमलोन ब्याज पर छूट 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये की गई है जिससे सभी वर्ग के करदाताओं को फायदा देगा। जिन लोगों की इनकम 30 फीसदी से ज्यादा के स्लैब में आती है उनके लिए करीब 30-35,000 रुपये की टैक्स की बचत होगी। इन सबको देखते हुए अच्छे दिन आने की आशा तो पूरी हो गई है लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कोई भी अतिरिक्त फायदा नहीं हुआ है।
वित्त मंत्री चाहते तो आम आदमी को और राहत दे सकते थे। टैक्स में कमी, विदेशों से भारत के पैसों को लाना, ब्लैक मनी, टैक्स चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ कोई कड़े कदम उठाएं जाते तो ज्यादा फायदेमंद हो सकता था।
अब होम लोन, सेविंग्स के साथ 6 लाख रु. तक की इनकम होगी टैक्स फ्री
- होम लोन के ब्याज पर कर छूट बढ़ी
- सेक्शन 80 सी के तहत विभिन्न बचत पर भी बढ़ी छूट की सीमा
पूर्व स्थिति | अब क्या होगा | |
टैक्सेबल इनकम | एक लाख रुपए | 50,000 रुपए |
टैक्स | 10,000 रुपए | 5,000 रुपए |
सेस | 300 रुपए | 150 रुपए |
कुल टैक्स | 10,300 रुपए | 5,150 रुपए |
पूर्व स्थिति | अब क्या होगा | |
टैक्सेबल इनकम | चार लाख रुपए | 3.50 लाख रुपए |
टैक्स | 50,000 रुपए | 45,000 रुपए |
सेस | 1500 रुपए | 1350 रुपए |
कुल टैक्स | 51,500 रुपए | 46,350 रुपए |
पूर्व स्थिति | अब क्या होगा | |
टैक्सेबल इनकम | 9 लाख रुपए | 8.5 लाख रुपए |
टैक्स | 1.6 लाख रुपए | 1.55 लाख रुपए |
सेस | 4,800 रुपए | 4,650 रुपए |
कुल टैक्स | 1,64,800 रुपए | 1,59,650 रुपए |
आय | टैक्स दर |
Upto Rs.2,50,000 | Nil |
Rs. 2,50,001 to Rs. 5,00,000 | 10% |
Rs. 5,00,001 to Rs. 10,00,000 | 20% |
Above Rs. 10,00,000 | 30% |
Upto Rs.3,00,000 | Nil |
Rs. 3,00,001 to Rs. 5,00,000 | 10% |
Rs. 5,00,001 to Rs.10,00,000 | 20% |
Above Rs. 10,00,000 | 30% |
Upto Rs. 5,00,000 | Nil |
Rs. 5,00,001 to Rs. 10,00,000 | 20% |
Above Rs. 10,00,000 | 30% |
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