Hastakshep.com पर आज के ताज़ा आलेख और समाचार |
- जब टाइम और स्पेस कोलॅप्स करता है, तब चेतना का निर्माण नये तरीके से होता है
- फासिज़्म से लड़ने का बीड़ा मध्यवर्गीयों और उनके बुद्धिजीवियों ने ही उठाया
- इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा लगा देने से ही बुद्धिजीवी क्रान्तिकारी नहीं हो जाता
- क्या आम जनता के लिये भी कोई लोकतन्त्र है?
- 'एक लड़की की कहानी' और 'गिरगिट'
- दिविवि में चार वर्षीय बी. ए. पाठयक्रम के विरोध में डॉ. प्रेम सिंह धरना पर
- इस महाभारत के अर्जुन के पास कोई कृष्ण नहीं है
- भारतीय सिनेमा के दूसरे सहगल थे मास्टर मदन
- लोकतन्त्र को पारदर्शी बनाने की माँग करने वाले लोग राजनीति को पारदर्शी बनाने को क्यों तैयार नहीं
- निमेष कमीशन का हश्र श्री कृष्णा आयोग जैसा करना चाहती है सपा
जब टाइम और स्पेस कोलॅप्स करता है, तब चेतना का निर्माण नये तरीके से होता है Posted: 06 Jun 2013 07:12 AM PDT मध्य वर्ग का बदलता चरित्र -3 अनिल राजिमवाले (विगत 26 अप्रेल 2013 को जाने माने विचारक अनिल राजिमवाले का व्याख्यान रायगढ़ इप्टा और प्रगतिशील लेखक संघ (प्रलेस) के संयुक्त आयोजन में हुआ था। इसके बाद 27 तथा 28 अप्रेल को रायगढ़ इप्टा द्वारा वैचारिक कार्यशाला भी आयोजित की गयी। अनिल जी ने मध्य वर्ग के बदलते चरित्र पर विस्तार [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
फासिज़्म से लड़ने का बीड़ा मध्यवर्गीयों और उनके बुद्धिजीवियों ने ही उठाया Posted: 06 Jun 2013 06:45 AM PDT ग्राम्शी और तोग्लियाकी जैसे महान विचारकों ने फासिज़्म का पर्दाफाश किया। लेकिन वे इटली या जर्मनी में फासिज़्म को रोक नहीं सके क्योंकि बुद्धिजीवियों के दूसरे तबके फासिज़्म से, फासिज़्म की चमक-दमक से चमत्कृत थे। यह अन्तर्विरोध इस तबके में होता है लेकिन फिर भी फासिज़्म से लड़ने का बीड़ा मध्यवर्गीयों ने ही उठाया, उनके बुद्धिजीवियों ने उठाया। पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा लगा देने से ही बुद्धिजीवी क्रान्तिकारी नहीं हो जाता Posted: 06 Jun 2013 06:27 AM PDT दोस्तोव्स्की ने एक जगह लिखा है, बहुत इंटरेस्टिंग है - 'नोट्स फ्रॉम द प्रिज़न हाउस' में उन्होंने लिखा है कि एक कैदी भाग रहा है, भागने की तैयारी कर रहा है साइबेरिया से, कैम्प से। वह पैसे जमा करता है। उनका कमेंट है, ''मनी इज़ मिंटेट फ्रीडम'' - ''सिक्का मुद्रा के रूप में ढाली गयी आज़ादी है।'' कितने गहरे रूप में पूँजीवादी युग में मुक्ति, व्यक्ति और वर्ग की आज़ादी को सिर्फ एक लाइन में फियोदोर दोस्तोव्स्की ने अपनी किताब में प्रदर्शित किया है। पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
क्या आम जनता के लिये भी कोई लोकतन्त्र है? Posted: 05 Jun 2013 11:47 PM PDT पूँजीपतियों के लूट को बनाये रखने के लिये देश की जनता पर अघोषित युद्ध थोप दिया गया है। इस अघोषित युद्ध को छिपाने के लिये ही प्रचारित किया जा रहा है कि नक्सलवाद अपने वैचारिक संघर्षों से भटक गया है और आतंकवाद व गुंडा गिरोह में तब्दील होकर चंदा उगाही कर रहा है; पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
'एक लड़की की कहानी' और 'गिरगिट' Posted: 05 Jun 2013 10:42 PM PDT शाहाबाद डेयरी में अनुराग ट्रस्ट का बाल सर्जनात्मकता शिविर दिल्ली। उत्तर-पश्चिम दिल्ली में शाहाबाद डेरी की मज़दूर बस्ती में 'अनुराग ट्रस्ट' की ओर से 31 मई से एक सप्ताह 'बाल सर्जनात्मकता शिविर' आयोजित किया गया। शिविर के समापन पर बच्चों ने इस दौरान तैयार किये गये दो नाटकों 'एक लड़की की कहानी' और 'गिरगिट' तथा [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
दिविवि में चार वर्षीय बी. ए. पाठयक्रम के विरोध में डॉ. प्रेम सिंह धरना पर Posted: 05 Jun 2013 10:30 PM PDT नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में चार वर्षीय बी. ए. पाठयक्रम (FYUP) के मुददे के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक एवम् सोशलिस्ट पार्टी के महासचिव डॉ. प्रेम सिंह बुधवार 05जून2013 से तीन दिवसीय अनशन शुरू किया जो आगामी 07 जून 2013 तक चलेगा । डॉ. प्रेम सिंह का कहना है कि उनके सर्मथन में आये [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
इस महाभारत के अर्जुन के पास कोई कृष्ण नहीं है Posted: 05 Jun 2013 09:37 PM PDT काँग्रेस से यह पूछा जाना चाहिये कि जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सलवा जुडूम को असंवैधानिक करार देते हुये तत्काल भंग करने के आदेश दिये थे तो उसने उस मुहिम के जन्मदाता महेन्द्र कर्मा को पार्टी की सदस्यता से निष्कासित क्यों नहीं किया?और यदि रमण सिंह की सरकार केन्द्रीय कानूनों और परियोजनाओं का समुचित क्रियान्वयन नहीं कर रही है तो केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार इसकी अनदेखी क्यों करती रही? पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
भारतीय सिनेमा के दूसरे सहगल थे मास्टर मदन Posted: 05 Jun 2013 10:53 AM PDT Your ads will be inserted here byGoogle AdSense.Please go to the plugin admin page to set up your ad code. { मास्टर मदन की प्रतिभा से प्रख्यात कवि मैथलीशरण गुप्त भी काफी प्रभावित हुये और उन्होंने इसका वर्णन अपनी पुस्तक "भारत भारती" में किया है } सुनील दत्ता भारतीय संगीत जगत में अपने सुरों से [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
लोकतन्त्र को पारदर्शी बनाने की माँग करने वाले लोग राजनीति को पारदर्शी बनाने को क्यों तैयार नहीं Posted: 05 Jun 2013 10:30 AM PDT Your ads will be inserted here byGoogle AdSense.Please go to the plugin admin page to set up your ad code. काजल की कोठरी में सबके चेहरे रंगीन, इसीलिये सूचना के अधिकार को डम्प करने लगी राजनीति! पलाश विश्वास राजनीति इस देश में सबसे पवित्र गाय है क्योंकि लोकतन्त्र और कानून व्यवस्ता का ठेका उसी का [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
निमेष कमीशन का हश्र श्री कृष्णा आयोग जैसा करना चाहती है सपा Posted: 05 Jun 2013 09:22 AM PDT Your ads will be inserted here byGoogle AdSense.Please go to the plugin admin page to set up your ad code. मुलायम जब भी शासन में आये हैं उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ सिर्फ दंगे ही कराये हैं निमेष कमीशन के सवाल पर मुसलमानों को गुमराह कर रही है सरकार- रिहाई मंच खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस [...] पूरा आलेख पढने के लिए देखें एवं अपनी प्रतिक्रिया भी दें http://hastakshep.com/ |
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