धर्म, राजनीति और पूंजी के बरमुडा त्रिभुज में कत्ल की इस रात की कोई सुबह नहीं!
पलाश विश्वास
7700 के पार निफ्टी, सेंसेक्स 440 अंक उछला
मोदी सरकार का पहला बजट बाजार को खुश कर गया है। सेंसेक्स-निफ्टी 1.75 फीसदी चढ़े हैं।
फिर वही विकास का कामसूत्र।फिर वही योगाभ्यास।फिर वही वैदिकी मंत्र।इस कूटिल सेक्सी तंत्र यंत्र मंत्र के कूट रहस्य का खुलासा रियल टाइम में असंभव है।खास बात यह है कि मलाईदार तबके की सेहत और जेबों का खास ख्याल रखा गया है और चादर से बाहर पैर न फैलाने के ऐलान के बावजूद नौकरीपेशा,कारोबारी लोगों को ढाई लाख तक की आय पर कोई इनकाम टैक्स न देना पड़े,इसका इंतजाम कर दिया गया है।अपढ़,अदक्ष जनगण के विकास के मंत्रोच्चार के लिए देशी विदेशी पूंजी प्रवाह को निर्बाध निरंकुश बनाने और छिनाल संस्कृति को छइया छइया करके कार्निवाल का माहौल जमजमाट कर दिया गया है।ब्राजील के हारने से दुःखी और अर्जेंटीना के लिए प्रार्थनारत क्रयशक्ति संपन्न जनगण और कारपोरेट मीडिया के लिए यह बजट नमोमय भारत का भूदान यज्ञ है।
इस भूदान यज्ञ के तहत बजट में सौ स्मार्ट नगरों के लिए 7060 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है जो शैतानी औद्योगिक गलियारों और हीरक बुलेटी चतुर्भुज के मुताबिक है।यानी देहात के सर्वनाश को सर्वोच्च प्रथमिकता दी गयी है और कृषिजीवी भारत के मृत्यु परवाने पर दस्तखत है यह केसरिया कारपोरेटबजट।
गौरतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का संकल्प व्यक्त करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार ने आज अपने पहले बजट में विदेशी निवेश को सरल बनाने की अनेक घोषणाएं की और कालेधन को वापस लाने के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई।
विनिवेश का रोडमैप चूंकि पहले से तैयार है और उस पर तेजी से अमल भी हो रहा है,इस सिलसिले में खास खुलासा नहीं हुआ,जिससे प्रतिकूल असर होता और इस सिलसिले में वित्तमंत्री ने तथ्यों और सूचनाओं को सार्वजनिक करने से परहेज किया है।
लेकिन पीपीपी गुजरात माडल को महिमामंडित करते हुए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के राष्ट्रवाद का आवाहन पूरी वैदिकी रस्मअदायगी के साथ हो गया है। जैसा कि आर्थिक समीक्षा में संकेत दिया गया था।
इस रामवाण के बाद राजनीतिक बाध्यताओं की आंच से जले छाछ भी फूंककर पीने वाले बाजार में जान आ गयी है और बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल रहा है। वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद लाल निशान में आए बाजार अब बढ़त के साथ आगे बढ़ रहे हैं। सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान में आ गए हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी लौटी है। रियल्टी, मेटल और पावर शेयरों में सबसे ज्यादा खरीदारी नजर आ रही है।
फिलहाल बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 180 अंक यानि 0.7 फीसदी की मजबूती के साथ 25,625 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 51 अंक यानि 0.7 फीसदी की बढ़त के साथ 7,636 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री तनिक अस्वस्थ भी हो गये। जिसकी वजह से उन्हें पांच मिनट का ब्रेक लेना पड़ा। बाद में ब्रेक से लौटने पर उन्होंने बाकी का बजट भाषण बैठकर पढ़ने का फैसला किया। हालांकि, बजट स्पीच के आखिर में उनकी तबीयत सुधरने के बाद उन्होंने दोबारा से खड़े होकर अपना भाषण पूरा किया। जानकार मानते हैं कि संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी वित्त मंत्री ने बजट स्पीच के दौरान ब्रेक लिया हो। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेटली डायबिटिक हैं और उनकी एक बार बायपास सर्जरी भी हो चुकी है। खबरों के मुताबिक, गुरुवार को भाषण पढ़ते वक्त जब उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी तो उन्होंने दो गिलास पानी पीया। करीब बैठीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें सदन से माफी मांगकर कुछ मिनट का ब्रेक लेने की सलाह दी, लेकिन शुरू में जेटली इसके लिए तैयार नहीं हुए। हालांकि, बाद में वह इसके लिए राजी हो गए।
हम शुरुआती रुझान पर ही आज चर्चा करेंगे और बाकी सूचनाएं जैसे जैसे आयेंगी,उसका कूट तिलिस्म का पासवर्ड निकालने की कोशिश करते रहेंगे।
फिर वही बरमुडा त्रिभुज धर्म,राजनीति और पूंजी का।आज अंग्रेजी और भाषाई अखबारों के मुखपन्नों और संपादकीय में देश को कड़वी दवाई के लिये तैयार रहने की नसीहत देते हुए धर्मयोद्धा प्रधानमंत्री के पक्ष में फिर जनादेश सुनामी की रचना तो की ही गयी है,इसके साथ ही कारपोरेट लाबिइंग के रास्ते मीडिया ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
वाशिंगटन से सैम अंकल ने खबरदार भी किया कि नई सरकार लोक लुभावन तौर तरीकों को तिलांजलि दें तो अमेरिकी कंपनियां भारतीय मुक्त बाजार में अरबों अरबों डालर का निवेश कर सकते हैं।अमेरिकी और वैश्विक निवेशकों की आस्था और कारपोरेटइंडिया के एकमुश्त समर्थन की नींव पर बजट रचना की गयी है।
गौरतलब है कि इससे पहले बजट कू पूर्व संध्या पर इकनॉमिक सर्वे ने अधिकारों से लैस एक नया फिस्कल रिस्पॉन्सिबिलिटी ऐंड बजट मैनेजमेंट ऐक्ट बनाने, राज्य सरकारों के हस्तक्षेप से मुक्त नैशनल फूड मार्केट बनाने, राशन कार्ड्स के बजाय फूड स्टैंप्स या कैश ट्रांसफर सिस्टम अपनाने और बेहतर डिलीवरी तथा जवाबदेही तय करने के लिए सोशल सेक्टर की स्कीम्स में बदलाव की वकालत की है। आशावादी लोग इसे एक अच्छा रिफॉर्म प्रोग्राम बताएंगे, लेकिन हवाई बातों से परहेज करने वाले लोग साफ और ठोस कदमों की जानकारी मिलने पर ही संतुष्ट होंगे।
बजट प्राविधि,संसदीय प्रक्रिया और अर्थशास्त्र की धज्जियां उधेडने का यह अभूतपूर्व करिश्मा सहलाने और रतिसुख प्राप्त करने की कामकला सिद्धांत के तहत हुआ है। बजट निर्माण प्रक्रिया के सामान्यत: पांच चरण हैं। प्रथम चरण में बजट की रूपरेखा बनाई जाती है। दूसरे में इसका दस्तावेज तैयार किया जाता है। तीसरे चरण में इसे संसद में स्वीकृति के लिए लाया जाता है। चौथे चरण में बजट का क्रियान्वयन तथा पांचवें चरण में वित्त कोषों का लेखांकन तथा परीक्षण होता है।बजट केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों का आईना है। इसके जरिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार का एक कोर ग्रुप आर्थिक नीतियां तय करता है। इस कोर ग्रुप में प्रधानमंत्री के अलावा वित्त मंत्री, वित्त मंत्रालय के अधिकारी और योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहते हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से प्रशासनिक स्तर पर जो अधिकारी होते हैं, उनमें वित्त सचिव के अलावा राजस्व सचिव और व्यय सचिव शामिल होते हैं। यह कोर ग्रुप वित्त मंत्रालय के सलाहकारों के नियमित संपर्क में रहता है। सरकारें अपने हिसाब से इस कोर ग्रुप का ढांचा बदलती भी रहती हैं।
धर्मयोद्धा नमोमहाराज और एकमुश्त वित्त प्रतिरक्षा मंत्री ही बजट प्रक्रिया में मुख्यभूमिका निबाहते रहे ,जाहिर है।इस प्रक्रिया में पहली बार योजना आयोग का उल्लेखनीयभूमिका नहीं है क्योंकि मोंटेक के इस्तीफे के बाद नये उपाध्यक्ष की नियुकति नहीं हुई और न ही नई सरकार के आर्थिक विशेषज्ञों और सलाहकारों का कोई देशी नेटवर्क बना है।गौरतलब है कि बजट की रूपरेखा बनाने में योजना आयोग, नियंत्रक महालेखा परीक्षक व प्रशासनिक मंत्रालयों की मदद ली जाती है। प्रत्येक मंत्रालय अपनी आवश्यकताओं की जानकारी वित्त मंत्रालय को देता है। योजना आयोग सरकारी योजनाओं की प्राथमिकताओं से वित्त मंत्री को अवगत कराता है और नियंत्रक लेखा परीक्षक लेखा-जोखा उपलब्ध कराता है।
यह बजट अपने आप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है जो वैश्विक निर्देशन और संघ परिवार मुख्यालय के निर्देशन में तैयार हुआ।
यह बूंबाट डर्टी पिक्चर सिर्फ विकास और एंटरटेनमेंट के लिए है,जहां जनकल्याणकारी राज्य और गणतंत्र की सड़ती लाशों की बदबू विदेशी तेल और गंध से छुपायी गयी है।
और इस धर्म, राजनीति और पूंजी के बरमुडा त्रिभुज में कत्ल की इस रात की कोई सुबह नहीं।
केसरिया जायनवादी धर्मोन्मादी कारपोरेट सरकार और शाही बजरंगियों के पहले बजट में आयकर में छूट के मार्फत मलाईदार तबके को मलहम और सुधार एजंडे का निरमम वास्तव।
खास बात तो यह है,जो केसरिया संहारक बजट की थीमसांग है, विनिवेश ,प्रत्यक्ष निवेश और निजीकरण के जरिये भारत के उनतीस राज्यों को केंद्रीकृत बाजार में तब्दील करने के कार्यभार के संकल्प के साथ लोकसभा चुनावों में पराजित लेकिन नमो सरकार में अमित शाह की शाही सवारी के मुकाबले सबसे अहम कारपोरेट वकील अरुण जेटली,जो वित्तमंत्री के साथ साथ रक्षा मंत्री भी हैं,यानी वैश्विक व्यवस्था के हित साधने का कम्प्लीट पैकेज, न बजट पेश करते हुए पूंजी की तमाम भव बाधाएं दूर करने और निनानब्वे फीसद जनता की गंगाप्राप्ति का भव्य आयोजन कर सुधारों के मार्फत कर दिया है,जैसा कि मध्ययुग से जारी ग्लोबीकरण के अर्थशास्त्र की चर्चा करते हुए हम बार बार लिखते बोलते रहे हैं।
आयकर राहत का हिसाब करते हुए हमारे पढ़ लिखे तबके को यह बात शायद समझ में नहीं आयेगी और आयेगी भी तो उनकी गैंडाई त्वचा में दावानल की आंच महसूस नहीं की जायेगी कि प्रतिरक्षा (इसके साथ आंतरिक सुरक्षा और खुदरा बाजार से लेकर आधारभूत आर्थिक उत्पादन संरचना समवेत भी नत्थी है),और बीमा(इसके साथ बैंकिग और तमाम वित्तीय क्षेत्र,सेवा क्षेत्र) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की हदबंदी तोड़ने की धर्मोन्मादी घोषणा की है।पूरे देश को एकीकृत करने के हिंदुत्व जायनवादी अभियान के नरमेध राजसूय के जरिये कर प्रणाली और वित्तीय सुधार का अंगीकार भी है।
मोदी सरकार के पहले बजट के बाद जूते-चप्पल, छोटे फ्लैट टीवी, स्पोर्ट्स का सामान, साबुन, कंप्यूटर, ब्रांडेड कपड़े, पैकेज्ड फूड और सोलर प्रोडक्ट्स सस्ते हुए हैं।
हालांकि, सरकार ने तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया है। सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला महंगे होंगे। साथ ही कोल्ड ड्रिंक, इंपोर्टेड मोबाइल, रेडियो टैक्सी सेवा महंगे हो गए हैं।
इंडस्ट्री देखना चाहती थी कि बजट में सरकार अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए क्या कदम उठाती है।
एचसीसी के चेयरमैन, अजीत गुलाबचंद का कहना है कि ये मोदी सरकार का पहला बजट है। इंडस्ट्री की नजर इस पर होगी कि बजट में आर्थिक सुधार के क्या कदम उठाए जाते हैं और देश की तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए क्या दिशा होगी। इंडस्ट्री को बजट से सिर्फ दिशा की उम्मीद है। सरकार के पास बजट बनाने के लिए वक्त कम था। सरकार नई है, इसलिए विशिष्ट ऐलानों की उम्मीद नहीं है।
फीडबैक इंफ्रा के चेयरमैन, विनायक चटर्जी के मुताबिक बजट में विशिष्ट रोडमैप का उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हालांकि, ये देखना जरूरी होगा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निवेश बढ़ाए जाने के लिए सरकार की क्या योजना है।
सीआईआई के डायरेक्टर जनरल, चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि बजट में सरकार की नीतियों में रिफॉर्म के ऐलान की उम्मीद है। लेकिन, अहम है ऐलानों को लागू कैसे किया जाएगा इस पर नजर होगी। वित्तीय अनुशासन की दिशा वाले बजट की उम्मीद है।
प्रभुदास लीलाधर के ज्वाइंट एमडी, दिलीप भट्ट का कहना है कि बाजार सिर्फ ये जानना नहीं चाहता है कि सरकार की क्या योजना है। बाजार की नजर ठोस आंकड़ों पर होगी। इकोनॉमी में रिवाइवल, ग्रोथ को बढ़ावा, महंगाई को बढ़ाए बिना निवेश कैसे बढ़ेगा, ये बाजार देखेगा। बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। लेकिन, सभी निवेशक गिरावट पर खरीदारी का मौका तलाश रहे हैं। अगर एसटीटी कम किया जाता है तो बाजार की ओर रिटेल निवेशकों का रुझान बढ़ेगा।
एडेलवाइज फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ (होलसेल कैपिटल मार्केट्स), विकास खेमानी के मुताबिक नई सरकार बने हुए अभी कुछ ही वक्त हुआ है, इसलिए बजट से ज्यादा उम्मीद नहीं है। लेकिन जीएसटी, रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स, पीपीपी, डीटीसी को लेकर ऐलानों या सफाई आने की उम्मीद है। बाजार में बजट के बड़ी गिरावट आने की आशंका कम है। निवेशकों के लिए गिरावट पर खरीदारी का मौका होगा। बजट में जीएसटी का रोडमैप साफ होने से बैंकिंग और कैपिटल गुड्स सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।
मोतीलाल ओसवाल के चेयरमैन, मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि मोदी सरकार का पहला बजट लोगों की उम्मीदों पर जरूर खरा उतरेगा। वहीं अगर सरकार ने पॉलिसी को सही तरीके से लागू कर लिया तो फिर 1 लाख करोड़ रुपये तक का विनिवेश लक्ष्य हासिल हो सकता है। रिटेल निवेशकों को वापस बाजार में लाने के लिए सरकार को पीएसयू कंपनियों के विनिवेश में इन्हें ज्यादा छूट देनी चाहिए।
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट के मनीष सोंथालिया का कहना है कि अगर बजट उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा तो बाजार में 5 फीसदी की गिरावट संभव है। उम्मीद के मुताबिक बजट नहीं रहने पर निफ्टी 7200 तक गिरने की आशंका है। लेकिन उम्मीद के मुताबिक बजट रहने पर निफ्टी 8000 तक जाने की उम्मीद है।
आइए जानते हैं कि बजट में वित्त मंत्री ने अब तक क्या घोषणाएं की हैं -
वित्त मंत्री: वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
वित्त मंत्री: महंगाई कम करने पर पूरा जोर
वित्त मंत्री: 7-8 फीसदी की जीडीपी दर हासिल करने की उम्मीद
वित्त मंत्री: इकोनॉमी सुधार के लिए कदम उठाएंगे
वित्त मंत्री: इस बजट में ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध
वित्त मंत्री: कड़े फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी सरकार
वित्त मंत्री: 4.1% वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करेंगे
वित्त मंत्री: वित्त वर्ष 2016 में 3.6% वित्तीय घाटे का लक्ष्य
वित्त मंत्री: वित्त वर्ष 2017 के लिए 3% वित्तीय घाटे का लक्ष्य
वित्त मंत्री: नई यूरिया पॉलिसी बनाई जाएगी
वित्त मंत्री: फूड और ऑयल सब्सिडी सिर्फ जरूरतमंदो के लिए
वित्त मंत्री: इसी साल जीएसटी का अंतिम फॉर्मूला
वित्त मंत्री: पुरानी तारीख से टैक्स वसूलने का इरादा नहीं
वित्त मंत्री: कड़े कदम उठाने के अलावा विकल्प नहीं
वित्त मंत्री: उच्च स्तरीय कमेटी सभी रेट्रोस्पेक्टिव मामलों की जांच करेगी
वित्त मंत्री: डिफेंस में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 49%
वित्त मंत्री: इंश्योरेंस में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 49%
वित्त मंत्री: मैनेजमेंट कंट्रोल के साथ इंश्योरेस में 49% एफडीआई
वित्त मंत्री: सस्ते घरों के नियमों में बदलाव किया जाएगा
वित्त मंत्री: सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी बेचेंगे
वित्त मंत्री: 100 स्मार्ट शहरों के लिए 7060 करोड़ रु आवंटित
वित्त मंत्री: देश में रोजगार के मौके बढ़ाने की जरूरत
वित्त मंत्री: इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सुधार की जरूरत
वित्त मंत्री: 9 एयरपोर्ट पर ई-वीजा लागू करेंगे
वित्त मंत्री: स्किल इंडिया, ग्राम ज्योति योजना शुरू होंगी
वित्त मंत्री: प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए 1000 करोड़ रु
वित्त मंत्री: नए ग्रामीण ऊर्जा योजना को 500 करोड़ रु
वित्त मंत्री: आरईआईटी को टैक्स-पास-थ्रू स्टेटस
वित्त मंत्री: मनरेगा के बजट में बदलाव नहीं
वित्त मंत्री: प्रधानमंत्री सड़क योजना के लिए 14389 करोड़ रु
वित्त मंत्री: ग्रामीण आवास योजना के लिए 8000 करोड़ रु
वित्त मंत्री: रूरल आंत्रप्रनर के लिए 1000 करोड़ रु
वित्त मंत्री: 4 नए एम्स बनाने पर विचार जारी
वित्त मंत्री: नए एम्स के लिए 500 करोड़ रु आवंटित
वित्त मंत्री: 5 नए आईआईटी, आईआईएम बनाए जाएंगे
वित्त मंत्री: ग्रामीण पानी आपूर्ति के लिए 3600 करोड़ रु
वित्त मंत्री: 12 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज
वित्त मंत्री: 600 नए कम्यूनिटी रेडियो शुरू होंगे
वित्त मंत्री: नए आईआईटी, आईआईएम के लिए 500 करोड़ रु
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में मोदी सरकार का पहला आम बजट पेश किया। उन्होंने इनकम टैक्स छूट की सीमा मौजूदा दो लाख रुपए से बढ़ा कर ढाई लाख करने की घोषणा की। वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीन लाख रुपए (मौजूदा से 50 हजार रुपए ज्यादा) तक की आय टैक्स से मुक्त रखी गई है। होम लोन पर अब दो लाख रुपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। पहले यह सीमा डेढ़ लाख रुपए थी। सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स में छूट पाने के लिए निवेश की सीमा भी एक लाख रुपए से बढ़ा कर डेढ़ लाख कर दी गई है। वित्त मंत्री ने टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, बस स्लैब बदला है। पीपीएफ स्कीम में अब लोग साल में एक लाख के बजाय अधिकतम डेढ़ लाख रुपए निवेश कर सकेंगे। नए टैक्स प्रावधानों से 6 लाख रुपए सालाना आय वालों के 5150 रुपए की बचत होगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज अपना पहला बजट पेश कर दिया। बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि हमारी सरकार को सिर्फ 45 दिन हुए हैं ऐसे में बहुत बड़े बदलाव की उम्मीद न करें। आम बजट में विदेशी निवेश को सरल बनाने और 100 नए स्मार्ट सिटी बनाने का ऐलान किया गया है। हालांकि बजट पेश होते ही संसेक्स में गिरावट देखी गई।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के पहले बजट को आज लोकसभा में पेश करते हुए कहा कि भारत को विकास के पथ पर ले जाना होगा। उन्होंने कहा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा निर्णय लेने की धीमी गति से संभावनाएं कम होती गई और पिछले दो वित्त वर्ष में विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे बनी रही।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को 7 से 8 प्रतिशत के विकास पथ पर लाने के बजट में उपाय किए गए हैं। वर्तमान आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण है। इसके मद्देनजर वित्तीय अनुशासन और वित्तीय सुदृढ़ीकरण अपनाने की जरूरत है।
महंगाई पर काबू पाना मुश्किल
जेटली ने कहा कि यह एनडीए का पहला बजट है और महंगाई पर काबू पाना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा देश में गरीबों के लिए काफी काम करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि विकास दर को दो अंकों में लाना सरकार का लक्ष्य है। जेटली ने कहा कि दुनिया में वित्तीय गिरावट का असर भारत पर भी पड़ा है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए बड़ा फंड जरूरी है।
बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई
जेटली ने बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई का प्रस्ताव दिया साथ ही कहा कि सरकार एफडीआई को प्रोत्साहित करेगी। जेटली ने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में 26 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देगी। टैक्स से जुड़े झगड़े सीबीडीटी कमेटी के जरिए निपटाए जाएंगे। जीएसटी लाने पर भी विचार हो रहा है। बैंकों को जवाबदेह और स्वायत्त बनाया जाएगा।
100 नए स्मार्ट सिटी का प्लान
जेटली ने कहा कि 100 नए स्मार्ट सिटी बनाने का प्लान है जबकि 100 शहरों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा। स्मार्ट शहरों के लिए 7060 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। पर्यटन बढ़ाने के लिए ई वीजा की जरूरत है। देश के नो हवाई अड्डों पर ई वीजा की सुविधा दी जाएगी।
नई यूरिया नीति लाएंगे
सरकार पेट्रोलियम पर सब्सिडी की समीक्षा करेगी साथ ही नई यूरिया नीति लाएगी। काले धन पर जेटली ने कहा कि ये अर्थव्यवस्था के लिए अभिशाप है। काला धन वापस लाना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि तीन साल में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना चुनौती होगा। विकास के लिए बड़े फंड की जरूरत होगी। हमारा लक्ष्य विकास दर को दो अंकों में लाना है।
बाजार में तेजी
नरेंद्र मोदी सरकार का पहले बजट पेश होते ही शुरुआती तेजी के बाद बजट की घोषणाओं से निराश निवेशकों की बिकवाली से बाजार ने गोता लगाना शुरू कर दिया। लेकिन जैसे जैसे बजट अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ने लगा सेंसेक्स ने भी रफ्तार पकड़ ली। बजट खत्म होने पर सेंसेक्स करीब 300 अंक ऊपर चढ़ गया।
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' (सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति बनाना) के लिए दो सौ करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव किया है, लेकिन मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए सौ करोड़ रुपए का ही प्रावधान रखा है। उन्होंने सरकार का खर्च घटाने के लिए आयोग बनाने का प्रस्ताव भी किया है। बजट में घोषित अहम बातें ये हैं-
गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा 'स्टैट्यू ऑफ यूनिटी' बनाने के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान
नौ एयरपोर्ट्स पर ई-वीजा दिए जाने की सुविधा
कौशल विकास के लिए 'स्किल इंडिया' नाम से राष्ट्रीय स्तर पर योजना चलाई जाएगी।
सौ स्मार्ट सिटीज बनाने के लिए 7060 करोड़ रुपए का प्रावधान।
साफ-सफाई को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चलाया जाएगा।
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 49 फीसदी कर दी गई है।
गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की जाएगी।
बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ योजना के लिए सौ करोड़
दिल्ली में क्राइसिस मैनेजमेंट सेंटर खोलने का प्रावधान, इसके लिए पैसा 'निर्भया फंड' से दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के लिए 14389 करोड़ रुपए
500 करोड़ रुपए खर्च कर आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, विदर्भ और पूर्वांचल में एम्स खोले जाएंगे। जम्मू, छत्तीसगढ़, गोवा, आंध्र प्रदेश और केरल में आईआईटी खोले जाने का भी एलान।
मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए सौ करोड़ का प्रावधान
अहमदाबाद और लखनऊ में पीपीपी मॉडल के जरिए मेट्रो रेल शुरू की जाएगी। इसके लिए सौ करोड़ रुपए रखे गए हैं।
चालू वर्ष में ही किसानों को समर्पित टीवी चैनल 'किसान टेलीविजन' लॉन्च किया जाएगा।
नाबार्ड के जरिए पांच लाख किसानों को कर्ज दिया जाएगा।
'सॉयल हेल्थ कार्ड' मुहैया कराने की स्कीम शुरू की जाएगी। इसके लिए सौ करोड़ रुपए रखे गए हैं। 56 करोड़ रुपए की लागत से देश भर में मिट्टी जांचने के लिए प्रयोगशालाएं बनवाई जाएंगी।
बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री ने पार्लियामेंट हाउस के कमरा नंबर 9 में कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लिया। जेटली ने कैबिनेट को बजट का सार बताया। इसके बाद कैबिनेट ने बजट को मंजूरी दे दी।
01:19 PM
प्रिंट मीडिया के विज्ञापनों पर सर्विस टैक्स नहीं
01:16 PM
सिगरेट पर एक्साइज ड्यूटी 11-72% बढ़ाई
01:16 PM
गुटखा पर एक्साइड ड्यूटी बढ़ाकर 70%
01:16 PM
सर्विस टैक्स का दायरा बढ़ेगा
01:15 PM
मोबाइल, इंटरनेट के विज्ञापनों पर सर्विस टैक्स
01:11 PM
पैकेजिंग मशीनरी पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर 6 फीसदी की गई
01:07 PM
तंबाकू पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी
01:06 PM
फुटवेयर पर एक्साइज ड्यूटी घटेगी
01:05 PM
सोलर पावर इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी में छूट से मोजर-बेयर को फायदा
01:05 PM
चुनिंदा सोलर पावर इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी में छूट
01:05 PM
सभी तरह के इंपोर्टेड कोल पर 2.5% कस्टम ड्यूटी
01:03 PM
विंड पावर इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6%
01:03 PM
फ्लैट स्टील प्रोडक्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 7.5%
01:01 PM
होम लोन पर ब्याज छूट सीमा बढ़ने से दीवान हाउसिंग, एचडीएफसी जैसी कंपनियों को फायदा
01:00 PM
डायरेक्ट टैक्स कोड की समीक्षा होगी
01:00 PM
19 इंच से छोटे एलसीडी, एलईडी टीवी पर कस्टम ड्यूटी खत्म
12:59 PM
कलर पिक्चर ट्यूब पर बेसिक कस्टम ड्यूटी खत्म
12:59 PM
इथेन, प्रोटेन पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 2%
12:59 PM
स्पैंडेक्स यार्न पर कस्टम ड्यूटी खत्म
12:59 PM
आरबीडी, पामोलिन पर कस्टम ड्यूटी खत्म
12:54 PM
वित्त वर्ष 2015 में 17.94 लाख करोड़ रु का कुल सरकारी खर्च
12:53 PM
पावर जेनरेशन कंपनियों को 31 मार्च 2017 तक टैक्स छूट
12:52 PM
पावर जेनरेशन कंपनियों के लिए टैक्स छूट बढ़ाई गई
12:51 PM
डायरेक्ट टैक्स पर लगने वाले सरचार्ज में बदलाव नहीं
12:50 PM
25 करोड़ रु से ज्यादा निवेश करने वाली मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को टैक्स छूट
12:47 PM
होम लोन पर ब्याज छूट सीमा बढ़ाकर 2 लाख रु
12:46 PM
80सी के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर 1.5 लाख रु
12:46 PM
सीनियर सिटीजन के लिए आयकर छूट सीमा 3 लाख रु
12:45 PM
आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 2.5 लाख रु की गई
12:44 PM
वित्त वर्ष 2015 में योजनागत खर्च 5.7 लाख करोड़ रु
01:20 PM
प्रिंट मीडिया के विज्ञापनों पर सर्विस टैक्स नहीं लगने से जागरण प्रकाशन, डीबी कॉर्प को फायदा
01:17 PM
सिगरेट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से आईटीसी, गॉडफ्रे फिलिप्स और गोल्डन टोबैको को नुकसान
01:10 PM
सभी तरह के इंपोर्टेड कोल पर 2.5% कस्टम ड्यूटी से कोल इंडिया को फायदा
01:07 PM
तंबाकू पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से आईटीसी को नुकसान
01:06 PM
फुटवेयर पर एक्साइज ड्यूटी घटने से मिर्जा इंटरनेशनल, लिबर्टी शूज को फायदा
01:05 PM
सभी तरह के इंपोर्टेड कोल पर 2.5% कस्टम ड्यूटी से बिजली और खाद कंपनियों को नुकसान
01:03 PM
विंड पावर इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी घटने से सुजलॉन एनर्जी को फायदा होगा
http://hindi.moneycontrol.com/budget2014/
आर्थिक सर्वे के मुख्य बिंदु
नई दिल्ली। संसद में आज प्रस्तुत आर्थिक सर्वे के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं: - पिछले दो सालों के दौरान पांच फीसदी से नीचे रही विकास दर को पीछे छोड़ते हुए 2014-15 में आर्थिक विकास दर 5.4-5.9 फीसदी रह सकती है।
- बैलेंस ऑफ पेमेंट की स्थिति 2013-14 में, और खास कर पिछली तीन तिमाहियों में काफी सुधरी। निकट भविष्य में इसे बरकरार रख पाना एक चुनौती होगी।
- 2001-2012 के बीच देश के सेवा क्षेत्र की चक्रवृद्धि सालाना विकास दर चीन के बाद सर्वाधिक नौ फीसदी रही। इस दौरान चीन की दर 10.9 फीसदी थी।
- जीडीपी के मामले में दुनिया के शीर्ष 15 देशों में सेवा क्षेत्र के जीडीपी के मामले में 2012 में भारत का स्थान 12वां। इसी दौरान वैश्विक जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान 65.9 फीसदी और रोजगार में सेवा क्षेत्र का योगदान सिर्फ 44 फीसदी रहा, जबकि भारत के मामले में यह क्रमश: 56.9 फीसदी और 28.1 फीसदी रहा।
- 2013-14 में फैक्टर लागत (मौजूदा मूल्य) पर जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान 57 फीसदी रहा, जो 2000-01 के मुकाबले छह फीसदी अधिक है।
- 2013-14 में सेवा क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह 37.6 फीसदी गिरावट के साथ 6.4 अरब डॉलर रहा, जबकि एफडीआई में समग्र तौर पर 6.1 फीसदी वृद्धि रही।
- निर्यात: विश्व सेवा निर्यात में भारत का योगदान 1990 के 0.6 फीसदी से बढ़कर 2013 में 3.3 फीसदी हो गया और यह योगदान वस्तु निर्यात के मुकाबले अधिक है। देश के कुल सेवा निर्यात में 46 फीसदी योगदान करने वाले सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात की वृद्धि दर 2013-14 में घटकर 5.4 फीसदी रह गई। करीब 12 फीसदी योगदान करने वाले यात्रा सेक्टर में 0.4 फीसदी गिरावट रही।
- पीएफआरडीए अधिनियम, कमोडिटी वायदा कारोबार को वित्त मंत्रालय के तहत लाना और एफएसएलआरसी रिपोर्ट पेश किया जाना 2013-14 में मील के तीन पत्थर रहे।
- एफएसएलआरसी ने अपनी रिपोर्ट में व्यापक स्तर पर सुझाव दिए हैं। ये मुख्य रूप से शासन व्यवस्था में सुधार के सिद्धांतों की प्रकृति से संबंधित हैं।
- बैंकों की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में वृद्धि। समग्र तौर पर बैंकिंग सेक्टर का एनपीए मार्च 2011 के कुल ऋण के 2.36 फीसदी से बढ़कर दिसंबर 2013 में 4.40 फीसदी हो गया।
- आरबीआई ने अधोसंरचना, लौह और इस्पात, कपड़ा, उड्डयन और खनन क्षेत्र की पहचान संकटग्रस्त क्षेत्र के रूप में की है।
- नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस), जिसे अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली कहा जा रहा है, के साथ देश की पेंशन प्रणाली का व्यापक सुधार हुआ है। यह देश में वृद्धावस्था के टिकाऊ समाधान की बुनियाद प्रस्तुत करता है।
- सात मई 2014 तक एनपीएस के तहत 67.11 लाख सदस्य थे और उनकी कुल संपत्ति 51,147 करोड़ रुपये थी।
- असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए 2010 में शुरू की गई स्वावलंबन योजना को 2010-11, 2011-12 और 2012-13 में दाखिला लेने वाले लाभार्थियों के लिए विस्तारित किया गया। सह-योगदान का लाभ 2016-17 तक उपलब्ध होगा।
- दीर्घावधि विदेशी कर्ज दिसंबर 2013 के अंत में कुल विदेशी कर्ज का 78.2 फीसदी था, जो मार्च 2013 के अंत में 76.1 फीसदी। दीर्घावधि कर्ज दिसंबर 2013 के अंत में मार्च 2013 के अंत के मुकाबले 25.1 अरब डॉलर
(8.1 फीसदी) बढ़ा, जबकि लघु-अवधि कर्ज चार अरब डॉलर (4.1 फीसदी) घटा, जिससे आयात घटने का पता चलता है।
- 20113-14 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर घटकर तीन साल के निचले स्तर 5.98 फीसदी पर आ गई।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर में भी गिरावट का रुझान।
- थोक और उपभोक्ता दोनों प्रकार की महंगाई दर में गिरावट की उम्मीद।
- वित्तीय घाटा कम किया जाना देश के लिए जरूरी बना रहा।
- वित्तीय घाटा कम किए जाने के लिए सिर्फ खर्च-जीडीपी अनुपात घटाने की जगह अधिक कर-जीडीपी अनुपात का सुझाव।
- आक्रामक नीतिगत पहल ने 2013-14 में सरकार को वित्तीय घाटा कम करने में मदद की।
- 2013-14 में वित्तीय घाटा जीडीपी का 4.5 फीसदी।
- केंद्र और राज्य सरकारों की कुल देनदारी जीडीपी के अनुपात में कम हुई।
- वर्ष 2013-14 में देश के बकाया-भुगतान की स्थिति काफी सुधरी है। चालू खाता घाटा 32.4 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.7 फीसदी) रहा, जो 2012-13 में 88.2 अरब डॉलर (जीडीपी का 4.7 फीसदी) था।
- रुपये की वार्षिक औसत विनिमय दर 2013-14 में प्रति डॉलर 60.50 रुपये रही, जो 2012-13 में 54.41 रुपये थी और जो 2011-12 में 47.92 रुपये थी।
-2012-13 में उद्योग का विस्तार सिर्फ एक फीसदी हुआ और 2013-14 में यह दर और कम 0.4 फीसदी हो गई।
- देश का विदेशी पूंजी भंडार मार्च 2014 के आखिर में बढ़कर 304.2 अरब डॉलर हो गया, जो मार्च 2013 के आखिर में 292 अरब डॉलर था।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी सरकार का पहला बजट पेश कर रहे हैं। जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि देश में महंगाई को कम करना सबसे बड़ी चुनौती है। पढ़ें-जेटली के आम बजट की मुख्य बिंदु।
-रेडिमेड कपड़े, श्रृंगार का सामान महंगा
-मोबाइल फोन सस्ता
-तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट महंगा
-तेल, टीवी और साबुन हुआ सस्ता
-इनकम टैक्स छूट सीमा 2 से बढ़कर 2.5 लाख रुपये
-दिल्ली में बिजली सुधार के लिए 200 करोड़ रुपये
-दिल्ली में जल सुधार के लिए 500 करोड़ रुपये
-एशियाई खेलों के प्रशिक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये
-कश्मीरी विस्थापितों के पुनर्वास के लिए 500 करोड़
-जम्मू-कश्मीर में स्टेडियम के लिए 200 करोड़
-नेशनल स्पोर्ट्स एकेडमी का निर्माण होगा
-सारनाथ, बोधगया सर्किट का विकास
-नए जलमार्ग के लिए 4200 करोड़
-थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़
-NHAI के लिए 37880 करोड़ का प्रस्ताव
-6 नए टेक्सटाइल क्लस्टर, 200 करोड़ का प्रस्ताव
-पश्मीना संवर्धन के लिए 50 करोड़
-वाराणसी के बुनकरों के विकास के लिए 50 करोड़
-जनता को गरीबी मुक्त बनाना हमारी प्राथमिकता
-हमारा लक्ष्य विकास दर को दो अंकों में लाना है
-विकास के लिए बड़ा फंड जरूरी
-तीन साल में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना चुनौती
-काला धन वापस लाना प्राथमिकता
-नई यूरिया नीति लाएंगे
-पेट्रोलियम पर सब्सिडी की समीक्षा होगी
-जीएसटी लाने पर भी विचार हो रहा है
-टैक्स से जुड़े झगड़े सीबीडीटी कमेटी निपटाएगी
-रक्षा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी
-एफडीआई को प्रोत्साहित करेगी सरकार
-बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी एफडीआई का प्रस्ताव
-बैंकों को जवाबदेह और स्वायत्त बनाएंगे
-100 स्मार्ट शहरों का विकास करेंगे
-गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए 500 करोड़
-देश में 24 घंटे बिजली सप्लाई की योजना
-सरदार पटेल की प्रतिमा के लिए 200 करोड़ रुपये
-पीएम सिंचाई योजना के लिए 1 हजार करोड़
-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 9 शहरों में ई-वीजा सुविधा
-स्मार्ट शहरों के लिए 7060 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
-बैंकों को जवाबदेह और स्वायत्त बनाएंगे
-राष्ट्रीय पेयजल योजना को 3600 करोड़ रुपये
-राष्ट्रीय बैंक को 8000 करोड़ रुपये
-महिला बैंक को 100 करोड़ रुपये
-पीएम सड़क योजना को 14389 करोड़
-बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को 100 करोड़
-आदिवासी वन बंधु योजना को 100 करोड़
-वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजना जारी रहेगी
-गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए 500 करोड़
-नए मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे
-शहरी गरीबों के सस्ते आवास के लिए 4000 करोड़ रुपये
-लखनऊ, अहमदाबाद में मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये
-सर्व शिक्षा अभियान के लिए 28635 करोड़ रुपये
-नए एम्स के लिए 500 करोड़ रुपये
-5 ग्रामीण हेल्थ रिसर्च सेंटर खोलने का प्रस्ताव
-मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये
-5 नए IIT, 5 नए IIM खोलने का प्रस्ताव
-आंध्र प्रदेश, राजस्थान में कृषि यूनिवर्सिटी
-कम्यूनिटी रेडियो स्टेशन के लिए 100 करोड़ रुपये
-कृषि ऋण के लिए 8 लाख करोड़
-भूमिहीन किसानों के लिए 5 लाख का कर्ज
-कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए 5 हजार करोड़ रुपये
-सौर ऊर्जा के लिए 500 करोड़
Finance Minister Arun Jaitley wasted no time on preambles or poetry as he presented his first Union Budget, stressing on fiscal prudence and making it clear that "we cannot spend beyond our means." (Budget 2014: Highlights)
To encourage savings, Mr Jaitley said as he reached his tax proposals, he announced some relief for individual tax payers, though he left tax rates and slabs unchanged. Mr Jaitley has raised the exemption limit by Rs. 50,000 to Rs. 2.5 lakh a year. This means that anyone who earns less than 2.5 lakh will not be taxed; those earning more than that will save Rs. 5,150 a year.
The finance minister also raised the exemption limit for senior citizens to Rs. 3 lakh; he hiked the exemption limit on long-term financial savings by Rs. 50,000 to Rs. 1.5 lakh a year and raised the tax-free cap on home loan interest from Rs. 1.5 to Rs. 2 lakh. (Arun Jaitley Provides Big Relief to Income Tax Payers)
Mr Jaitley also enhanced the Public Provident Fund (PPF) ceiling from the current Rs. 1 lakh to Rs. 1.5 lakh in a financial year.
Earlier in his speech, the minister underscored the challenges the government faces to revive a rundown economy and said he had "no option but to take bold steps to spur growth." He said his government was bound to usher in policies for higher growth and to lower inflation. (Rs. 1000 Crore Set Aside to Improve Irrigation Facilities)
The only break in his brisk reading came when the Lok Sabha saw an unprecedented five-minute adjournment at his request as he reportedly had a severe backache. He resumed his speech sitting. (Finance Minister Arun Jaitley Takes Break During Budget Speech)
The markets, that had been flat since morning as they held their breath, cheered when the Finance Minister announced that he was retaining the fiscal deficit target at 4.1 per cent and that he saw the fiscal deficit for the next year at 3.6 per cent and down to 3 per cent by 2016-17. (Budget 2014: 5 New IITs and IIMs, Says Finance Minister)
They plummeted when he indicated that the controversial retrospective tax was not being scrapped, but recovered some time later. On most other counts Mr Jaitley seemed to meet market expectations. As of 1.15 p.m., the Sensex traded with over 300 points gain.
He promised more clarity on the goods and services tax (GsT) before the year end. The GST is seen as the single-biggest fiscal reform in the country - it aims to widen the tax base, improve tax compliance and reduce transaction costs of businesses. It can add as much as 2 per cent of GDP to India's economy, analysts say.
Mr Jaitley also made announcements on foreign direct investment in several sectors noting it would help manufacturing and employment. In bold steps, Mr Jaitley has proposed that FDI be raised from 26 per cent to 49 per cent in both defence and insurance. He announced FDI and an outlay of Rs. 7000 crore for the Prime Minister's vision of 100 smart cities, saying that the new middle class needed new cities.
He proposed setting up five more IITs, five more IIMs, allotting Rs. 500 crore for this. He also resolved to ensure an AIIMS in every state soon, allocating Rs. 500 crore more to set up four such hospitals for now.
Mr Jaitley also reiterated his government's commitment to providing 24x7 electricity in all homes and sanitation in all house by 2019 when India celebrates Mahatma Gandhi's 150th birth anniversary.
1 OF 3. Finance Minister Arun Jaitley (C) poses as he leaves his office to present the federal budget for the 2014/15 fiscal year, in New Delhi July 10, 2014.
CREDIT: REUTERS/STRINGER
Modi's first budget targets growth, curbs deficit
BY MANOJ KUMAR
NEW DELHI Thu Jul 10, 2014 12:41pm IST
(Reuters) - Prime Minister Narendra Modi's new government on Thursday unveiled a budget it said can revive growth after the longest slowdown in a quarter of a century even while curbing borrowing.
Modi's government, in office for less than two months, said it would raise caps on foreign investment in the defence and insurance sectors, and launch a tax reform to unify India's 29 states into a common market.
Delivering his maiden budget, Finance Minister Arun Jaitley told parliament that India's 1.2 billion people were "exasperated" after two years of economic growth below 5 percent.
He vowed that Asia's third largest economy would expand at an annual rate of 7-8 percent within three to four years.
"We shall leave no stone unturned in creating a vibrant and strong India," Jaitley, 61, told lawmakers after climbing the steps of parliament and showing his budget briefcase to TV cameras.
Modi, 63, won a landslide general election victory in May with a pledge to create jobs for the 1 million people who enter India's workforce every month.
He has since warned that "bitter medicine" is needed to nurse the economy back to health from high inflation and the worst slowdown since free-market reforms in the early 1990s unleashed an era of rapid growth.
At the same time, Jaitley vowed to adhere to the "daunting" budget deficit target - of 4.1 percent of gross domestic product for the fiscal year ending March 2015 - that the government inherited from its predecessor.
"I have decided to accept this challenge - one fails when one stops trying," Jaitley told a hushed lower house of parliament. He said the budget deficit would be reduced to 3.6 percent in the following two fiscal years.
'PARAMOUNT IMPORTANCE'
Jaitley's commitment to fiscal discipline was stronger than many independent economists had expected. With the deficit already approaching half of the annual target just three months into the fiscal year, they expected him to raise the borrowing target to 4.4 percent for the current fiscal year.
"Fiscal prudence is of paramount importance," Jaitley said. "We cannot leave behind a legacy of debt for our future generations."
The government's other major policy initiatives had been broadly flagged in advance.
Jaitley said he wants a solution by December on how India would impose a national Goods and Services Tax (GST), promising that the government would be "more than fair" in its dealings with the country's states on how revenue would be allocated.
He also said he would set up a high-level committee to review retrospective tax claims blamed for choking off foreign investment after companies such as Britain's Vodafone (VOD.L) were hit with massive demands.
Jaitley raised limits on foreign investment in defence and insurance ventures to 49 percent from 26 percent. Foreign defence contractors had sought a higher threshold to justify sharing technology when they site operations in India, a major arms buyer.
The budget for the fiscal year to March 2015 was delayed by this year's general election, which handed Modi's Bharatiya Janata Party (BJP) the strongest electoral mandate in India in three decades.
(Writing by Douglas Busvine; Editing by Richard Borsuk)
Budget 2014: Highlights of Finance Minister Arun Jaitley's Budget speech
Express News Service | July 10, 2014 1:32 pm
Finance Minister Arun Jaitley presents the Narendra Modi government's first budget. Here are the highlights:
1. Two years of sub-five per cent growth has led to challenges to the economy
2. Green shoots of recovery seen in global economy
3. Slow decision making has resulted in loss of opportunity
4. We look forward lower level of inflation
5. Will usher in policy regime that will usher in higher growth, low inflation
6. Aim to achieve 7-8 per cent economic growth rate in next 3-4 years
7. Will leave no stone unturned to create a vibrant India
8. Budget proposes Plan expenditure of Rs 5,75,000 crore for current ficsal
9. Anti-poverty programmes will be targeted well.
10. We need to revive growth particularly in manufacturing sector and infrastructure
11. There is urgent need to generate more resources
12. Should we allow economy to suffer because of indecisiveness and populism
13. Task before us is challenging
14: We must continue to be watchful of CAD
15. Target of 4.1 per cent fiscal deficit is daunting but accepting it as a challenge
16. Finance Minister emphasizes on fiscal prudence, need to generate more resources.
17. Iraq crisis having impact on oil prices
18. We must address the problem of black money fully
19. We must take bold steps to enhance economic activity
20. Expenditure Management Commission will be constituted to look at expenditure reforms
21. We are for minimum government, maximum governance
22. Overall subsidy regime will be reviewed, especially food and oil. Marginalised sections and SC/ST to be protected
23. New urea policy will be formulated
24. We have no option but to take some bold steps to spurt economy; these are only the first steps and are directional
25. This govt will not ordinarily change policies retrospectively which creates a fresh liability
26. All future indirect transfers under the retro tax regime will be scrutinised by a high level committee of CBDT before action is taken
27. We are committed to providing stable tax regime which is investor friendly
28. Govt to set up a high-level Committee to interact with industry to bring about changes in tax laws if required
29. FM Proposes to enhance the scope of income tax settlement commission.
30. Govt proposes to strengthen authority for advance ruling in tax, set up more benches
31. Transfer pricing regulations for residents and non-residents being done
32. FDI in Defence sector raised to 49 per cent
33. Finance Minister Arun Jaitley takes 5-minute break; Lok Sabha adjourned for 5 minutes
34. Financial stability is foundation of rapid recovery
35. Our domestic manufacturing is still at nascent stage
36. Manufacturing units will be allowed to sell their products through retail and e-commerce
37. Budget proposes 49 per cent FDI in insurance through FIPB route.
38. Our Banking system needs to be further strengthened. Need to infuse rs 2.40 lakh crore in our banks
39.Bank capital to be raised through retail sale of shares; Govt to continue to hold majority in PSU banks
40. Govt proposes to provide finance to 5 lakh landless farmers through NABARD
41. Will examine proposal to give additional autonomy to banks and make them more responsible
42. E-visa to be introduced at 9 airports in the country
43. Govt proposes to set up 100 smart cities. Govt to provide Rs 7,060 crore for development of such cities
44. Public sector banks need Rs 2.40 lakh crore equity to conform with Basel-III norms by 2018
45. Rs 50 cr set aside for indigenous cattle breed and blue revolution for inland fisheries
46. We expect PSUs to invest Rs 2,47941 crore this fiscal
47. Infrastructre Investment Trust being set up to finance infra projects and reduce burden on banks
48. Total sanitation by 2019
49. Budget proposes Rs 1,000 crore for Pradhanmantri Krishi Seechai Yojana to improve irrigation facility
50. National multi-scale programme 'Skill India' to be introduced to provide training and support for employment
51. Rs 200 cr set aside for the Sardar Patel statue project in Gujarat
52. Deen Dayal Upadhaya Gram Jyoti Yojana to be launched to augment power supply in rural areas
53. Pension scheme for senior citizens being revived
54. Govt committed to providing 24×7 power supply to all homes
55. Rs 50,548 cr proposed for SC development
56. EPFO will launch a unified account scheme for portability of Provident Fund accounts
57. Govt proposes to set up committee to examine how to utilise large funds lying unused in postal schemes
58. Govt approves minimum monthly pension of Rs 1,000 per month under EPS-95 scheme run by EPFO
59. Committee will be set up to examine how unused money in postal schemes can be utilised
60. Govt announces schemes for disabled persons; to set up 15 new Braille press and revive 10 existing ones
61. Rs 14,389 crore provided for Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana.
62. Govt to launch 'Beti Bachao, Beti Padhao' scheme; sets aside Rs 100 crore for it
63. Crisis Management Centres for women to be set up at all government hospitals in NCR region
64. Govt increases wage ceiling for EPFO schemes to Rs 15,000 from existing Rs 6,500 per month
65. Rs 3,600 crore provided for safe drinking water in 20,000 habitations in villages facing problem of impure drinking water
66. Budget proposes National Housing Banking programme; sets aside Rs 8,000 crore
67. Rs 2.29 lakh crore allocated for Defence budget.
68. 4 more AIIMS in Andhra Pradesh, West Bengal, Vidharba and Purvanchal are under consideration; Rs 500 cr provided
69. Each state where there is no AIIMS will be added in the coming years
70. Govt proposes to add 12 more medical government colleges
71. 5 new IIMs and 5 new IITs proposed to be set up
72. 'Kisan' TV channel to be launched by DD at cost of Rs 100 crore: Rs 100 crore for Community radio stations proposed
73. FM proposes National Rural Internet and Technology Mission; Rs 500 crore set aside.
74. Metro rail services to be launched in Lucknow and Ahmedabad; Rs 100 crore set aside for it
75. Budget proposes to set up agri-infrastructure fund at a cost of Rs 100 crore; two more agri-research intitutes in
Jharkhand and Assam
76. FM announces Rs 100 crore for modernisation of madrasas
77. Govt sets aside Rs 200 cr for setting up of agriculture university in AP and Rajasthan, and horticulture university in Haryana, Telangana
78. Rs 100 crore provided for providing soil card to every farmer
79. Govt committed to achieve 4 per cent farm growth; to use new technologies to boost crop yields
80. Rs 500 crore price stabilisation fund to be set up
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