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From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/12/13
Subject: Press note & memorendom of dharna in Azamgarh by Rihai Manch
To: Rajeev <media.rajeev@gmail.com>
RIHAI MANCH
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
_______________________________________________________________
बेगुनाहों की रिहाई के सवाल पर सरकार ने मुसलमानों को धोका दिया- मो शुऐब
सपा सरकार में हुये दंगे पूर्वनियोजित- मो सुलेमान
शिवपाल यादव की इजराइल यात्रा पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे- तारिक शमीम
आजमगढ़, 12 दिसम्बर 2012, रिहाई मंच द्वारा आयोजित वादा निभाओं धरने को
सम्बोधित करते हुए मुहम्मद शोएब एडवोकेट ने अपने अध्यक्षीय भाषण में आरोप
लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार बेकसूर मुस्लिम युवकों
को रिहा करने के अपने वादे के प्रति गंभीर नही है, पार्टी के वरिष्ठ
नेताओं और बरिष्ठ मंत्रियों के बयानो में विरोधाभास के कारण भ्रम की
स्थिति उत्पन्न हो गयी है, प्रदेश सरकार दंगों की आड़ में इस मुददे की
तरफ से जनता का ध्यान हटाना चाहती है। उन्होने कहां कि निमेश आयोग के
रिर्पोट के जो अंश समाचारा पत्रो में प्रकाशित हुए है उनसे हमारे इस दावे
की पुष्टि होती है कि उन्हे बेकसूर फंसाया गया है। इसके बाद भी आयोग की
रिर्पोट को सार्वजनिक न किया जाना सरकार की नीयत की पोल खोलता है।
इंडियन नेशनल लीग के अध्यक्ष सुलेमान अहमद ने कहां कि कानपुर में बम
बनाते समय होने वाले विस्फोट में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के
कार्यकर्ताओं के मारे जाने के बाद यह साफ हो गया था कि प्रदेश में धमाके
करने वाले कौन लोग है परन्तु तत्कालिन मायावती सरकार ने फिरकापरस्तों के
सामने घुटने टेक दिये और उसकी जांच आगें नही बढ़ पायी। उन्होने कहां कि
आंतकी वारदातों में बेकसूर पकड़े जा रहे है और असली आंतकी आजाद घूम रहे
है।उन्होने कहां कि यदि यह सिलशिला बन्द नही हुआ तो देश गृहयुद्व की तरफ
चला जाएगा। प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद होने वाले दंगों ने गुजरात
की याद ताजा कर दी है। दंगे पूरी तरह पूर्व नियोजित और एक तरफा थे
।फैजाबाद में एक साथ दजर््ानो स्थानों पर दंगा भड़कना किसी आकस्मिक कारण
का नतीजा नही था ।
हकीम तारिक को 12 दिसम्बर 2007 को चेकपोस्ट आजमगढ़ से उठाये जाने के बाद
जिलें मे आंदोलन की अगुवाई करने वाले कौमी एकता दल के राष्ट्रीय महासचिव
तारिक शमीम ने कहां कि उस आंदोलन के नतीजे में निमेष आयोग का गठन तो हो
गया परन्तु जांच को पूरा होने में चार साल से भी अधिक का समय लग गया अब
सपा सरकार उसे सार्वजनिक न करके प्रदेश की जनता के साथ धोखा कर रही है
उन्होने कहां कि एक तरफ समाजवादी पार्टी के नेता राज्यसभा में मामले को
उठाकर अपनी वाहवाही करवाना चाहते तो दूसरी तरफ प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री
शिवपाल यादव उसके खिलाफ बयान बाजी करते है। यह प्रदेश सरकार की जनता के
साथ ठगी नही तो और क्या है? उन्होने कहांकि समाजवादी सरकार को यह स्पष्ट
करना चाहिए कि उसके वरिष्ठ मंत्री इजारयल के दौरे पर क्यों गये थे,
उन्होने मांग की कि प्रदेश के पुलिस एंव खुफिया अहलकारों के प्रशिक्षण के
मामले में इजारइल से कोई सहायता न ली जाए।
इसी अवसर पर धरने को सम्बोधित करते हुए डा0 जावेद अख्तर ने कहां कि
ज्यादातर आंतकी वारदातों में गिरप्तार किये युवक बेकसूर है पुलिस उन्हे
पहले किसी एक जगह से उठाती है और अपनी सुविधा अनुसार किसी अन्य स्थान से
अलग अलग समय पर गिरप्तारी दिखाती है। इसके अलावा सी0पी0आई0 माले के
जयप्रकाश राय, कौमी एकता दल के प्रान्तीय सचिव जावेद एडवोकेट, सामाजिक
कार्यकर्ता हाजी अहमद हुसैन,सामयिक कारवां के सम्पादक रविन्द्र नाथ राय,
विनोद यादव, तारिक शफिक, आरिफ नसीम, अंशुमाला ,शिवा, सरोज, कंचन, पुनम
इत्यादि नेे भी धरने को सम्बोधित किया। अध्यक्षता मो0 शोएब एडबोकेट तथा
संचालन मसीहुद्दीन संजरी ने किया।
द्वारा जारी
विनोद यादव, मसीहुद्दीन संजरी तारिक शफिक
09453992309 09455571488 09044797848
_______________________________________________________________
110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh Road, Lucknow
Contact-05222347365] 9415012666] 9415254919] 9452800752] 9451490693
Office - Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the
name of Terrorism
Email- rihaimanchindia@gmail.com
RIHAI MANCH
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
_______________________________________________________________
प्रति,
मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश, शासन
विषय- 12 दिसम्बर 2012 को आजमगढ़ में दिये गये धरने का मांग पत्र।
1- तारिक-खालिद की फर्जी गिरफ्तारी पर गठित आरडी निमेष जांच आयोग रिपोर्ट
को तत्काल सार्वजनिक किया जाए।
2- आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को रिहा करने का वादा तत्काल पूरा किया जाए।
3- 1992 में कानपुर में हुये साम्प्रदायिक हिंसा में साम्प्रदायिक तत्वों
को संरक्षण देने के आरोपी तत्कालीन एसएसपी और वर्तमान डीजीपी ए सी शर्मा
की भूमिका की जांच के लिये गठित जस्टिस आई एस माथुर आयोग की रिपोर्ट को
तत्काल सावर्जनिक किया जाए।
4- आतंकवाद के मामलों के लिये विशेष न्यायालय गठित करते हुये उन्हें
जमानत पर रिहा कर सुनवायी दिन-प्रतिदिन की जाए जिससे न्याय जल्द से जल्द
हो सके।
5- आतंकवाद के आरोप में बरी हुये लोगों को मुआवजा और उचित पुनर्वास की
व्यवस्था की जाए।
6- आतंकवाद के आरोप में निर्दोषों को फंसाने वाले पुलिसकर्मियों पर
कानूनी कार्रवायी की जाए।
7- मौजूदा सरकार के शासनकाल में हुये सभी साम्प्रदायिक दंगों की सीबीआई
जांच करायी जाए।
8- कानपुर में 2008 में बम बनाते समय हुये विस्फोट में मारे गये बजरंग दल
के नेताओं के मामले की सीबीआई जांच करायी जाए।
9- प्रदेश में हुये सभी आतंकी घटनाओं की सीबीआई जांच करायी जाए।
10- मई में एटीएस द्वारा उठाये गये सीतापुर के निवासी शकील के मामले में
न्यायिक जांच करायी जाए।
11- 31 दिसम्बर 2007 तथा 1 जनवरी 2008 के बीच की रात रामपुर में हुये
कथित आतंकी हमले की न्यायिक जांच करायी जाये तथा दोषी पाए जाने वाले
पुलिसजन तथा सीआरपीएफफ के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।
12- सहकारिता भवन लखनऊ में 15 अगस्त 2000 को, श्रमजीवी एक्सप्रेस बम
कांड, बाबरी मस्जिद/राम मंदिर परिसर में हुये कथित आतंकी हमला, संकटमोचन,
कैंट स्टेशन बाराणसी धमाका, राहुल गांधी पर 2007 में हुये कथित आतंकी
हमले, 23 दिसम्बर 2007 चिनहट लखनऊ में हुये आतंकवाद के नाम पर कथित
एंकाउंटर, गोरखपुर में हुये आतंकी हमले की सीबीआई जांच करायी जाए।
13- बाटला हाउस फजऱ्ी मुठभेड़ पर संसद में खामोशी क्यों? सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
14- राजनीतिक व सामाजिक संगठनों की गतिविधियों पर खुफिया विभाग की
रिपोर्ट को सूचना के अधिकार के तहत लाया जाए।
15- पुलिस अधिकारियों को दुनिया के सबसे बडे आतंकी देशों इजराइल और
अमरीका ट्रेनिंग के लिये भेजना तत्काल बंद किया जाए।
16- राज्य सरकार में मंत्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा पिछले दिनों इजराइल
की यात्रा पर इजराइल से अपने सम्बंधों पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
द्वारा- मो शुऐब, मो सुलेमान, तारिक शमीम, डा0 जावेद अख्तर, जयप्रकाश
राय, जावेद एडवोकेट, हाजी अहमद हुसैन, रविन्द्र नाथ राय, विनोद यादव,
तारिक शफिक, आरिफ नसीम, अंशुमाला ,शिवा, सरोज, कंचन, पुनम, मसीहुद्दीन।
________________________________________________________________
110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh Road, Lucknow
Contact-05222347365] 9415012666] 9415254919] 9452800752] 9451490693
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name of Terrorism
Email- rihaimanchindia@gmail.com
From: rajiv yadav <rajeev.pucl@gmail.com>
Date: 2012/12/13
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बेगुनाहों की रिहाई के सवाल पर सरकार ने मुसलमानों को धोका दिया- मो शुऐब
सपा सरकार में हुये दंगे पूर्वनियोजित- मो सुलेमान
शिवपाल यादव की इजराइल यात्रा पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे- तारिक शमीम
आजमगढ़, 12 दिसम्बर 2012, रिहाई मंच द्वारा आयोजित वादा निभाओं धरने को
सम्बोधित करते हुए मुहम्मद शोएब एडवोकेट ने अपने अध्यक्षीय भाषण में आरोप
लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार बेकसूर मुस्लिम युवकों
को रिहा करने के अपने वादे के प्रति गंभीर नही है, पार्टी के वरिष्ठ
नेताओं और बरिष्ठ मंत्रियों के बयानो में विरोधाभास के कारण भ्रम की
स्थिति उत्पन्न हो गयी है, प्रदेश सरकार दंगों की आड़ में इस मुददे की
तरफ से जनता का ध्यान हटाना चाहती है। उन्होने कहां कि निमेश आयोग के
रिर्पोट के जो अंश समाचारा पत्रो में प्रकाशित हुए है उनसे हमारे इस दावे
की पुष्टि होती है कि उन्हे बेकसूर फंसाया गया है। इसके बाद भी आयोग की
रिर्पोट को सार्वजनिक न किया जाना सरकार की नीयत की पोल खोलता है।
इंडियन नेशनल लीग के अध्यक्ष सुलेमान अहमद ने कहां कि कानपुर में बम
बनाते समय होने वाले विस्फोट में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के
कार्यकर्ताओं के मारे जाने के बाद यह साफ हो गया था कि प्रदेश में धमाके
करने वाले कौन लोग है परन्तु तत्कालिन मायावती सरकार ने फिरकापरस्तों के
सामने घुटने टेक दिये और उसकी जांच आगें नही बढ़ पायी। उन्होने कहां कि
आंतकी वारदातों में बेकसूर पकड़े जा रहे है और असली आंतकी आजाद घूम रहे
है।उन्होने कहां कि यदि यह सिलशिला बन्द नही हुआ तो देश गृहयुद्व की तरफ
चला जाएगा। प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद होने वाले दंगों ने गुजरात
की याद ताजा कर दी है। दंगे पूरी तरह पूर्व नियोजित और एक तरफा थे
।फैजाबाद में एक साथ दजर््ानो स्थानों पर दंगा भड़कना किसी आकस्मिक कारण
का नतीजा नही था ।
हकीम तारिक को 12 दिसम्बर 2007 को चेकपोस्ट आजमगढ़ से उठाये जाने के बाद
जिलें मे आंदोलन की अगुवाई करने वाले कौमी एकता दल के राष्ट्रीय महासचिव
तारिक शमीम ने कहां कि उस आंदोलन के नतीजे में निमेष आयोग का गठन तो हो
गया परन्तु जांच को पूरा होने में चार साल से भी अधिक का समय लग गया अब
सपा सरकार उसे सार्वजनिक न करके प्रदेश की जनता के साथ धोखा कर रही है
उन्होने कहां कि एक तरफ समाजवादी पार्टी के नेता राज्यसभा में मामले को
उठाकर अपनी वाहवाही करवाना चाहते तो दूसरी तरफ प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री
शिवपाल यादव उसके खिलाफ बयान बाजी करते है। यह प्रदेश सरकार की जनता के
साथ ठगी नही तो और क्या है? उन्होने कहांकि समाजवादी सरकार को यह स्पष्ट
करना चाहिए कि उसके वरिष्ठ मंत्री इजारयल के दौरे पर क्यों गये थे,
उन्होने मांग की कि प्रदेश के पुलिस एंव खुफिया अहलकारों के प्रशिक्षण के
मामले में इजारइल से कोई सहायता न ली जाए।
इसी अवसर पर धरने को सम्बोधित करते हुए डा0 जावेद अख्तर ने कहां कि
ज्यादातर आंतकी वारदातों में गिरप्तार किये युवक बेकसूर है पुलिस उन्हे
पहले किसी एक जगह से उठाती है और अपनी सुविधा अनुसार किसी अन्य स्थान से
अलग अलग समय पर गिरप्तारी दिखाती है। इसके अलावा सी0पी0आई0 माले के
जयप्रकाश राय, कौमी एकता दल के प्रान्तीय सचिव जावेद एडवोकेट, सामाजिक
कार्यकर्ता हाजी अहमद हुसैन,सामयिक कारवां के सम्पादक रविन्द्र नाथ राय,
विनोद यादव, तारिक शफिक, आरिफ नसीम, अंशुमाला ,शिवा, सरोज, कंचन, पुनम
इत्यादि नेे भी धरने को सम्बोधित किया। अध्यक्षता मो0 शोएब एडबोकेट तथा
संचालन मसीहुद्दीन संजरी ने किया।
द्वारा जारी
विनोद यादव, मसीहुद्दीन संजरी तारिक शफिक
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मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश, शासन
विषय- 12 दिसम्बर 2012 को आजमगढ़ में दिये गये धरने का मांग पत्र।
1- तारिक-खालिद की फर्जी गिरफ्तारी पर गठित आरडी निमेष जांच आयोग रिपोर्ट
को तत्काल सार्वजनिक किया जाए।
2- आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को रिहा करने का वादा तत्काल पूरा किया जाए।
3- 1992 में कानपुर में हुये साम्प्रदायिक हिंसा में साम्प्रदायिक तत्वों
को संरक्षण देने के आरोपी तत्कालीन एसएसपी और वर्तमान डीजीपी ए सी शर्मा
की भूमिका की जांच के लिये गठित जस्टिस आई एस माथुर आयोग की रिपोर्ट को
तत्काल सावर्जनिक किया जाए।
4- आतंकवाद के मामलों के लिये विशेष न्यायालय गठित करते हुये उन्हें
जमानत पर रिहा कर सुनवायी दिन-प्रतिदिन की जाए जिससे न्याय जल्द से जल्द
हो सके।
5- आतंकवाद के आरोप में बरी हुये लोगों को मुआवजा और उचित पुनर्वास की
व्यवस्था की जाए।
6- आतंकवाद के आरोप में निर्दोषों को फंसाने वाले पुलिसकर्मियों पर
कानूनी कार्रवायी की जाए।
7- मौजूदा सरकार के शासनकाल में हुये सभी साम्प्रदायिक दंगों की सीबीआई
जांच करायी जाए।
8- कानपुर में 2008 में बम बनाते समय हुये विस्फोट में मारे गये बजरंग दल
के नेताओं के मामले की सीबीआई जांच करायी जाए।
9- प्रदेश में हुये सभी आतंकी घटनाओं की सीबीआई जांच करायी जाए।
10- मई में एटीएस द्वारा उठाये गये सीतापुर के निवासी शकील के मामले में
न्यायिक जांच करायी जाए।
11- 31 दिसम्बर 2007 तथा 1 जनवरी 2008 के बीच की रात रामपुर में हुये
कथित आतंकी हमले की न्यायिक जांच करायी जाये तथा दोषी पाए जाने वाले
पुलिसजन तथा सीआरपीएफफ के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।
12- सहकारिता भवन लखनऊ में 15 अगस्त 2000 को, श्रमजीवी एक्सप्रेस बम
कांड, बाबरी मस्जिद/राम मंदिर परिसर में हुये कथित आतंकी हमला, संकटमोचन,
कैंट स्टेशन बाराणसी धमाका, राहुल गांधी पर 2007 में हुये कथित आतंकी
हमले, 23 दिसम्बर 2007 चिनहट लखनऊ में हुये आतंकवाद के नाम पर कथित
एंकाउंटर, गोरखपुर में हुये आतंकी हमले की सीबीआई जांच करायी जाए।
13- बाटला हाउस फजऱ्ी मुठभेड़ पर संसद में खामोशी क्यों? सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
14- राजनीतिक व सामाजिक संगठनों की गतिविधियों पर खुफिया विभाग की
रिपोर्ट को सूचना के अधिकार के तहत लाया जाए।
15- पुलिस अधिकारियों को दुनिया के सबसे बडे आतंकी देशों इजराइल और
अमरीका ट्रेनिंग के लिये भेजना तत्काल बंद किया जाए।
16- राज्य सरकार में मंत्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा पिछले दिनों इजराइल
की यात्रा पर इजराइल से अपने सम्बंधों पर सरकार स्थिति स्पष्ट करे।
द्वारा- मो शुऐब, मो सुलेमान, तारिक शमीम, डा0 जावेद अख्तर, जयप्रकाश
राय, जावेद एडवोकेट, हाजी अहमद हुसैन, रविन्द्र नाथ राय, विनोद यादव,
तारिक शफिक, आरिफ नसीम, अंशुमाला ,शिवा, सरोज, कंचन, पुनम, मसीहुद्दीन।
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