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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Tuesday, June 18, 2013

तबाही पहाड़ों पर है और न्यूज़ चैनलों को लग रहा है कि सबसे ज्यादा ख़तरा दिल्ली को है

तबाही पहाड़ों पर है और न्यूज़ चैनलों को लग रहा है कि सबसे ज्यादा ख़तरा दिल्ली को है

Deepak Choubey : तबाही पहाड़ों पर है और न्यूज़ चैनलों को लग रहा है कि सबसे ज्यादा ख़तरा दिल्ली को है जहां सड़कों पर सोने वाला एक आवारा कुत्ता भी नहीं बहेगा, इसकी गारंटी है। लेकिन बिना लागत की रिपोर्टिंग में जिसमें सिर्फ कैमरा लेकर रिंग रोड किनारे चले जाना हो और ग्राफिक्स पर दस ठो मोहल्ला गिनाना हो उसके जरिए सारोकार समझाया जा रहा है, लानत है ऐसी मूर्खता पर। तटबंधों से घिरी यमुना में खतरा सिर्फ उन्हों को है जो अवैध झुग्गी लगाकर उसके पेट में डेरा जमाते है और बेशक वो हमारे चैनलों के रिपोर्टर, एडिटर और सरकार के आपदा प्रबंधन से ज्यादा काबिल,समझदार और फुर्तीले हैं। चैनलों का बस चले तो उत्तर काशी के डूबने पर ये कुतुबमीनार से लाइव करवा दें...

पत्रकार दीपक चौबे के फेसबुक वॉल से.

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