अच्छे दिनों का बजट
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ईपीएफ से 60% की निकासी पर टैक्स लगेगा.
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यानी जब आपको पैसे की सबसे ज्यादा ज़रूरत होगी, तभी आपकी चमड़ी खींच ली जाएगी.
जहां तक मेरी जानकारी है यह पहली बार हुआ है कि एम्पलॉई जो पैसा हर महीने अपने वेतन से बचत करता है, उसी की निकासी पर टैक्स लग गया है.
यह पैसा बचाने का उद्देश्य होता है कि बच्चों की पढ़ाई और शादी आदि की व्यवस्था में उसे किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े. और रिटायर होने से पहले कम से कम सर पर एक छत हो जाए.
जब भी पीएफ से बड़ी निकासी एम्पलॉई करता है तो ऎसी ही कोई बड़ी ज़रूरत या मजबूरी होती है . इसी दिन के लिए पैसा बचाने के लिए वह अपनी कुछ इच्छाएँ मारता चलता है.
पीएफ निकासी पर टैक्स माने हमारे बच्चों के भी सपने मारना, जब बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसा निकालें तो सरकार जी आपको गुंडा टैक्स दें !
जब बेटी की शादी के लिए पैसा निकालें तो सरकार जी आपको टैक्स दें !!
और जब जीवन में कुल जमा एक घर का जुगाड़ करें तो भी सरकार जी आपकी बंदरबाँट ही सहें.
वह भी तब जब कि आप यह भी साफ़ कर चुके हैं सरकार जी कि आप हमारे बच्चों को पेंशन भी नहीं देने वाले. हमारा बुढापा तो कट जाएगा पर हमारे बच्चों का भविष्य क्या होगा !
पीएफ के अपनी कमाई के पैसे पर टैक्स वसूलना खुली लूट है.
क्यों सरकार जी, किसलिए !! जब आप कारपोरेट को मोटे मोटे कर्ज देते हैं, और उनके डकार जाने पर वह कर्ज (बैड डेब्ट) आप खरीद कर हमारे ही सर पर डाल देते हैं. पाप उनका, ढोयें हम !!
और हमारी अपनी ही कमाई पर आपकी टेढ़ी नज़र ! सरकार जी सुना है बुरी आत्मा भी सात घर छोड़ देती है. आप तो अपने बनाने वालों पर ही टेढ़े हो गये !-
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(संध्या निवेदिता की वाल से.मार्फत -Mahesh Punetha )
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