नेशनल हाउसिंग बैंक को 12 हजार करोड़ रुपए
बजट में नेशनल हाउसिंग बैंक को 12 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसकी वजह से भावी ग्राहकों को कम कीमत के घर के लिए सस्ते कर्ज मिल सकेंगे। इसका व्यापक असर आने वाले दिनों में रियल एस्टेट सेक्टर पर देखने को मिलेगा। कम ब्याज दर पर लोन मिलने से घर खरीददारों की संख्या में इजाफा होगा। हालांकि, यह रकम बहुत ही कम है। 125 करोड़ की आबादी के इस देश में शहरी जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। शहरों में घर की मांग भी उसी तेजी से बढ़ रही है। उसको देखते हुए यह रकम काफी नहीं है।
पीपीपी मॉडल से 500 आदर्श सिटी का निर्माण
शहरी नवीनीकरण कार्यक्रम के तहत पीपीपी मॉडल के जरिए काम किया जाएगा। बजट में पीपीपी मॉडल के जरिए कम से कम 500 आदर्श सिटी बनाने की बात कही गयी है। लेकिन, ये घोषणा यह नहीं बताती कि इस लक्ष्य को कैसे पूरा किया जाएगा। पीपीपी मॉडल के साथ पिछला अनुभव कुछ खास नहीं रहा है। ऐसे में इस घोषणा का क्रियान्वयन संदेह के घेरे में है।
आरआईटीएस ट्रस्ट पर टैक्स छूट
सरकार ने आरआईटीएस ट्रस्ट पर टैक्स छूट देने को कहा है। यह रियल एस्टेट सेक्टर को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सबसे कारगर उपाय सिद्ध होगा। फंड की कमी से जूझ रहे इस सेक्टर को सरकार ने बड़ी राहत दी है। इस ट्रस्ट पर टैक्स छूट मिलने से छोटे निवेशक भी रियल एस्टेट में निवेश का मौका पा सकेंगे। विदेशी निवेश्ाक भी इस ट्रस्ट के माध्यम से रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश कर पाएंगे। इसका फायदा डेवलपर्स के साथ घर खरीददार को भी मिलेगा। प्रोजेक्ट को तय समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी। वहीं घर खरीददार को समय पर उनका घर मिलेगा।
होम लोन पर टैक्स छूट
बजट में होम लोन पर मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ा दी गई है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत पहले 1.5 लाख रुपए पर ब्याज छूट को बढ़ा कर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा ग्रामीण आवास की जरूतर को पूरा करने के लिए 8000 करोड़ रुपए और शहरी आवास की जरूरत को पूरा के लिए 4000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए है। कम कीमत के घरों के निर्माण में एफडीआई की अनुमति और 100 नए स्मार्ट शहरों के लिए 7060 करोड़ रुपए भी बजट में आवंटित किए गए है।
हवाई अड्डों का निर्माण
पीपीपी मॉडल से टियर टू और थ्री शहरों में हवाई अड्डों का निर्माण होगा। अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह मॉडल कितना सफल होगा है क्योंकि निवेशक छोटे शहरों में पैसा लगाने से कतराएंगे। यदि योजना सफल हुई तो इसका बड़ा व्यापक असर देखने को मिलेगा। छोटे शहरों में निवेश आने से विकास तेजी से होगा। कनेक्टिवटी अच्छी होने से शहर की तस्वीर बदलेगी। डेवलप हो रहे एयरपोर्ट के आसपास नए शहर डेवलप हो सकते हैं। इससे इन छोटे शहरों में प्रॉपर्टी की कीमत में इजाफा होगा।
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