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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, December 21, 2012

Fwd: सुनेगी जो सच , तिलमिलाएगी दिल्ली !



---------- Forwarded message ----------
From: Rajendra Swarnkar <swarnkarrajendra@gmail.com>
Date: 2012/12/21
Subject: सुनेगी जो सच , तिलमिलाएगी दिल्ली !
To: harish chandra shah <harishchandra1645@gmail.com>
Cc


सुनेगी जो सच , तिलमिलाएगी दिल्ली !

यहां दिल्ली महज़ दिल्ली नहीं ।

कभी यह हिंदुस्तान की राजधानी है , कभी एक महानगर ।

कभी सत्ता तो कभी सत्ताधारी राजनीतिक दल ।

कभी हिंदुस्तान की बेबस अवाम ।


इसे सिर्फ़ झूठी ख़ुशामद सुहाती
सुनेगी जो सच , तिलमिलाएगी दिल्ली !

दरिंदों पे क़ाबू कभी कर न पाई
भलों को हमेशा डराएगी दिल्ली !

बहन-बेटियों ! घर में छुप कर ही रहना
मरी...  जीभ तो लपलपाएगी दिल्ली !

लड़ा कर मुसलमां को हिंदू से ; आख़िर
कहां तक सियासत चलाएगी दिल्ली !?
©copyright by : Rajendra Swarnkar

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