कल की पोस्ट में हमने भारत पाक रिश्ते का सवाल उठाया और भुट्टो का जिक्र किया । एक संघी तिलमिला कर बोला कि वही भुट्टो जो ललकारता था की हजार बार लड़ेंगे भारत से ? यह पोस्ट उसी का जवाब है ।
पाकिस्तान के सदरे हुकूमत रहे जुल्फिकार अली भुट्टो का वह बयान जिसे आपने तावेर्ज की तरह बाँध रखा है , वह बयान भारत के लिए नहीं था , वह उनकी अपनी जनता के लिए था , । ऐसे बयानात ऐसे ही होते हैं और अपनी नालायकी छिपाने के लिए दिए जाते है , ऐसे बयान 'देश प्रेम ' के नाम पर उठाये जाते हैं , मूढ़ जनता कुछ छण के लिए उत्तेजित भी होती है और ताली पीट कर अपने रहनुमा के नारे लगाती है । रहनुमा इस मूर्खता पर मुस्कुराकर अभिवादन लेता है । अपना उदाहरण देख लो - तुमने कहा - अरहर की दाल दो । उसने नारा दिया -एक के बदले दस सर काट कर लाएंगे । अरहर भूल गए , लगे ताली बजाने । जमूरे ने कहा सौ दिन में अगर काला धन वापस नहीं लाया तो फांसी दे देना, बस एक वोट देदो , । तुमने उसे काठ की कुर्सी दे दी । तुमने याद दिलाया - काला धन ? उसने जवाब दिया - जे यह यु देशद्रोहियो का अड्डा है । तुम किस काम में लग गए , सब देख ही रहे हो । कोइ कंडोम गिन रहा है , कोई वेश्याओं की फेहरिस्त बनाने में व्यस्त है ।
कम अक्ल लोगो , पाकिस्तान तुम्हारा दुश्मन नहीं है । यह बात सत्ता जानती है । दोनों तरफ की । वह पडोसी मुल्क है । भारत के मुकाबले हर मायने में वह बहुत पीछे है । इसे वह जान भी चुका है । दोनों मुल्कों को बाहरी दुश्मन खोजने की जरूरत नहीं है , अंदरूनी ताकते ही देश को तोड़ने में लगी हैं । दोनों मुल्कों क हालात एक जैसे हो गए हैं । कल तक ऐसा नहीं था । पाकिस्तान ने अपने को जब इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया , और मजहबी कट्टरता को बढ़ावा देने लगी तो मुल्क के भीतर एक दूसरी सत्ता भी बन गयी , कट्टर पंथ के नाम पर और मुल्क के क़ानून के ऊपर उनका क़ानून चलने लगा । कल तक भारत उस की मुखालफत करता रहा , लेकिन आज का भारत उसी डगर पर ,और उससे भी तेज गति से उसी राह पर है । हिन्दू का हवाले से , सत्ता द्वारा पोषित गिरोह आज क़ानून को दबा कर अपना क़ानून लाद रहा है ।और सबसे ज्यादा जुल्म नौजवानो पर हो रहा है ।
चलो अगली पोस्ट में एक नया पन्ना खोलते हैं , जब भारत के नौजवानो ने भुट्टो का साथ दिया था । हैरान मत हो , इसमें काशी विध्वविद्यालय , जे यन यु , इलाहाबाद , समेत तमाम विश्वविद्यालय के छात्र एक साथ थे । सुनोगे गिरोहियो?
पाकिस्तान के सदरे हुकूमत रहे जुल्फिकार अली भुट्टो का वह बयान जिसे आपने तावेर्ज की तरह बाँध रखा है , वह बयान भारत के लिए नहीं था , वह उनकी अपनी जनता के लिए था , । ऐसे बयानात ऐसे ही होते हैं और अपनी नालायकी छिपाने के लिए दिए जाते है , ऐसे बयान 'देश प्रेम ' के नाम पर उठाये जाते हैं , मूढ़ जनता कुछ छण के लिए उत्तेजित भी होती है और ताली पीट कर अपने रहनुमा के नारे लगाती है । रहनुमा इस मूर्खता पर मुस्कुराकर अभिवादन लेता है । अपना उदाहरण देख लो - तुमने कहा - अरहर की दाल दो । उसने नारा दिया -एक के बदले दस सर काट कर लाएंगे । अरहर भूल गए , लगे ताली बजाने । जमूरे ने कहा सौ दिन में अगर काला धन वापस नहीं लाया तो फांसी दे देना, बस एक वोट देदो , । तुमने उसे काठ की कुर्सी दे दी । तुमने याद दिलाया - काला धन ? उसने जवाब दिया - जे यह यु देशद्रोहियो का अड्डा है । तुम किस काम में लग गए , सब देख ही रहे हो । कोइ कंडोम गिन रहा है , कोई वेश्याओं की फेहरिस्त बनाने में व्यस्त है ।
कम अक्ल लोगो , पाकिस्तान तुम्हारा दुश्मन नहीं है । यह बात सत्ता जानती है । दोनों तरफ की । वह पडोसी मुल्क है । भारत के मुकाबले हर मायने में वह बहुत पीछे है । इसे वह जान भी चुका है । दोनों मुल्कों को बाहरी दुश्मन खोजने की जरूरत नहीं है , अंदरूनी ताकते ही देश को तोड़ने में लगी हैं । दोनों मुल्कों क हालात एक जैसे हो गए हैं । कल तक ऐसा नहीं था । पाकिस्तान ने अपने को जब इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया , और मजहबी कट्टरता को बढ़ावा देने लगी तो मुल्क के भीतर एक दूसरी सत्ता भी बन गयी , कट्टर पंथ के नाम पर और मुल्क के क़ानून के ऊपर उनका क़ानून चलने लगा । कल तक भारत उस की मुखालफत करता रहा , लेकिन आज का भारत उसी डगर पर ,और उससे भी तेज गति से उसी राह पर है । हिन्दू का हवाले से , सत्ता द्वारा पोषित गिरोह आज क़ानून को दबा कर अपना क़ानून लाद रहा है ।और सबसे ज्यादा जुल्म नौजवानो पर हो रहा है ।
चलो अगली पोस्ट में एक नया पन्ना खोलते हैं , जब भारत के नौजवानो ने भुट्टो का साथ दिया था । हैरान मत हो , इसमें काशी विध्वविद्यालय , जे यन यु , इलाहाबाद , समेत तमाम विश्वविद्यालय के छात्र एक साथ थे । सुनोगे गिरोहियो?
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