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Memories of Another day

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Monday, June 17, 2013

जान जोखिम में डालकर जूझ रहे उत्तराखंड के इन पत्रकारों को सलाम

जान जोखिम में डालकर जूझ रहे उत्तराखंड के इन पत्रकारों को सलाम

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Category: सुख-दुख...
Created on Monday, 17 June 2013 13:32
Written by मयंक सक्सेना

Mayank Saxena : आप दिल्ली में बड़े पत्रकार हैं, आप के बड़े नेताओं से सम्बंध हैं, आप बड़े होटलों में पार्टी करते हैं, बड़ी गाड़ियों से चलते हैं, आपको कई सम्मान मिल चुके हैं...आप टीवी के सेलेब्रिटी हैं...लोग सड़कों पर आपको घेर लेते हैं...ऑटोग्राफ भी मांगते हैं...लेकिन आपके लिए आपदाग्रस्त इलाकों और युद्ध की रिपोर्टिंग करना सिर्फ करियर चमकाने का प्रयोजन और एडवेंचर टूरिज़्म है...

चलिए आपको कुछ और पत्रकारों से मिलवाता हूं...उनमें से एक अभी चमोली में है...एक रुद्रप्रयाग में...एक उत्तरकाशी में...एक के घर के चारों ओर पानी भर गया है...एक के पास गाड़ी चलाने के लिए सड़क नहीं बची है...एक के इलाके में मोबाइल ठप हो गए हैं...पहाड़ों पर चढ़ कर...पैदल...पानी की धार को पार करते हुए...बीएसएनएल के दफ्तर में घंटों बैठ कर...बिजली न होने पर पास के कस्बे तक जा कर...

ज़रा सोचिए कि किस कदर जान जोखिम में डाल कर वो पत्रकार जिसकी सैलरी आपकी एक महीने की शराब के खर्च से भी कम है...उत्तराखंड के दुर्गम इलाकों से आप तक ख़बरें और विसुअल पहुंचा रहा है...वहां से, जहां न इस वक्त इंटरनेट काम कर रहा है...न फोन...न ही बिजली...

रोहित डिमरी (रुद्रप्रयाग)...सुरेंद्र रावत (चमोली)... सुभाष बडोनी (उत्तरकाशी)... मोहन कुमार (श्रीनगर)...मयंक जोशी (पिथौरागढ़) आभार आप सबको...क्योंकि आपको शाबास कहने की हमारी हैसियत नहीं है... आप जो बड़े पत्रकार हैं, जब भी किसी बड़े मंच पर अवार्ड लेने जाएं...तो इनको याद रखें...ये कुछ नाम हैं...बाकी तो और बहुत नाम हैं...

पत्रकार मयंक सक्सेना के फेसबुक वॉल से.

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