RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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कोसीकला में बम धमाके में उजागर हुआ हिंदुत्ववादी आतंकवाद का चेहरा
रिहाई मंच के बेमियादी धरने के 38वें दिन उपवास पर बैठे शिव दास प्रजापति
गोरखपुर सीरियल बम विस्फोटों.2007 पर 29 जून को रिपोर्ट जारी करेगा रिहाई मंच
लखनऊ, 28 जून 2013। मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस अधिकारियों की
गिरफ्तारीए निमेष आयोग की रिपोर्ट पर तत्काल अमल करने और आतंकवाद के नाम
पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने की मांग के साथ चल रहा रिहाई
मंच का अनिश्चितकालीन धरना आज 38वें दिन भी जारी रहा। आज उपवास पर शिव
दास प्रजापति बैठे।
अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए भारतीय एकता पार्टी के नेता
सैय्यद मोईद ने कहा कि जिस तरह कोसीकला यमथुराद्ध में पिछली तीस मई को
हुए चार बम धमाकों के मामले में विश्व हिंदू परिषद का नेता पकड़ा गया हैए
उससे साबित हो जाता है कि पूरे सूबे में हिंदुत्ववादी आतंकवादी गिरोह
सक्रिय हो गए हैं जो प्रदेश के अमन चैन के लिए खतरनाक है। उन्होंने सूबे
में हुए तमाम आतंकवादी वारदातों में आरएसएस की भूमिका की जांच की मांग
करते हुए कहा कि बसपा हुकूमत में भी कानपुर में बजरंग दल के दो नेता बम
बनाते समय हुए विस्फोट में मारे जा चुके हैं जिनके पास से काफी मात्रा
में विस्फोटक पदार्थ और सरकारी और गैर.सरकारी प्रतिष्ठानों के नक्शे भी
मिले थे। उनके निशाने पर खासतौर से कानपुर का जेके मंदिर था। उसी तरह
कोसीकला में भी बम धमाके कराकर मथुरा जैसे धार्मिक नगरी में विस्फोट
कराकर सूबे का माहौल बिगाड़ने की कोशिश आरएसएस रच रही है। लेकिन अफसोस की
बात यह कि जिस तरह कानपुर के बजरंगियों के मामले में बसपा हुकूमत ने कोई
गंभीर विवेचना नहीं करवाई और मामले में फाइनल रिपोर्ट लगवाकर बजरंग दल के
आतंकी नेटवर्क को छुपाने की कोशिश की उसी तरह मुसलमानों का वोट लेकर
सत्ता में आई सपा भी कोसीकला बम विस्फोट में विश्व हिंदू परिषद के आतंकी
नेटवर्क को बचाना चाहती है। जिसकी तस्दीक इस बम कांड में पकड़े गए विहिप
नेता जगदीश अनंत पुत्र राम किशन निवासी बलदेवगंज की गिरफ्तारी के बाद
भाजपा और संघ परिवार के विरोध प्रदर्शन के आगे पुलिस अधिकारियों द्वारा
किया गया यह वादा है कि आगे से कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। जिससे सपा
और भाजपा का अंदरूनी गठजोड़ उजागर हो जाता है।
इस मौके पर मुस्लिम मजलिस के प्रवक्ता जैद अहमद फारुकी ने कहा कि जिस
कोसीकला में विश्व हिंदू परिषद द्वारा विस्फोट करवाया गया हैए वहीं पर
कुछ दिनों पहले प्रशासन के मिलीभगत से मुस्लिम विरोधी दंगा भी हुआ था।
जिसके असली मुजरिम आज भी आजाद घूम रहे हैं। ऐसे में विहिप द्वारा फिर
वहां पर आतंकी बम विस्फोट करवाने से समझा जा सकता है कि तथाकथित सेकुलर
सपा सरकार में हिंदुत्वादियों के हौसले कितने बुलंद हो गए हैं।
धरने को संबोधित करते हुए सोशलिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के मोहम्मद आफाक और
शिवदास प्रजापति ने कहा कि सपा हुकूमत में जिस तरह सपा समर्थित भू माफिया
वक्फ बोर्ड और कब्रिस्तान की जमीन कब्जाने में लगा हैए उससे लगता है कि
अब सपा ने तय कर लिया है कि उसे अब मुसलमानों का वोट 2014 में नहीं लेना
है। इसीलिए न तो वह खालिद मुजाहिद के हत्यारों को पकड़ना चाहती है और ना
ही निमेष कमीशन की सिफारिशों को अमल करना चाहती है।
अधिवक्ता असद हयात ने गृह मंत्रालय भारत सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि
इशरत जहां मुठभेड़ में पुलिस अधिकारियों की आपराधिक साजिश और फर्जी
मुठभेड़ में हत्या करने के पूरे सुबूत सीबीआई के पास मौजूद हैं। फिर भी
गृह मंत्रालय भारत सरकार इन पुलिस अधिकारियों के बचाव में पूरे मामले में
अड़ंगे लगा रहा है। जिससे कि न्यायालय में आरोप.पत्र दाखिल ना हो सकेए
आरोपों का निर्धारण ना हो सके और मुकदमा चलने में विलंब हो। धारा.197
सीआरपीसी के तहत किसी लोकसेवक के विरुद्ध न्यायालय में आरोप.पत्र दाखिल
करने से पूर्व सरकार की मंजूरी लेना केवल उसी मामले में आवश्यक होता है
जब वह कृत्य लोक सेवक द्वारा अपने पद से जुड़े कर्तव्यों के निर्वहन में
सदाशय पूर्वक किया गया हैए लेकिन साजिशन हत्या करना और फर्जी मुठभेड़
करना पद से जुड़े कर्तव्यों में शामिल नहीं है। क्या यह मान लिया जाए कि
इन पुलिस अधिकारियों का कर्तव्य यह था कि ये साजिश रचकर फर्जी मुठभेड़
करें। इस मामले में कई नजीरें माननीय सर्वोच्च न्यायालय की है। जिसमें
कानून का यही सिद्धांत निर्धारित किया गया है कि ऐसे मामलों में सरकार की
मंजूरी लेना आवश्यक नहीं है।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि 29 जून को
गोरखपुर सीरियल बम धमाकों 2007 पर दोषपूर्ण पुलिस विवेचना की परतें खोलती
एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगीए जिससे अवाम को यह पता लग सके कि
विवेचना में कितनी धांधली और फर्जीवाड़ा किया गया है। उन्होंने कहा कि यह
रिपोर्ट हम इसलिए जारी कर रहे हैं कि जिस तरह सरकार बेगुनाहों की रिहाई
के सवाल को कानूनी बहस में उलझाकर उनकी रिहाई में रोड़ा अटका रही हैए ऐसे
में यह रिपोर्ट जांच एजेंसियों की भूमिका और सत्ता के गठजोड़ को उजागर
करेगी।
धरने का संचालन शाहनवाज आलम ने किया। इस दौरान सहारनपुर से आईं सेंटर फॉर
हॉर्मनी एंड पीस की कार्यकर्ता शाहीन अंसारीए मोहम्मद फैजए रिहाई मंच के
सदर मोहम्मद शोएबए कबीरए हाजी मोहम्मद फहीमए नाफे किदवईए गुफरान
सिद्दीकीए हाजी मसीद कादरीए शम्स तबरेज आदि उपस्थित रहे।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
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कोसीकला में बम धमाके में उजागर हुआ हिंदुत्ववादी आतंकवाद का चेहरा
रिहाई मंच के बेमियादी धरने के 38वें दिन उपवास पर बैठे शिव दास प्रजापति
गोरखपुर सीरियल बम विस्फोटों.2007 पर 29 जून को रिपोर्ट जारी करेगा रिहाई मंच
लखनऊ, 28 जून 2013। मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस अधिकारियों की
गिरफ्तारीए निमेष आयोग की रिपोर्ट पर तत्काल अमल करने और आतंकवाद के नाम
पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों को छोड़ने की मांग के साथ चल रहा रिहाई
मंच का अनिश्चितकालीन धरना आज 38वें दिन भी जारी रहा। आज उपवास पर शिव
दास प्रजापति बैठे।
अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए भारतीय एकता पार्टी के नेता
सैय्यद मोईद ने कहा कि जिस तरह कोसीकला यमथुराद्ध में पिछली तीस मई को
हुए चार बम धमाकों के मामले में विश्व हिंदू परिषद का नेता पकड़ा गया हैए
उससे साबित हो जाता है कि पूरे सूबे में हिंदुत्ववादी आतंकवादी गिरोह
सक्रिय हो गए हैं जो प्रदेश के अमन चैन के लिए खतरनाक है। उन्होंने सूबे
में हुए तमाम आतंकवादी वारदातों में आरएसएस की भूमिका की जांच की मांग
करते हुए कहा कि बसपा हुकूमत में भी कानपुर में बजरंग दल के दो नेता बम
बनाते समय हुए विस्फोट में मारे जा चुके हैं जिनके पास से काफी मात्रा
में विस्फोटक पदार्थ और सरकारी और गैर.सरकारी प्रतिष्ठानों के नक्शे भी
मिले थे। उनके निशाने पर खासतौर से कानपुर का जेके मंदिर था। उसी तरह
कोसीकला में भी बम धमाके कराकर मथुरा जैसे धार्मिक नगरी में विस्फोट
कराकर सूबे का माहौल बिगाड़ने की कोशिश आरएसएस रच रही है। लेकिन अफसोस की
बात यह कि जिस तरह कानपुर के बजरंगियों के मामले में बसपा हुकूमत ने कोई
गंभीर विवेचना नहीं करवाई और मामले में फाइनल रिपोर्ट लगवाकर बजरंग दल के
आतंकी नेटवर्क को छुपाने की कोशिश की उसी तरह मुसलमानों का वोट लेकर
सत्ता में आई सपा भी कोसीकला बम विस्फोट में विश्व हिंदू परिषद के आतंकी
नेटवर्क को बचाना चाहती है। जिसकी तस्दीक इस बम कांड में पकड़े गए विहिप
नेता जगदीश अनंत पुत्र राम किशन निवासी बलदेवगंज की गिरफ्तारी के बाद
भाजपा और संघ परिवार के विरोध प्रदर्शन के आगे पुलिस अधिकारियों द्वारा
किया गया यह वादा है कि आगे से कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। जिससे सपा
और भाजपा का अंदरूनी गठजोड़ उजागर हो जाता है।
इस मौके पर मुस्लिम मजलिस के प्रवक्ता जैद अहमद फारुकी ने कहा कि जिस
कोसीकला में विश्व हिंदू परिषद द्वारा विस्फोट करवाया गया हैए वहीं पर
कुछ दिनों पहले प्रशासन के मिलीभगत से मुस्लिम विरोधी दंगा भी हुआ था।
जिसके असली मुजरिम आज भी आजाद घूम रहे हैं। ऐसे में विहिप द्वारा फिर
वहां पर आतंकी बम विस्फोट करवाने से समझा जा सकता है कि तथाकथित सेकुलर
सपा सरकार में हिंदुत्वादियों के हौसले कितने बुलंद हो गए हैं।
धरने को संबोधित करते हुए सोशलिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के मोहम्मद आफाक और
शिवदास प्रजापति ने कहा कि सपा हुकूमत में जिस तरह सपा समर्थित भू माफिया
वक्फ बोर्ड और कब्रिस्तान की जमीन कब्जाने में लगा हैए उससे लगता है कि
अब सपा ने तय कर लिया है कि उसे अब मुसलमानों का वोट 2014 में नहीं लेना
है। इसीलिए न तो वह खालिद मुजाहिद के हत्यारों को पकड़ना चाहती है और ना
ही निमेष कमीशन की सिफारिशों को अमल करना चाहती है।
अधिवक्ता असद हयात ने गृह मंत्रालय भारत सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि
इशरत जहां मुठभेड़ में पुलिस अधिकारियों की आपराधिक साजिश और फर्जी
मुठभेड़ में हत्या करने के पूरे सुबूत सीबीआई के पास मौजूद हैं। फिर भी
गृह मंत्रालय भारत सरकार इन पुलिस अधिकारियों के बचाव में पूरे मामले में
अड़ंगे लगा रहा है। जिससे कि न्यायालय में आरोप.पत्र दाखिल ना हो सकेए
आरोपों का निर्धारण ना हो सके और मुकदमा चलने में विलंब हो। धारा.197
सीआरपीसी के तहत किसी लोकसेवक के विरुद्ध न्यायालय में आरोप.पत्र दाखिल
करने से पूर्व सरकार की मंजूरी लेना केवल उसी मामले में आवश्यक होता है
जब वह कृत्य लोक सेवक द्वारा अपने पद से जुड़े कर्तव्यों के निर्वहन में
सदाशय पूर्वक किया गया हैए लेकिन साजिशन हत्या करना और फर्जी मुठभेड़
करना पद से जुड़े कर्तव्यों में शामिल नहीं है। क्या यह मान लिया जाए कि
इन पुलिस अधिकारियों का कर्तव्य यह था कि ये साजिश रचकर फर्जी मुठभेड़
करें। इस मामले में कई नजीरें माननीय सर्वोच्च न्यायालय की है। जिसमें
कानून का यही सिद्धांत निर्धारित किया गया है कि ऐसे मामलों में सरकार की
मंजूरी लेना आवश्यक नहीं है।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने कहा कि 29 जून को
गोरखपुर सीरियल बम धमाकों 2007 पर दोषपूर्ण पुलिस विवेचना की परतें खोलती
एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगीए जिससे अवाम को यह पता लग सके कि
विवेचना में कितनी धांधली और फर्जीवाड़ा किया गया है। उन्होंने कहा कि यह
रिपोर्ट हम इसलिए जारी कर रहे हैं कि जिस तरह सरकार बेगुनाहों की रिहाई
के सवाल को कानूनी बहस में उलझाकर उनकी रिहाई में रोड़ा अटका रही हैए ऐसे
में यह रिपोर्ट जांच एजेंसियों की भूमिका और सत्ता के गठजोड़ को उजागर
करेगी।
धरने का संचालन शाहनवाज आलम ने किया। इस दौरान सहारनपुर से आईं सेंटर फॉर
हॉर्मनी एंड पीस की कार्यकर्ता शाहीन अंसारीए मोहम्मद फैजए रिहाई मंच के
सदर मोहम्मद शोएबए कबीरए हाजी मोहम्मद फहीमए नाफे किदवईए गुफरान
सिद्दीकीए हाजी मसीद कादरीए शम्स तबरेज आदि उपस्थित रहे।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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